शरीर को चुस्त दुरूस्त रखने और रोज़मर्रा के काम के लिए ताक़त की ज़रूरत होती है। यह उर्जा हमें अपने खान-पान से मिलती है। शरीर को उर्जा देने के साथ साथ हमारा भोजन हमें बीमारियों से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाने का काम करता है। इन सभी चीज़ों के लिए हमें एक संतुलित आहार यानि बैलेंस्ड डाइट लेना ज़रूरी है। कैसे हम अपने भोजन को बना सकते हैं संतुलित और किन चीज़ों को करना चाहिए अपने भोजन में शामिल, बता रही हैं डॉक्टर पूनम तिवारी।
- शरीर के लिए क्यों ज़रूरी है संतुलित आहार?
- भोजन करने का समय कितना महत्व रखता है?
- क्या खाएं, क्या ना खाएं?
- डॉक्टर की सलाह
शरीर के लिए क्यों ज़रूरी है संतुलित आहार? (Why is balanced diet necessary for your body in Hindi)
बात जब संतुलित आहार की आती है तो इसका मतलब है ऐसा भोजन जिसमें वो सारे पोषक तत्व मौजूद हों जिससे शरीर की रचना और विकास के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़े। शरीर के विकास के लिए सबसे ज़रूरी है प्रोटीन जो कि शाकहारी और मांसाहारी दोनों ही चीज़ों में पाया जाता है। दाल चावल के मिले जुले तौर पर बना हुआ भोजन जैसे कि खिचड़ी, दलिया, दाल चावल, सत्तू से बनी चीज़ें जैसे कि लिट्टी, पराठा, डोसा, इडली, ढोकला, सोयाबीन, दूध वगैरह शाकाहारी लोगों के लिए अच्छी मात्रा में प्रोटीन प्रदान करते हैं। मांसाहार की बात करें तो अंडे का सफ़ेद भाग, मछली, चिकन में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पायी जाती है। सिपंल कार्बोहाइड्रेट में शुगर ज्यादा होता है इसलिए इसे कम मात्रा में लें जबकि कॉमप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट वाली चीज़ें जैसे मक्का, बाजरा, जौ, छिलके वाली दाल, मौसमी फलों और सब्ज़ियां वगैरह को अपनी डाइट में अधिक जगह दें। इसके अलावा फैट्स की मात्रा सीमित रखें, दिनभर में तीन से चार चम्मच वसा का प्रयोग अपने भोजन में करें। बात करें मिनरल्स की तो ये शरीर में इल्कट्रोलाइट्स को बैलेंस करने मदद करते हैं जबकि विटामिन हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं और इसके लिए भरपूर मात्रा में फल और सब्ज़ियों का सेवन करें। दिनभर में ख़ूब पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें। इन सभी चीज़ों को मिलाकर ही आप पोषण तत्वों से भरे बैलेंस डाइट को प्राप्त कर सकते हैं।
भोजन करने का समय कितना महत्व रखता है? (How important is the meal time in Hindi)
दिनभर में कब खाना चाहिए ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऐसा नहीं है कि एक दिन में सिर्फ़ दो बार पोषक तत्वों को लेने से काम चल जाएगा। रात का भोजन आमतौर पर नौ बजे तक कर लेना चाहिए। इसके बाद सुबह के समय नाश्ता करना बेहद ज़रूरी है क्योंकि सुबह के नाश्ते का मतलब होता है फास्ट को तोड़ना। सुबह का नाश्ता पूरे दिन आपको एनर्जी देता है और आपको संतुलित रखने में मदद करता है। चौबीस घंटे में अपने भोजन को ढाई से तीन घंटे के अंतराल पर थोड़ी थोड़ी मात्रा में लें। कई लोग भूख लगने पर एक ही बार में बहुत अधिक मात्रा में खा लेते हैं जिससे मोटापा होता है।
क्या खाएं, क्या ना खाएं? (What to eat, what not in Hindi)
अपने दिनभर के भोजन में सभी पोषक तत्वों के साथ साथ फाइबर और पानी को सही मात्रा में शामिल करें। ऐसा नहीं हो कि किसी समय भोजन में कोई एक पोषक तत्व की भरमार हो और दूसरे समय किसी और पोषक तत्व की। अच्छा तो ये है कि सभी पोषक तत्व थोड़ी थोड़ी तादाद में हर समय के भोजन में होने चाहिए। कई लोग पूरी तरह से ज़ीरो
फैट्स या ज़ीरो शुगर डाइट पर आ गए हैं लेकिन इसके अपने नुकसान हैं। हमारे शरीर को थोड़ी मात्रा में फैट्स और नमक की भी ज़रूरत होती है इसलिए इन्हें भी लेना चाहिए। हालांकि अलग से नमकयुक्त चीज़ें जैसे कि अचार, पापड़, सॉस, चटनी वगैरह कम खाने चाहिए क्योंकि इनमें नमक बहुत ज्यादा होता है।
डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)
जंक फूड, फास्ट फूड और बाहर के तले भुने भोजन को छोड़कर हमारे घरों में बनने वाले पूरी तरह से पारंपरिक भोजन खाने की आदत डालें जो कि आसानी से पचाए जा सकते हैं और सभी तरह के पोषण तत्वों से भरपूर होते हैं।
डिस्कलेमर – क्या होता है संतुलित आहार और क्यों है ये आपके लिए ज़रूरी, इस पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर पूनम तिवारी द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
This information on Balanced diet, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Poonam Tiwari (Dietician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.