कोविड 19 के मरीज़ों में ऑक्सीजन की कमी और सांस लेने में दिक्कत होना प्रमुख लक्षण हैं। कोरोना वायरस से जूझते लोगों में क्यों होती है ऑक्सीजन की कमी और किस तरह आप बढ़ा सकते हैं अपना ऑक्सीजन लेवल, बता रहे हैं डॉक्टर आनंद कुमार गुप्ता।  

क्या है ऑक्सीजन की कमी का कारण? (What is the reason for lack of oxygen in Hindi)

कोरोना वायरस हमारे फेफड़ों को प्रभावित करके उसमें निमोनिया बनाता है। निमोनिया होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। केवल कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि बैक्टीरियल निमोनिया या फिर सीओपीडी जैसी बीमारियों में भी ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है लेकिन कोरोना के कारण कम हुए ऑक्सीजन लेवल के इलाज का समय बहुत ही कम मिल पाता है क्योंकि ये अचानक काफ़ी तेज़ी से नीचे चला जाता है। हमारे ख़ून में अमूमन 100 से लेकर 92 प्रतिशत तक ऑक्सीजन लेवल होने पर शरीर अच्छी तरह काम करता है। लेकिन कोरोना की वजह से ये ऑक्सीजन लेवल 90 से भी नीचे चला जाता है और इससे शरीर हाइपॉक्सिया की स्थिति में चला जाता जिससे शरीर के अंग प्रभावित होने लगते हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों के लिए प्रोटोकॉल बनाया गया है कि वे हर कुछ घंटों में अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। अगर संक्रमण के पांचवें-छठे दिन तक मरीज़ दवाइयों से अपनी स्थिति संभाल लेते हैं और ऑक्सीजन लेवल 92 से उपर रहता है तो अस्पताल की ज़रूरत नहीं पड़ती है।     

oxygen

ब्रीदिंग एक्सर्साइज़ और प्रोनिंग के फ़ायदे (Benefits of breathing exercises and proning in Hindi)  

असल में आमतौर पर बहुत सारे लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में किसी तरह का व्यायाम नहीं करते हैं और सांस लेने के लिए शरीर के कई हिस्सों का इस्तेमाल नहीं हो पाता। कोरोना पीड़ित होने पर या इससे बचने के लिए लोग ब्रीदिंग एक्सर्साइज़ करने लगे हैं जिससे वे उन हिस्सों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारी छाती और पेट के बीच मासंपेशियों की एक संरचना होती है जिसे डायफ्राम (Diaphragm) कहा जाता है। जब हम अच्छी तरह हवा भरकर सांस लेते हैं, तो इस डायफ्राम का उपयोग करते हैं और इससे फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ जाती है। इसी तरह व्यायाम करने से भी शरीर का नर्वस सिस्टम ठीक होता है, आप रिलैक्स होते हैं और ऑक्सीजन लेवल में भी सुधार होता है। ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए तीन तरह की अवस्थाएं अपनायी जा सकती हैं। पहली अवस्था में आप पीठ के बल लेटकर सीने पर हाथ रखें और खींचकर सांस लें, इससे ऑक्सीजन लेवल में सुधार होता है। दूसरी अवस्था में पेट के बल लेटकर एक तकिए को सीने के उपरी भाग, एक तकिए को कमर की हड्डी के नीचे और एक पैरों के नीचे रखें। ऐसा करने से सीने के निचले भाग और पेट के बीच जगह बन जाती है और इसी का उपयोग आपको गहरी सांस लेकर करना चाहिए। सांस लेने की इस प्रक्रिया को आप बैठ कर भी कर सकते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि प्रोनिंग करने से फेफड़े हवादार हो जाते हैं, ऑक्सीजन की आवाजाही बढ़ जाती है और कम से कम 3 से 5 प्रतिशत तक SPo2 में इज़ाफ़ा होता है। इसके अलावा, हमारे शरीर में नाइट्रस ऑकसाइड कई तरह की दिक्कतों को दूर करने में सहायक होती है लेकिन जब हम बीमार होते हैं तो ये कम हो जाती है और इसे बढ़ाने के लिए आप भ्रामरी प्राणायाम करें जो कि अध्ययनों के मुताबिक काफ़ी फ़ायदेमंद होती है।  

cowin vaccine

क्या कोविड 19 के वैक्सीन सभी के लिए सुरक्षित है? (Is COVID-19 vaccine safe for everyone in Hindi)

कोविड 19 के लिए उपलब्ध वैक्सीन सभी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं ख़ासकर बीमार और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ये वैक्सीन पहले ही लगवा लेनी चाहिए। इसके अलावा अब 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन करा लेना चाहिए। सिर्फ़ हीमोफीलिया नामक रोग से पीड़ित लोगों को ही फिल्हाल वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इसे लोकल हैम्ब्रेज होने का ख़तरा है। इसके अलावा जिन लोगों को दवाइयों से एलर्जी होती है वो कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बारे में जानकारी लेकर ही अपने मुताबिक वैक्सीन का चुनाव करें।  

डिस्कलेमर – कोविड के मरीज़ों में ऑक्सीजन की कमी और ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के तरीक़े पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर आनंद कुमार गुप्ता, छाती रोग विशेषज्ञ द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।    

This information on Cause of low oxygen level in COVID-19 patients in Hindi is based on an extensive interview with Dr Anand Gupta (Chest Specialist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.