हाइपरटेंशन के कारण और इलाज के बारे में बता रहे हैं डॉक्टर नरेश राजपाल, मेडिकल स्पेशलिस्ट।  

पहले हाइपरटेंशन की परिभाषा थोड़ी अलग हुआ करती थी लेकिन आज के समय में एक आम व्यक्ति का ब्लड प्रेशर अगर 140/90 से कम रहे तो इसे सामान्य समझा जाता है। हालांकि कुछ ऐसी बीमारियां है जिनमें ब्लड प्रेशर का टारगेट कम रखा जाता है जैसे कि डायबिटीज़, दिल या फिर किडनी की बीमारी वगैरह। सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर अगर 140/90 से ज्यादा हो जाए तो इसे हाइपरटेँशन कहा जाता है।  

blood pressure

हाइपरटेंशन के लक्षण (Symptoms of hypertension in Hindi) 

ज्यादातर मरीज़ों में हाइ ब्लड प्रेशर के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते इसलिए जब भी कोई व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है तो उसका ब्लड प्रेशर ज़रूर मापा जाता है। लेकिन कुछ मरीज़ों में इसके लक्षण सीने में दर्द, घबराहट, बेचैनी, सिर दर्द, सांस फूलना आदि के तौर पर दिखाई देते है। इसके अलावा अगर मरीज़ को कोई दूसरी बीमारी है तो वह हाइपरटेंशन की वजह से और भी ज्यादा बढ़ जाती है। क्योंकि अधिकतर मामलों में हाइपरटेंशन के कोई लक्षण नहीं दिखते इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर कहा जाता है।  

हाइपरटेंशन की जटिलताएं (Complications of hypertension in Hindi)

ब्लड प्रेशर बढ़ने पर हमारे दिल को उसे पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिसकी वजह से दिल का आकार बड़ा हो जाता है। आकार बढ़ने से दिल से जुड़ीं कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं जैसे सांस का फूलना, सीने में दर्द और हार्ट अटैक। अगर मरीज़ को आंखों में कोई परेशानी है तो हाइपरटेंशन की वजह से उनमें दर्द हो सकता है या फिर ख़ून आ सकता है। हाइपरटेंशन की वजह से हार्ट, किडनी और आंखों पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ता है और उनसे जुड़ी बीमारियां होती हैं।  

Gallbladder Stone_fat

कैसे होता है हाइपरटेंशन का इलाज? (How is hypertension treated in Hindi)

हाइपरटेंशन का इलाज दो तरह से किया जाता है जिसमें से एक है जीवनशैली को ठीक करना। जिन मरीज़ों का वज़न बहुत ज्यादा होता है उन्हें अपना वज़न कम करना चाहिए और खान-पान को नियंत्रित करना चाहिए। खाने में नमक का इस्तेमाल कम करें और कभी भी उपर से नमक ना डालें। सॉल्टेड फूड, सॉल्टेड नट्स, अचार, पापड़ वगैरह का सेवन कम करें क्योंकि इनमें नमक की मात्रा ज्यादा होती है। साथ ही नियमित तौर पर व्यायाम करें और तनाव कम करें क्योंकि इससे बीपी बढ़ हो जाता है। लेकिन अगर इन सभी के बावजूद भी ब्लड प्रेशर कम ना हों तो डॉक्टर मरीज़ को दवाईयां देते हैं। हाइपरटेंशन के लिए कई तरह की दवाईयां दी जाती हैं लेकिन इन्हें देने से पहले मरीज़ की पूरी जानकारी इकट्ठी की जाती है जैसे कि उनकी उम्र क्या है, क्या मरीज़ को कोई दूसरी बीमारी है, उनका वज़न कितना है, कितने सालों से ब्लड प्रेशर है वगैरह। इसके अलावा किडनी, हार्ट और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ों को अलग अलग तरह की दवाईयां दी जाती हैं।  

food for constipation

कैसे रहें हाइपरटेंशन से दूर? (How to abstain from hypertension in Hindi) 

परिवार में अगर लोगों को बीपी की शिकायत हो तो नियमित तौर पर सभी को चेकअप कराते रहना चाहिए। हाइपरटेंशन के मरीज़ों को खाने पीने में सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें ऐसी चीज़ें नहीं खानी चाहिए जिससे उनका वज़न बढ़े जैसे तेल, घी, मीठा, डिब्बा बंद खाना, पैकेज्ड फूड, जैम, चिप्स वगैरह। साथ ही नमक का इस्तेमाल कम करें और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। खाने में पोटाशियम और मैंगनीज़ से भरपूर चीज़ों से ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। कुछ बीमारियों की वजह से ब्लड प्रेशर हमेशा बढ़ा रहता है जैसे कि डायबिटीज़, थायरॉयड वगैरह इसलिए मरीज़ को इन बीमारियों को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए।  

डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)

जब भी आप किसी डॉक्टर के पास जाएं तो ब्लड प्रेशर ज़रूर चेक कराएं या फिर घर पर ही मापते रहें। इसके अलावा हेल्दी खाना खाएं और हर रोज़ कसरत करें। साथ ही हाइपरटेंशन के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दवाईयों का सेवन करें।  

डिस्क्लेमर – हाइपरटेंशन के लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर नरेश राजपाल, मेडिकल स्पेशलिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।    

Note: This information on Hypertension, in Hindi, is based on an extensive interview with  Dr Naresh Rajpal (Medician Specialist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.