ब्रेन हैमरेज एक ऐसी स्थिति है जिसमें मरीज़ का बचना बहुत मुश्किल होता है। ब्रेन हैमरेज होने के कारण, इलाज तथा बचाव के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं डॉ राजकुमार, न्यूरोसर्जन।  

ब्रेन स्ट्रोक के अंतर्गत आता है ब्रेन हैमरेज (Brain Hemorrhage comes under brain stroke in Hindi)

ब्रेन हैमरेज की स्थिति को समझने से पहले ब्रेन स्ट्रोक के बारे में जानना ज़रूरी है क्योंकि ब्रेन हैमरेज, ब्रेन स्ट्रोक का ही एक कंपोनेंट है। मस्तिष्क तक ख़ून, ऑक्सीजन और ग्लूकोज़ पहुंचाने का काम चार मुख्य धमनियां करती हैं। किन्हीं कारणों से जब इन धमनियों या इनसे जुड़ी शाखाओं में रक्त का प्रवाह रुक जाता है तो उसे ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं और ऐसा होने पर जब धमनियां फट जाती हैं तो उसे ब्रेन हैमरेज कहा जाता है। 

इस्कीमिक स्ट्रोक और हैमोरेजिक स्ट्रोक में अंतर (Difference Between Ischemic Stroke and Brain Hemorrhage in Hindi) 

ब्रेन स्ट्रोक दो तरीक़े के होते हैं जिनमें एक है इस्कीमिक स्ट्रोक। जब दिमाग़ तक ख़ून पहुंचाने वाली धमनियों में किसी कारण से थक्का जम जाता है और रक्त का प्रवाह रुक जाता है तो इसे इस्कीमिक स्ट्रोक कहते हैं। लगभग 80% मरीज़ों में इस्कीमिक स्ट्रोक ही पाया जाता है जबकि 15-20 प्रतिशत मामलों में धमनियों में रुकावट के कारण धमनियां फट जाती हैं और ख़ून बह जाता है तो उसे हैमोरेजिक स्ट्रोक यानि ब्रेन हैमरेज के नाम से जाना जाता है। 

blood pressure

हाइपरटेंशन है ब्रेन हैमरेज होने की सबसे बड़ी वजह (Hypertension is the biggest reason for Brain Hemorrhage in Hindi)

लगभग 70 से 80 प्रतिशत मामलों में हाइपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप ब्रेन हैमरेज होने का कारण है। इसके अलावा, डायबिटीज़ होने से भी ख़ून में थक्का जम जाता है। 

ब्रेन हैमरेज होने के अन्य कारण (What are the other causes of Brain Hemorrhage in Hindi)

धमनियों की दीवारें कमज़ोर हो जाने पर उनमें गुब्बारे जैसा आकार बन जाना, धमनियों के गुच्छे बन जाना, कुछ दवाइयों के सेवन से और लिवर की कुछ बीमारियों के कारण भी ख़ून की आवाजाही प्रभावित होना ब्रेन हैमरेज की स्थिति को जन्म देते हैं। इसके अलावा भी कई और दूसरे कारण होते हैं। 

brain hemorrhage

ब्रेन हैमरेज होने के लक्षण (Symptoms of Brain Hemorrhage in Hindi)

ब्रेन हैमरेज एक आकस्मिक स्थिति होती है। अगर हाइपरटेंशन की वजह से ब्रेन हैमरेज हो तो इसमें मरीज़ का ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो जाता है, वह बेहोश हो सकता है, सांसें तेज़ चलने लगती हैं, शरीर के किसी हिस्से में फ़ालिज हो सकता है। वहीं दूसरे लक्षणों की बात करें तो धमनियों के फट जाने पर सिर में असहनीय दर्द होना, उल्टियां होना, धीरे धीरे होश खो बैठना, शरीर के किसी एक भाग का काम करना बंद कर देना, हाथ-पैर का काम न करना, ज़ुबान लड़खड़ाना, आँखों से दिखाई न देना जैसे लक्षण होते हैं। 

treatment of brain hemorrhage

क्यों जानलेवा होता है ब्रेन हैमरेज? (Why is Brain Hemorrhage fatal in Hindi)

ब्रेन हैमरेज एक घातक स्थिति होती है जिसमें लगभग 55% लोगों की मौत हो जाती है। क्योंकि दिमाग़ को हर समय ऑक्सीजन और ख़ून की सप्लाई की ज़रूरत पड़ती है, ऐसे में इनके बाधित होने पर दिमाग़ पर दबाव और भी ज़्यादा बढ़ जाता है। इसलिए, ब्रेन हैमरेज के लक्षण दिखने पर बिना देर किए मरीज़ को अस्पताल पहुंचाना ज़रूरी होता है जिससे कि बाधित चीज़ों की सप्लाई को दोबारा शुरू किया जा सके। यदि किसी व्यक्ति को अचानक ब्रेन हैमरेज हो जाता है तो ऐसी स्थिति में घर के लोगों को मरीज़ को करवट लेकर लेटा देना चाहिए और उसकी सांसें चल रही हैं या नहीं, ये देखना चाहिए। दौरा पड़ने के दौरान कभी भी मुँह के अंदर उंगलियां न डालें और बिना देर किए नज़दीकी अस्पताल ले जाएं। 

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ब्रेन हैमरेज का इलाज (How is the treatment of Brain Hemorrhage done in Hindi)

इसके इलाज के लिए आज अस्पतालों में बहुत सारी आधुनिक तकनीक मौजूद हैं। ब्रेन हैमरेज के मरीज़ों में सबसे पहले ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की जाती है, दिमाग़ की सूजन को कम किया जाता है और दिमाग़ को होने  वाले दूसरे नुकसान से बचाया जाता है। इसके बाद डॉक्टर ये तय करते हैं कि ख़ून का थक्का निकाला जाए या नहीं। अगर ख़ून का थक्का निकाले जाने की स्थिति होती है तो ऐसे में पहले ख़ून के थक्के को घुलाने के लिए दवाइयां दी जाती हैं और फिर इसे निकाल लिया जाता है। इसके अलावा, धमनियों के गुच्छे बनने पर उसे काटकर निकाला जाता है। 

ब्रेन हैमरेज जैसी घातक स्थिति से कैसे बचें? (How to avoid fatal condition like Brain Hemorrhage in Hindi)

ब्रेन हैमरेज जैसी जानलेवा स्थिति से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना। इसके अलावा, अपने शरीर का वज़न ना बढ़ने दें, डायबिटीज़ को नियंत्रित रखें, शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से रोकें, धूम्रपान ना करें, नियमित तौर पर व्यायाम करें। इसके अलावा, ऐसे सिरदर्द को भी अनदेखा न करें जिसमें उल्टियों के साथ साथ गर्दन में जकड़न महसूस हो। इन सभी उपायों को करने से ब्रेन हैमरेज जैसी जानलेवा स्थिति से बचा जा सकता है। 

डिस्क्लेमर – ब्रेन हैमरेज होने के कारण, लक्षण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉक्टर राजकुमार, न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

Note: This information on Brain Hemorrhage, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Raj Kumar (Neurologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.