मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज़ के शरीर में तेज़ झटके आते हैं। ये दिमाग़ की नसों में किसी कारण से होने वाले बदलाव से होता है। मिर्गी का दौरा पड़ने पर अक्सर लोग मरीज़ को बदबूदार चीजें सुंघाते हैं और कई तरह के घरेलु उपाय करते हैं। क्या सचमुच इन उपायों से फ़ायदा होता है, जानिए इस लेख में।

मिर्गी का दौरा क्यों पड़ता है? (Causes of Epilepsy in Hindi)

हमारे दिमाग़ में नसों का जाल होता है जिसे न्यूरॉन्स कहते हैं। इन न्यूरॉन्स के इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज में आई किसी ख़राबी के कारण मिर्गी या दौरा पड़ता है।

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क्या घरेलू उपाय करने चाहिए? (Are home remedies helpful in Hindi)

मिर्गी का दौरा पड़ना कोई सामान्य बात नहीं है क्योंकि इसमें कभी-कभी मरीज़ की जान भी चली जाती है इसलिए किसी भी तरह के घरेलू उपाय नहीं करने चाहिए। सालों से लोग इस तरह की स्थिति में मरीज़ को बदबूदार चीज़ें जैसे जूते-चप्पल वगैरह सुंघाते हैं। जबकि ये केवल अंधविश्वास और अज्ञानता का परिचय है क्योंकि इससे मरीज़ ठीक नहीं हो सकता।

मिर्गी या दौरा पड़ने पर मरीज़ को कैसे संभालें? (How to take care of the patient in Hindi)

दौरा पड़ने की स्थिति में सबसे पहले मरीज़ को ऐसी जगह पर ले जाएं जो पूरी तरह सुरक्षित हो जैसे कि उस जगह पर आसपास कोई नुकीली चीज़ नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे मरीज़ को चोट लग सकती है। इसके बाद मरीज़ को करवट देकर लिटाएं। करवट दे कर लिटाने के बाद सबसे पहले ये देखें कि उसकी सांस ठीक से चल रही है या नहीं क्योंकि ऐसी स्थिति में कभी-कभी मरीज़ उल्टी कर देता है जो उसके फेफड़ों में चला जाता है और उसे सांस लेने में दिक्कत होती है। अगर ऐसी स्थिति में आपके पास सक्शन मौजूद है तो उसके गले में फंसे लार या उल्टी को निकालने की कोशिश करें। सक्शन मौजूद नहीं हो तो ऐसे में उसे मुँह की तरफ़ झुकाकर रखें जिससे कि किसी भी तरह का तरल पदार्थ उसके मुँह से बाहर आ सके।

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क्या मिर्गी के मरीज़ों को सीपीआर देना चाहिए? (Can CPR be given to the person in Hindi)

बिलकुल नहीं, मिर्गी के मरीज़ों को झटके आने पर सीपीआर बिलकुल नहीं देना चाहिए क्योंकि सीपीआर के केवल दिल के मरीज़ों को दिया जाता है।

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क्या दौरा पड़ने से मरीज़ की जान भी जा सकती है? (Is epilepsy fatal in Hindi)

हाँ, कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि मरीज़ दौरा पड़ने पर उल्टियाँ कर देते हैं या उनके मुँह में लार भर जाती है जिसके कारण वो सांस नहीं ले पाते। अधिकतर मरीज़ों की मौत सांस न ले पाने के कारण ही हो जाती है। इसलिए अगर मरीज़ को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो जितनी जल्दी हो सके उसे अस्पताल लेकर जाएं।

डिसक्लेमर- मिर्गी या दौरा पड़ने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए, इस पर लिखा गया यह लेकर पूर्णतः डॉक्टर परमात्मा मौर्य, न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on Epilepsy , in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Parmatma Maurya (Neurologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.