पित्ताशय यानि गॉल ब्लेडर में पथरी होने से किस तरह की परेशानी हो सकती है और कैसे होता है इसका इलाज, जानिए डॉक्टर अजय कुमार चौधरी, गैस्ट्रोएनट्रोलॉजिस्ट से। 

हमारे लीवर के ठीक नीचे एक थैली होती है जिसे पित्ताशय यानि गॉल ब्लेडर कहा जाता है। इस पित्ताशय में एक हरे रंग का तरल पदार्थ इकट्ठा होता रहता है जिसे पित्त रस यानि बाइल जूस कहते हैं। इस पित्त का काम है वसा को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ना। जब हम कुछ खाते हैं, तो पित्ताशय सिकुड़ना शुरू करता है और पित्त को हमारी आंतों में भेजता है जिससे वसायुक्त चीज़ों को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ सके। लेकिन कभी कभी इस पित्ताशय की थैली में छोटा सा दाना बन जाता है जो वक्त के साथ बड़ा हो जाता है और इसे ही गॉल ब्लेडर की पथरी कहते हैं। ऐसा तब होता है जब हमारे पित्ताशय की सिकुड़ने और पित्त रस को आंतों में भेजने की क्षमता कम हो जाती है। 

Gallbladder Stone

ज्यादातर पित्ताशय में पथरी की बीमारी जेनेटिक होती है। जिन लोगों में पित्त के साथ ही पत्थर बनने की प्रवति होती है, उनके परिवार के दूसरे सदस्यों में भी पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। पित्त के साथ ही जब पत्थर भी बनता है तो उसे लीथोजेनिक बाइल कहते हैं। ये बीमारी ज्यादातर 40 साल की उम्र के बाद होती है। साथ ही महिलाओं में ये बीमारी अधिक देखने को मिलती है।    

क्या है इसके लक्षण? (What are the symptoms?) 

आमतौर पर पित्ताशय में पथरी के लक्षण एसिम्टोमेटिक होते हैं यानि इसके मरीज़ों को पथरी का पता ही नहीं चलता। लेकिन अगर पथरी पित्ताशय के बीच में हो या फिर दायीं तरफ़ हो जहां से लीवर को छुए, तो ऐसे में मरीज़ को दर्द होता है। ये दर्द 3 से 4 घंटों तक रह सकता है। साथ ही पथरी का दर्द किसी भी वक्त मरीज़ को हो सकता है। इसके दूसरे लक्षणों की बात करें तो पथरी के छोटे होने पर ये नीचे खिसक कर पित्त की नली को बंद कर देता है जिससे मरीज़ को पीलिया यानि जॉन्डिस हो जाता है। ये पथरी पैनक्रिया यानि अग्नाशय का रास्ता भी बंद कर सकती है। साथ ही अगर पथरी 3 सेमी से ज्यादा बड़ी हो, तो ऐसे में ये गॉल ब्लेडर के कैंसर होने के ख़तरे को बढ़ा देती है। 

 

Gallbladder Stone_fat

क्या है इसका कारण? (What are the causes?)   

आमतौर पर ये बीमारी जेनेटिक होती है लेकिन दूसरे कारणों की बात करें तो मोटापे के शिकार लोगों में इस बीमारी की संभावना ज्यादा होती है। खाने पीने का भी असर इसपर पड़ता है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति तेज़ी से अपना वज़न कम करने लगे, तो ऐसे में भी पथरी की बीमारी देखी जाती है।  

Gallbladder Stone_surgery

क्या है इसका इलाज? (What is the treatment?) 

पित्ताशय की पथरी में अगर दर्द ना हो और मरीज़ को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो, तो ऑपरेशन की ज़रूरत नहीं पड़ती है। लेकिन अगर पत्थर का आकार 3 सेंटीमीटर जितना बड़ा हो जाए, तो ऐसे में कैंसर का ख़तरा होता है और सर्जरी करा लेनी चाहिए। इसके अलावा अगर पथरी से मरीज़ को दर्द होने लगे या फिर पथरी की वजह से पीलिया हो जाए, तो इसे सर्जरी के ज़रिए निकाल देना चाहिए। अगर पत्थर का आकार छोटा हो तो दवाई के ज़रिए उसके घुलने की कोशिश की जाती है। जबकि पथरी बड़ी होने पर सर्जरी ही इसका एकमात्र इलाज है। आजकल लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है जिसमें पित्ताशय में एक-दो छेद करके पत्थर को निकाल दिया जाता है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी काफ़ी आसानी से हो जाती है जिसमें मरीज़ की रिकवरी जल्दी होती है और ऑपरेशन का रिस्क भी कम होता है। लेकिन अगर किसी वजह से लैप्रोस्कोपी ना हो सके, तो ओपन सर्जरी की जाती है। 

Gallbladder Stone

क्या हैं जटिलताएं? (What are the complications?) 

कई बार पत्थर पित्त की नली में जाकर रास्ता बंद कर देता है जिससे पित्त का बहना रुक जाता है और मरीज़ को पीलिया रोग हो जाता है। इसके अलावा पित्त की नली में इंफेक्शन होने से उसमें पस भर जाता है जिसे कोलिनोनजाइटिस कहते हैं और यह बहुत ही ख़तरनाक हो सकता है। ऐसा होने पर मरीज़ को दर्द के साथ साथ ठंड लगती है और तेज़ बुखार होता है। इसमें मरीज़ को पीलिया भी हो जाता है। दूसरी जटिलताओं की बात करें तो मरीज़ के दूसरे अंगों जैसे किडनी और अग्नाशय पर भी बुरा असर पड़ता है। अगर पत्थर आकार में बड़ा हो तो कैंसर का ख़तरा बहुत बढ़ जाता है।  

healthy food

डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice) 

वैसे तो ज्यादातर मामलों में पित्ताशय की पथरी जेनेटिक कारणों से ही होती है लेकिन फिर भी इससे बचाव के लिए घर का बना खाना खाएं जिसमें तेल, घी, मसाले कम हों। रेशेदार यानि फाइबर युक्त चीजें ज्यादा से ज्यादा लें, जैसे सलाद, फल सब्ज़ियां वगैरह। हर रोज़ कसरत करें, वॉक करें ताकि मोटापा ना हो क्योंकि वज़न ज्यादा होने से पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही वज़न कम करना हो तो अचानक नहीं बल्कि धीरे धीरे घटाएं और अच्छी जीवनशैली को अपनाएं।          

डिस्क्लेमर – पित्ताशय की पथरी, इसके लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर अजय कुमार चौधरी, गैस्ट्रोएनट्रोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

Note: This information on Gallbladder Stone, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Ajay Kumar Chaudhary (Gastroenterologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.