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बच्चे के लगातार और बार बार रोने का क्या है मतलब?

What to do if Baby is Crying Continuously? | Dr Sharmila Ghosal

जन्म के बाद से लेकर लगभग 1 साल तक के बच्चे अपनी हर ज़रूरत के बारे में रो कर ही बताते हैं फिर चाहे उन्हें भूख लगी हो, नींद आ रही हो या कोई और परेशानी। लेकिन अगर बच्चा लगातार और बार-बार रोए तो इससे आप समझ सकते हैं कि बच्चे को किसी न किसी तरह की शारीरिक परेशानी ज़रूर है। बच्चा बार-बार रोए तो क्या करना चाहिए बता रही हैं डॉ शर्मिला घोष तपादर।

बच्चे बार-बार क्यों रोते हैं? (Why do babies cry continuesly in Hindi)

जन्म के बाद से लेकर कम से कम छह महीने तक बच्चे किसी भी तरह का मूवमेंट नहीं कर पाते। इसलिए उनके पेट में गैस हो जाती है और उन्हें पेट में दर्द भी रहता है। बच्चा लगातार चीख-चीख कर रोने लगे और उसके रोने का कोई दूसरा कारण नज़र ना आए तो ये समझ लेना चाहिए कि बच्चा पेट में गैस और दर्द की वजह से परेशान है। हालांकि, ये एक सेल्फ लिमिटिंग प्रॉब्लम है यानि समय के साथ खुद ही समाप्त होने वाली दिक्कत क्योंकि एक बार जब बच्चा हिलना-डुलना शुरू करता है तो उससे पेट में जमा गैस अपने आप निकलती रहती है।

तब तक गैस को दूर करने के लिए क्या करें? (What to do to prevent gas in Hindi)

बच्चे को दूध पिलाने के बाद थोड़ी देर तक उसे कंधे पर रखकर पीठ पर ऊपर से नीचे सहलाना चाहिए ताकि बच्चा डकार ले सके। दूध पीते समय बच्चा काफ़ी मात्रा में हवा अपने अंदर भर लेता है और इसे निकालने के लिए बच्चे को डकार दिलाना आवश्यक है। इसके अलावा, बच्चे के पैरों को उठाकर पेट की तरफ़ ले जाएं जिसकी पेट में जमा गैस बाहर निकल सके।

बच्चे को पेट में गैस की समस्या अधिकतर रात के समय होती है और घर के लोग इस बात पर परेशान हो जाते हैं कि बच्चा लगातार क्यों रो रहा है। बच्चा अगर लगातार और बार-बार रोए तो एक बार उसके पूरे शरीर का अच्छी तरह से निरीक्षण ज़रूर करना चाहिए कि उसे किसी तरह की परेशानी तो नहीं है। जब कोई दूसरा और कारण ना मिले तो समझ जाएं कि बच्चा पेट में दर्द और गैस की वजह से परेशान है।

डिसक्लेमर – बच्चे अगर लगातार और बार-बार रोए तो ऐसे में क्या करना चाहिए, इस पर लिखा गया है यह लेकर पूर्णतः डॉक्टर शर्मीला घोष तपादर, बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on Baby’s Excessive Crying, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Sharmila Ghosh Tapadara Pradhan (Paediatrician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.

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