सही खानपान न होना और सुस्त जीवनशैली का असर सबसे पहले शरीर पर मोटापे के तौर पर दिखता है। चिकनाईयुक्त खाना और व्यायाम नहीं करने से शरीर में फैट्स की मात्रा बढ़ जाती है। यूं तो मोटापा पूरे शरीर को घेर लेता है लेकिन ज़्यादातर लोग पेट की चर्बी यानि बेली फैट्स से जूझते नज़र आते हैं। पेट की चर्बी को कम करने और सही डाइट लेने के बारे में बता रही हैं निधि आनंद।

फैट्स का शरीर में क्या काम होता है? (Function of fats in the body in Hindi)

फैट्स एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रेंट है जिसका हमारे शरीर में अहम रोल होता है। फैट्स दो तरह के होते हैं जिनमें सेचुरेटेड और अनसेचुरेटेड फैट्स शामिल हैं। शरीर को ऊर्जा देने के साथ विटामिन ए, डी, ई और के को पूरे शरीर में पहुंचाने का काम भी फैट्स द्वारा होता है क्योंकि ये सभी विटामिन फैट्स में घुलनशील होते हैं। वैसे तो हमारे शरीर को फैट्स की आवश्यकता बहुत कम मात्रा में होती है लेकिन ये शरीर के बहुत सारे कार्यों को पूरा करते हैं। लेकिन जब ज़रूरत से ज़्यादा कोई व्यक्ति फैट्स का इस्तेमाल करता है तो धीरे धीरे ये शरीर में जमना शुरू हो जाते हैं। 

belly fat in hindi

अधिकतर किन अंगों में चर्बी जमा हो जाती है? (In which organs do most of the fat get deposit in Hindi)

फैट्स का जमाव ज़्यादातर पेट, कूल्हे और महिलाओं में ब्रेस्ट के आसपास होता है। पेट की चर्बी यानि बैली फैट्स दो तरह की होती है। पहले तरह के फैट्स को विज़रल फैट्स कहा जाता है जो पेट के आसपास के अंगों पर जमा हो जाती है। वहीं सबड्यूडिनल फैट्स त्वचा के ठीक नीचे जमा हो जाती है। 

junk food and alcohol

पेट की चर्बी बढ़ने के क्या कारण हैं? (Causes of increasing belly fat in Hindi)

पेट की चर्बी बढ़ने के कई कारण होते हैं जिनमें सही खानपान न होना, अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना,  किसी प्रकार का शारीरिक व्यायाम न करना, अच्छी नींद ना लेना और तनाव शामिल है। अच्छे खानपान से मतलब है एक बैलेंस डाइट जिसमें फल, सब्जियां, दूध वगैरह शामिल हों और चिकनाईयुक्त तथा मीठी चीज़ें कम हों। शराब के अधिक सेवन से बचना चाहिए और कम से कम 6-8 घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए। इसके अलावा, हर रोज़ व्यायाम करना चाहिए और तनाव को कम करने की‌ कोशिश करनी चाहिए। 

exercise

पेट की चर्बी को कैसे करें कम? (How to reduce belly fat in Hindi)

बेली फैट्स को कम करने में सबसे ज़रूरी है एक हेल्दी और अच्छी डाइट के साथ नियमित तौर पर व्यायाम करना और लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन। आमतौर पर भारतीय घरों में दिन भर में तीन बार भोजन किया जाता है जबकि इसके बजाय अगर दिनभर में थोड़ा थोड़ा करके खाना चाहिए। सुबह उठने के बाद आप गुनगुना पानी, ज़ीरा या फिर अजवाइन का पानी पिएं जिससे शरीर में जमा होने वाली गंदगी बाहर निकल जाती है। नाश्ते के बाद और दोपहर के भोजन से पहले बीच में हल्का फुल्का आहार लेना चाहिए जिसमें फल, स्प्राउट्स, लस्सी, नारियल पानी वगैरह लिए जा सकते हैं। इसी तरह दोपहर के भोजन और रात के खाने से पहले बीच में चाय के साथ पनीर, मखाना, ड्राई फ्रूट्स जैसे हल्के फुल्के स्नेक्स खाए जा सकते हैं।  सोने से कम से कम 2 या 3 घंटे पहले अपने रात का भोजन लें। फल, सब्जियों और मोटे अनाज जैसे गेहूं, रागी, जौ वगैरह को आहार में शामिल करें। हाइ प्रोटीन और फाइबर से भरपूर आहार लें। 

healthy food

कैसी होनी चाहिए एक परफेक्ट डाइट? (What should be a perfect diet in Hindi)

सुबह की शुरुआत चाय या कॉफी से नहीं बल्कि सादे पानी, नींबू पानी, ज़ीरा, अजवाइन या फिर सौंफ के पानी से कर सकते हैं। खाली पेट चाय कॉफी पीने से आपको बीपी और शुगर की दिक्कत हो सकती है। नाश्ते के समय ये ध्यान रखना चाहिए कि ब्रेकफास्ट होल फाइबर और प्रोटीन से भरपूर हो। कोशिश करें कि सिंपल कार्बोहाइड्रेट की बजाए कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और फाइबर भी अच्छी मात्रा में हो। मौसमी फल और सब्जियों का सेवन ज़्यादा करें, कम से कम तीन से चार लीटर पानी ज़रूर पिएं, बहुत ज़्यादा नमक, चीनी, पैकेज्ड फूड और जंक फूड लेने से बचें। ये भी ध्यान रहे कि जो आहार आप ले रहे हैं वो सही मात्रा में होनी चाहिए। 

डायटिशियन की सलाह (Dietician’s Advice in Hindi)

ऐसा नहीं है कि आप बाहर का कुछ भी नहीं खा सकते। हफ्ते में 1 दिन आप अपनी मनपसंद चीज़ें खा सकते हैं लेकिन उसी मुताबिक आपको व्यायाम भी करना होगा। भोजन करने के बाद तुरंत बिस्तर पर नहीं लेटें बल्कि थोड़ा टहलें और फिर सोएं। थोड़े से लाइफस्टाइल मोडिफिकेशन के साथ आप पेट पर जमी चर्बी को कम कर सकते हैं।  

डिस्क्लेमर-  बेली फैट्स यानि पेट की चर्बी होने के कारण और इसके निदान पर लिखा गया यह लेख पूर्णतः निधि आनंद, डाइटिशियन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

This information on How To Reduce Belly Fat in Hindi is based on an extensive interview with Nidhi Anand (Dietician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.