दांतों में दर्द होना एक आम समस्या है जो किसी व्यक्ति को जीवन में कभी ना कभी ज़रूर होती है। दांतों में दर्द होने के अनेक कारण हो सकते हैं जिसके बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर गौरव मिश्रा, दंत चिकित्सक।

दांतों में दर्द होना एक ऐसी समस्या है जो किसी भी आयु में हो सकती है चाहे वह बच्चा हो या बुज़ुर्ग़। हम जो कुछ भी खाते हैं उसे हमारे दांत छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं जिससे भोजन आसानी से ग्रासनली से होकर पेट में चला जाता है। दांतों में दर्द इस बात की तरफ़ इशारा करते हैं कि आपके दांत अब ख़राब हो रहे हैं। दांतों में दर्द के अलावा अगर उनमें भोजन फंस रहा हो, सेंसिटिविटी हो या फिर ख़ून आ रहा हो तो भी सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि ये सभी दांत ख़राब होने के संकेत हैं।

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दांतों में दर्द का कारण (Causes of tooth pain in Hindi)

जो लोग मीठा ज्यादा खाते हैं जैसे कि गुड़, मिठाई, चॉकलेट वगैरह, उनके दांतों में डेंटल केरीज़ (Dental Caries) हो जाती है जिसमें दांतों के उपर की परत धीरे धीरे हटने लगती है और ऐसे दांत दर्द का कारण बनते हैं। इसके अलावा जो लोग सही तरीक़े से ब्रश नहीं करते, उनके दांतों में भी प्लाक जमना शुरू हो जाता है और आगे जाकर कैलुकलस बन जाता है जो कि दांतों में दर्द की एक बड़ी वजह है। बहुत अधिक ठोस चीज़ खाने से भी दांतों में फ्रैक्चर हो सकता है और इससे दर्द होना स्वाभाविक है। छोटे बच्चों में नए दांत आने के समय दर्द होता है और साथ ही मीठी चिपचिपी चीज़ें खाने से उनके दूध के दांत जल्दी ख़राब हो जाते हैं।

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डॉक्टर के पास कब जाएं? (When to seek doctor in Hindi)

अपने दांतों में हो रहे किसी प्रकार के बदलाव को हम स्वयं ठीक से नहीं देख सकते इसलिए आवश्यक ये है कि दांतों में दर्द होने का इंतज़ार ना करें बल्कि पहले से ही दंत चिकित्सक के पास जाकर नियमित रूप से जांच कराते रहें। कम से कम छह महीने के अंतराल पर एक बार दंत चिकित्सक से अपने दांतों की जांच ज़रूर करानी चाहिए जिससे कि दांतों में होने वाली समस्या का पहले से ही निदान किया जा सके।

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अक्ल दाढ़ क्या है? (What is wisdom tooth in Hindi)

हमारे दांतों के निकलने का समय अलग अलग होता है जिनमें कुछ पहले निकलते हैं और कुछ बाद में। अक्ल दाढ़ भी ऐसा ही देर से निकलने वाला दांत है जिसे विसडम टीथ (Wisdom Tooth) कहा जाता है। हमारे मुंह में कई मोलर टीथ होते हैं जिनमें से तीसरे मोलर टीथ को ही अक्ल दाढ़ या फिर विसडम टीथ कहते हैं। ये अक्ल दाढ़ अलग अलग अवस्था में निकल सकते हैं और टेढ़े-मेढ़े भी हो सकते हैं जिसमें खाना फंसने की दिक्कतें आती हैं। इस दांत में परेशानी होने पर दंत चिकित्सक इसे निकालने की सलाह तब देते हैं जब उसका इलाज संभव ना हो।

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दांतों में दर्द का क्या है उपचार? (What is the treatment of toothache in Hindi)

दांतों में होने वाले दर्द के कई कारण होते हैं और उन्हीं कारणों के अनुसार इलाज किया जाता है। अगर दांतों के बीच खाना फंसने लगे तो तुरंत दंत चिकित्सक के पास जाकर उसमें फिलिंग करवा लेनी चाहिए। यदि समय रहते फिलिंग ना की जाए तो दांतों के बीच बड़ा गैप बनने लगता है और आगे जाकर इसे सेंसिटिविटी यानि कुछ मीठा, ठंडा, गर्म खाते ही एक झनझनाहट होने की समस्या शुरू हो जाती है। इससे दांतों में दर्द होने लगता है जिसे ठीक करने के लिए रूट कनालिंग या फिर कैपिंग करनी पड़ती है। कई बार दांतों की परेशानी को नज़रअंदाज़ करने पर समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है जिससे दांतों का इनैमल (Enamel) ख़राब हो जाता है और ये ख़राबी दांतों के पल्प तक पहुंच जाती है जिसके कारण असहनीय दर्द होने लगता है। ऐसे में दांतों की नसों का उपचार यानि रूट क्नालिंग ट्रीटमेंट (RCT) करना ज़रूरी हो जाता है। जिन लोगों को पहले से ही दांतों से संबंधित समस्या है जैसे कि मसूढ़ों से ख़ून आना, दांतों के बीच खाना फंसना, दांतों के बीच गैप बनना वगैरह, उन्हें डेन्टिस्ट के पास जाकर दांतों की सफ़ाई करानी चाहिए। दांतों में चोट लगने पर उसका एक्स रे करके उपचार किया जाता है।

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दांत के दर्द से बचाव और डॉक्टर की सलाह (Prevention of toothache and doctor’s advice in Hindi)

हर दिन कम से कम दो बार सही तरीक़े से ब्रश करें और साथ में माउथवॉश भी करें क्योंकि ये दांतों के हर हिस्से में पहुंचकर कीटाणुओं का सफ़ाया करते हैं। रात को सोते समय ब्रश करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि रातभर कीटाणु दांतों पर रह जाते हैं। इसके अलावा जिन लोगों के दांतों में खाना फंस जाता है, उन्हें फ्लॉसिंग करने की सलाह दी जाती है जिससे फंसा हुआ भोजन निकल जाता है। साथ ही नियमित तौर पर कम से कम से छह महीने पर डेन्टिस्ट के पास जाकर दांतों का चेकअप ज़रूर कराएं।

डिस्कलेमर – दांत के दर्द का कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर गौरव मिश्रा, दंत चिकित्सक द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on Tooth Pain in Hindi, is based on an extensive interview with  Dr Gaurav Mishra (Dentist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.