एड़ी में गहरी दरारें हो तो खड़े होने पर दर्द होता है और कभी-कभी खून भी बह सकता है। चाहे आपने कितने भी अच्छे कपड़े पहने हों और मेकअप क्यों ना किया हो लेकिन अगर आपकी एड़ियां फटी हैं तो इससे आपकी पर्सनैलिटी पर नेगेटिव असर पड़ता है। इस लेख के ज़रिए हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपनी एड़ियों को सुंदर और मुलायम बना सकती हैं वो भी कम खर्च में।

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फटी एड़ी का क्या कारण है?

फटी एड़ी का पहला संकेत एड़ी के किनारे के आसपास सूखी, मोटी त्वचा का होना जिन्हें कॉलहाउज़ के रूप में जाना जाता है। जैसे-जैसे आप चलते हैं, आपकी एड़ी के नीचे का फैट पैड फैलता है और इससे आपके कॉलहाउज़ फट जाते हैं। इसके अलावा, लंबे समय तक खड़े रहना, नंगे पांव घूमना, ज़्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल करना, कठोर  साबुन का उपयोग करना भी ऐसे कारण हैं जो आपकी त्वचा से प्राकृतिक तेल को छीन सकते हैं। साथ ही जूते ठीक से फिट नहीं होना, खुश्क मौसम, नमी की कमी, पैरों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ नहीं करने से वे और भी तेज़ी से सूख सकते हैं।

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फटी एड़ी के लिए उपचार

  • फटी एड़ियों के आसपास की त्वचा मोटी और सख्त़ हो जाती है और धीरे धीरे दरारें पैदा होने लगती हैं इसलिए, सबसे पहले इस मोटी त्वचा को हटाना ज़रूरी है। मोटी त्वचा को हटाने के लिए गुनगुने पानी में माइल्ड शैंपू की दो चार बूंदें और दो चार बूंद नारियल का तेल डाल कर पैरों को कम से कम आधे घंटे तक डुबोकर रखें।
  • पानी में कुछ देर रहने पर आपकी एड़ियां मुलायम हो जाती हैं जिससे आसानी से उस पर जमी मोटी परत को हटाया जा सकता है। अब प्यूमिक स्टोन या स्क्रबर की मदद से एडि़यों को अच्छी तरह से रगड़ें और साफ़ करें। एड़ियों को इस तरह रगड़ें कि उसकी मोटी परत हट जाए।
  • अब बारी आती है एक ह्यूमेकटेंट (Humectant) की। ह्यूमेकटेंट दरअसल, एक तरह का मॉइस्चराइज़र ही होता है जिसका इस्तेमाल लोशन और क्लीन्ज़र में भी किया जाता है। ये ऐसे तत्व होते हैं जो चुंबक की तरह पानी के अणुओं को आकर्षित करके त्वचा को हाइड्रेट करते हैं। ये पानी के अणुओं के साथ हाइड्रोजन बांड बनाकर त्वचा की निचली परत से पानी खींचकर सतह को मॉइस्चराइज़ करने में मदद करते हैं। खुश्क मौसम में, humectants वातावरण की बजाय त्वचा की निचली परतों से नमी खींच सकते हैं। Hyaluronic acid, गिलिसरीन, पैनथेनोल, यूरिया, एलोवेरा और शहद ऐसे ही कुछ ह्यूमेकटेंट के उदाहरण है। आप इनमें से किसी का भी चुनाव करके इसकी एक मोटी परत अपने पैरों पर लगा सकती हैं।
  • ह्यूमेकटेंट के इस्तेमाल के बाद अब बारी आती है इमोलिएंट की। इमोलिएंट मॉश्चराइजर का ही एक रूप हैं जो त्वचा में घुस कर दरारों को भरते हैं, जिससे त्वचा चिकनी, मुलायम और लचीली महसूस होती है। ये त्वचा में पानी की कमी को कम करने में मदद करते हैं। ओटमील, शिया बटर, आर्गन ऑयल के साथ ही पेड़ों से मिलने वाले सभी तरह के तेल इसके उदाहरण है जिनमें से किसी का भी चुनाव आप कर सकती हैं।
  • अब सबसे आख़िर में ऊपर से ओक्लूसिव मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए। एक बार जब humectant अवशोषित हो जाता है, तो नमी को सील करने के लिए सोने से ठीक पहले मॉइस्चराइज़र की एक मोटी परत लगा सकते हैं। ओक्लूसिव मॉइस्चराइज़र त्वचा को एक पतली परत में लपेटकर सबसे बाहरी परत से नमी को वाष्पित होने से रोकते हैं। ओक्लूसिव मॉइस्चराइज़र के उदाहरणों में शामिल हैं पेट्रोलियम जेली, लानौलिन खनिज तेल, सिलिकोन, डाइमेथिकोन। वैसे पेट्रोलियम जेली को सबसे प्रभावी ओक्लूसिव मॉइस्चराइजर माना जाता है।

महीने में दो बार कम से कम आप इस पूरी प्रक्रिया को कर सकती हैं। ऐसा करने से आप फिर से पा सकती है सुंदर और मुलायम एड़ियां।