केरल राज्य में ज़ीका वायरस का मामला एक बार फिर सामने आया है और धीरे धीरे यह अपने पांव पसार रहा है। यह वायरस एडीज़ नामक मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश करता है। ज़ीका वायरस के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में जानकारी दे रहे हैं डॉ पंकज कुमार गुप्ता।
ज़ीका वायरस क्या है? (What is Zika Virus in Hindi)
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है ये एक ऐसा रोग है जो वायरस के कारण फैलता है। पहली बार 1947 में ज़ीका वायरस ज़ीका के जंगलों में बंदरों के अंदर पाया गया था। एडीज़ नामक मच्छर इस वायरस का मुख्य वाहक है। ये वही एडीज़ मच्छर हैं जो डेंगू फैलाने के लिए भी ज़िम्मेदार होते हैं। ख़ास बात ये है कि एडीज़ मच्छर दिन के समय ही काटते हैं।
कैसे होते हैं ज़ीका वायरस के लक्षण? (Symptoms of Zika Virus in Hindi)
इसके आम लक्षणों की बात करें तो बुखार आना, शरीर और जोड़ों में दर्द होना, त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाना, दाने उभरना, आंखें लाल हो जाना वगैरह हैं। हालांकि, कुछ मामले ऐसे भी देखे गए हैं जिसमें मरीज़ को ब्रेन इंकेफ्लाइटिस हो जाता है। इसके अलावा, मरीज़ को जेबीएस सिंड्रोम भी हो जाता है जिसमें उसके शरीर में पैरालिसिस होने के कारण हाथ-पैर काम करना बंद कर देते हैं।
संक्रमित मच्छर के काटने से होता है ज़ीका वायरस (Zika Virus is transmitted by the bite of an infected mosquito in Hindi)
ज़ीका वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने पर यह वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसके अलावा, ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी ट्रांसमिट हो सकता है। यह वायरस गर्भवती महिला से प्लेसेंटा के ज़रिए होने वाले शिशु में पहुँच सकता है। इस वायरस का होने वाले बच्चे के दिमाग़ के अंदर मौजूद न्यूरॉन्स पर असर पड़ता है जिसके कारण बच्चे के मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, यह वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिज़ीज़ के तौर पर भी रिपोर्ट किया गया है।
क्या यह एक संक्रामक रोग है? (Is it a contagious disease in Hindi)
किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या छूने से ज़ीका वायरस नहीं फैलता। ये केवल संक्रमित मच्छर के काटने पर किसी व्यक्ति को बीमार कर देता है। इसके अलावा, गर्भवती महिला से उसके होने बच्चे में इस वायरस के जाने की संभावना होती है। साथ ही ये वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिट भी होता है।
ज़ीका वायरस से बचाव के उपाय (Preventive Measures Against Zika Virus in Hindi)
इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय है मच्छरों से बचाव। बारिश के मौसम में अपने आसपास किसी भी चीज़ में पानी इकट्ठा ना होने दें। अगर पानी इकट्ठा हो गया हो तो उसे फेंक दें या फिर उसमें मिट्टी का तेल डाल दें ताकि मच्छर उनमें पनपने ना पाए। इसके अलावा, मच्छरदानी लगाकर सोएं और घर या फिर बाहर दोनों ही जगह शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े ही पहनें।
ज़ीका वायरस का इलाज कैसे होता है? (How is Zika Virus Treated in Hindi)
जिस जगह पर यह वायरस फैल चुका है, वहाँ से पिछले 14 दिनों के अंदर अगर कोई व्यक्ति निकलकर आया हो तो उसमें डॉक्टर ज़ीका वायरस का अंदेशा जताते हैं। इसकी जांच के लिए मरीज़ का ब्लड सैंपल लेकर पीसीआर मैथड से डायग्नोसिस बनाई जाती है और साथ ही वायरस आइसोलेशन भी किया जाता है। ज़ीका वायरस की पुष्टि होने पर मरीज़ का इलाज शुरू किया जाता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात ये है कि इसका अब तक कोई भी सटीक इलाज या वैक्सीनेशन खोजा नहीं जा सका है। इसलिए, मरीज़ में दिखने वाले लक्षणों के आधार पर ही ट्रीटमेंट किया जाता है जैसे कि बुखार होने पर बुखार कम करने की दवाई दी जाती है। इलाज के दौरान कुछ मरीज़ों को वेंटिलेटर पर रखे जाने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। अगर किसी मरीज़ में ज़ीका वायरस होने के बावजूद भी लक्षण नहीं दिख रहे हैं या फिर मामूली लक्षण दिख रहे हैं तो ऐसे में घर पर भी देखभाल की जा सकती है। ऐसे में मरीज़ को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है और साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन करना चाहिए।
डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)
मच्छरों से बचाव के लिए आप जो भी कर सकते हैं उन उपायों को करना चाहिए जैसे कि मॉस्किटो रेपेलेंट, मच्छर दानी का प्रयोग करें, आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। पूरे बाज़ू के कपड़े पहनें। गर्भवती महिलाएं विशेष तौर पर अपना ध्यान रखें।
डिस्क्लेमर – ज़ीका वायरस के लक्षण, कारण तथा इलाज पर लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉक्टर पंकज कुमार गुप्ता, जनरल फिजिशियन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
Note: This information on Zika Virus, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Pankaj Kumar Gupta (General Physician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.