उत्तर प्रदेश के साथ ही देश के कई राज्यों में डेंगू अपने पैर पसार रहा है और ख़ासकर बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। डेंगू से बचाव के लिए आपको क्या करना चाहिए और किन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, जानिए इस लेख में।
हर साल बारिश के मौसम में डेंगू बुखार के केस काफ़ी बढ़ जाते हैं क्योंकि ये एक वायरल बीमारी है जो एडीज़ नाम के मच्छर के काटने से होती है।
मरीज़ में दिखने वाले लक्षण
अक्सर लोग डेंगू बुखार को कॉमन कोल्ड या फ्लू समझकर घर पर ही इलाज करते रहते हैं जबकि डेंगू बुखार को उसके लक्षणों से पहचानकर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- डेंगू होने पर बहुत तेज़ बुखार आता है।
- शरीर और जोड़ों में दर्द रहता है।
- पेट और सिर में भी दर्द होता है।
- मरीज़ को उल्टियां होती हैं।
आख़िर डेंगू जानलेवा क्यों हो जाता है?
कई मरीज़ों में 7-8 दिनों के अंदर डेंगू अपने आप ठीक हो जाता है क्योंकि ये एक सेल्फ लिमिटिंग डिज़ीज़ है। लेकिन 1-2 प्रतिशत मामले ऐसे भी हैं जिसमें मरीज़ को शॉक सिंड्रोम या फिर डेंगू हिमोरैजिक फीवर हो जाता है और यही डेंगू का सबसे बुरा रुप होता है। ऐसा होने पर मरीज़ के अन्दर पानी की कमी हो जाती है और ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। ऐसे में मरीज़ को अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक है।
कैसे करें मरीज़ की देखभाल?
तेज़ बुखार के साथ साथ शरीर में दर्द होता है इसलिए ऐसे में पैरासिटामोल लेने की आवश्यकता होती है।
मरीज़ की उम्र और वज़न के हिसाब से पैरासिटामोल की डोज़ दी जाती है।
दिन भर में 6 घंटे के अंतराल पर कम से कम चार बार मरीज़ को पैरासिटामोल दिया जाना सुरक्षित है।
शरीर का तापमान अगर ज्यादा बढ़ जाए तो कोल्ड स्पंजिंग यानि ठंडे पानी की पट्टी मरीज़ के सिर और पैर पर रखनी चाहिए।
मरीज़ के प्लेटलेट्स काउंट कम होने पर ब्लीडिंग हो सकती है, ऐसे में प्लेटलेट्स चढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है।
डेंगू से बचाव के लिए उठाएं ज़रूरी कदम
- क्योंकि डेंगू के मच्छर सिर्फ साफ़ पानी में पनपते हैं इसलिए घर और आसपास साफ़ पानी जमा न होने दें।
- कूलर, गमले, टायर वगैरह में जमे पानी को खाली करते रहें।
- जमे पानी में केरोसिन तेल डालकर मच्छरों के लार्वा को पनपने से रोकें।
- घर के अंदर और बाहर निकलने पर पूरे बाज़ू के कपड़े पहनें।
- सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- शरीर पर लगाने वाली मॉस्किटो रेपलेंट क्रीम का प्रयोग करें।
- घर और आसपास नियमित तौर पर फॉगिंग कराएं।
- साफ़ सफ़ाई का ध्यान रखें।