पेशाब का रंग हमेशा सफ़ेद या हल्का पीला होना चाहिए लेकिन अगर इसमें लालपन दिखे तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं। पेशाब में ख़ून आने को हेमाचूरिया कहा जाता है जो शरीर की अंदरूनी समस्या के कारण होता है। हेमाचूरिया के बारे में बता रहे हैं डॉ एस एन संखवार।
- पेशाब में ख़ून आने का क्या मतलब है?
- किन कारणों से पेशाब में ख़ून आ सकता है?
- हेमाचूरिया के प्रकार
- हेमाचूरिया की जांच कैसे होती है?
- हेमाचूरिया का इलाज
- पेशाब में ख़ून न आए, इसके लिए क्या करें?
पेशाब में ख़ून आने का क्या मतलब है? (What is hematuria (blood in urine) in Hindi)
पेशाब का रंग सफ़ेद या हल्का पीला होता है लेकिन अगर इसमें किसी तरह की लालिमा हो तो इसका मतलब है कि पेशाब में ख़ून आ रहा है। पेशाब में खून आने की कई वजह हैं।
किन कारणों से पेशाब में ख़ून आ सकता है? (Causes of bleeding in the urine in Hindi)
पेशाब में ख़ून कई कारणों से आ सकता है जैसे कि चोट लगने के कारण और पेशाब की रास्ते में पथरी या किसी गांठ के होने पर। इसके अलावा कुछ लोगों में इंफेक्शन की वजह से ऐसा होता है। जिन मरीज़ों को ख़ून पतला करने की दवाइयां दी जाती हैं उनके पेशाब में भी ख़ून आ सकता है। डेंगू और मलेरिया के मरीज़ों में प्लेटलेट्स काफ़ी कम हो जाता है और इसलिए ख़ून का थक्का नहीं जम पाता। डेंगू और मलेरिया के मरीजों में भी हेमाचूरिया देखा जाता है और ये उनके लिए गंभीर बात है।
हेमाचूरिया के प्रकार (Types of Hematuria in Hindi)
हेमाचूरिया दर्द के साथ भी हो सकता है और बिना दर्द के भी। इसलिए डॉक्टर मरीज़ की जांच करके पता लगाते हैं कि शरीर के किस अंग से ख़ून का रिसाव हो रहा है। ख़ून का रिसाव पेशाब की थैली, किडनी या फिर पेशाब के रास्ते यानि यूरेथेरा से भी हो सकता है।
हेमाचूरिया की जांच कैसे होती है? (How is Hematuria tested in Hindi)
हेमाचूरिया का पता लगाने के लिए यूरीन कल्चर, ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड किया जाता है। ब्लड टेस्ट द्वारा ब्लड यूरिया, हीमोग्लोबिन और सीबीसी का पता लगाया जाता है। इसके अलावा, सीटी स्कैन की मदद भी ली जाती है।
हेमाचूरिया का इलाज (Treatment of Hematuria in Hindi)
इलाज के लिए डॉक्टर पहले ये देखते हैं कि किस अंग से ख़ून का रिसाव हो रहा है और उसका क्या कारण है। पेशाब की थैली में गांठ या किसी ट्यूमर के मिलने पर उसे लेज़र तकनीक से हटा दिया जाता है। कभी कभी प्रॉस्टेट के बढ़ने पर भी पेशाब में ख़ून आने लगता है। ऐसे में ऑपरेशन करके प्रॉस्टेट ग्लैंड को हटा दिया जाता है। इसी तरह किडनी में भी किसी प्रकार के गांठ, पत्थरी या ट्यूमर होने पर आवश्यकतानुसार लेज़र तकनीक या फिर ऑपरेशन द्वारा इलाज किया जाता है। अगर हेमाचुरिया का कारण डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी है तो इसमें मरीज़ को प्लेटलेट्स चढ़ाकर उसकी संख्या बढ़ा दी जाती है जिससे ख़ून का थक्का जमने लगता है और पेशाब में खून नहीं आता। वहीं किसी इंफेक्शन के होने पर उसी अनुसार इलाज किया जाता है।
पेशाब में ख़ून न आए, इसके लिए क्या करें? (Prevention of Hematuria in Hindi)
हेमाचूरिया से बचाव के लिए किसी तरह के इंफेक्शन और चोट लगने से बचें। साथ ही साथ डेंगू और मलेरिया से खुद को बचाएं।
डिस्क्लेमर- पेशाब में खून आने (हेमाचूरिया) की बीमारी, इसके कारण, लक्षण और इलाज पर लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉ एस एन संखवार, यूरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
Note: This information on Hematuria, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr SN Sankhwar, a Urologist and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.