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बच्चों को इंसेफ्लाइटिस से कैसे बचाएं?

Dr Vijay Singh on Encephalitis
बच्चों को इंसेफेलाइटिस से कैसे बचाएं? Dr Vijay Singh on Encephalitis in Hindi | Causes & Treatment

इंसेफ्लाइटिस को आम भाषा में चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है जिसमें मरीज़ के दिमाग़ में सूजन हो जाती है। इसका शिकार ज़्यादातर वो लोग होते हैं जिनकी इम्युनिटी कमज़ोर होती है जैसे कि छोटे बच्चे, कुपोषित बच्चे, वृद्धजन और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग। इंसेफ्लाइटिस के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं डॉ विजय सिंह।

इंसेफ्लाइटिस क्या होता है? (What is Encephalitis in Hindi)

मेडिकल साइंस में इंसेफ्लान का मतलब होता है दिमाग़ और आइटिस का मतलब होता है इन्फ्लामेशन इसलिए इन्सेफ्लाइटिस नामक रोग का मतलब होता है दिमाग़ में सूजन हो जाना। आम भाषा में लोग इसे चमकी बुखार के नाम से जानते हैं। दरअसल, हमारा मस्तिष्क एक बहुत ही नाज़ुक अंग होता है इसलिए इसकी रक्षा करने के लिए प्राकृतिक तौर पर ब्लड ब्रेन बैरियर दिया गया है जिसके कारण कोई भी ज़हरीला पदार्थ या इन्फेक्शन आसानी से इसके अंदर नहीं जा सकता लेकिन यदि फिर भी दिमाग़ के अंदर सूजन हो जाए तो इसका मतलब है उस व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कम है।

किन कारणों से बच्चों को होता है इंसेफ्लाइटिस? (Causes of Encephalitis in children in Hindi)

बच्चों में इंसेफ्लाइटिस होने के कई कारण हैं जैसे कि मस्तिष्क में किसी प्रकार का इंफेक्शन या विषाक्त पदार्थ का प्रवेश कर जाना। इसके अलावा, इसका सबसे मुख्य कारण है जैपनीज़ इंसेफ्लाइटिस नाम के वायरस का संक्रमण। जैपनीज़ इंसेफ्लाइटिस वायरस के अलावा एडिनोवायरस और तरह तरह के बैक्टीरिया भी इस बीमारी को जन्म देते हैं। इंसेफ्लाइटिस होने का एक और मुख्य कारण है मरीज़ के मेटाबॉलिज्म में किसी प्रकार की गड़बड़ी होना।

बुखार और सिरदर्द के अलावा दूसरे लक्षण (Symptoms other than fever and headache in Hindi)

मरीज़ को तेज़ बुखार के साथ सिर दर्द होता है। इसके साथ ही कमज़ोरी महसूस होना, उल्टियां होना, चक्कर आना, रौशनी के सामने आंखें चकाचौंध होना, सुनने और देखने में परेशानी होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

ब्लड टेस्ट द्वारा होता है परीक्षण (Blood test is done to diagnose in Hindi)

इंसेफ्लाइटिस की पुष्टि करने के लिए मुख्य रूप से ख़ून की जांच की जाती है। इसके अलावा, टाइफाइड, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी की जांच के लिए भी ब्लड टेस्ट किया जाता है। ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ का सिटी स्कैन किया जाता है जिसमें दिमाग की स्थिति का पता लगाया जाता है।

इंसेफ्लाइटिस का इलाज (Treatment of Encephalitis in Hindi)

इंसेफ्लाइटिस का इलाज उसके लक्षणों के हिसाब से ही किया जाता है जैसे कि अगर दिमाग़ में सूजन की वजह से व्यक्ति को बुखार आ रहा हो, उल्टियां हो रही हो और दौरे पड़ रहे हों तो ऐसे में मरीज़ को दिमाग़ की सूजन कम करने के लिए मेटनॉल और स्टीरॉइड्स दिए जाते हैं, बुखार कम करने के लिए भी पैरासिटामोल दिया जाता है, साथ ही दौरे रोकने की भी दवाइयां दी जाती हैं। इसके अलावा, वायरस इंफेक्शन होने पर एंटीवायरस,  बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर एंटीबायोटिक दिया जाता है। अगर मरीज़ को किसी मेटाबॉलिक कारणों से इंसेफ्लाइटिस हो जाए तो ऐसे में उसे उस अंग की गड़बड़ी को ठीक करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं।

इंसेफ्लाइटिस से होने वाली जटिलताएं (Complications due to Encephalitis in Hindi)

इंसेफ्लाइटिस के कारण दिमाग़ में होने वाली सूजन काफ़ी गंभीर रूप भी ले सकती है। अगर समय पर इसका इलाज न कराया जाए तो व्यक्ति के शरीर में अपंगता, शरीर के किसी भाग में कमज़ोरी आना, देखने और सुनने की क्षमता कम हो जाना जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। ये इतना गंभीर रोग है कि इसमें मरीज़ की जान भी जा सकती है।

बच्चों को इंसेफ्लाइटिस से कैसे बचाएं? (How to save children from Encephalitis in Hindi)

इंसेफ्लाइटिस होने का एक मुख्य कारण है जैपनीज़ इंसेफ्लाइटिस जो मच्छरों के काटने से होता है इसलिए हमें साफ़ सफ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उनके खाने पीने पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। जैपनीज़ इंसेफ्लाइटिस से बचने के लिए हर सरकारी अस्पताल में मुफ्त में टीके उपलब्ध होते हैं इसलिए सभी बच्चों का समय पर टीकाकरण करा देना चाहिए।

लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें (Consult the doctor immediately if you notice symptoms in Hindi)

इंसेफ्लाइटिस अत्यंत गंभीर बीमारी है और इसके बढ़ने में मुश्किल से 2-3 दिन का वक्त ही लगता है इसलिए इलाज में ज़रा भी देर नहीं करनी चाहिए। अगर बच्चे को तेज़ बुखार के साथ सिर दर्द, उल्टी, कमज़ोरी के अलावा देखने और सुनने में परेशानी हो रही हो तो फ़ौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)

किसी भी तरह का बुखार इंसेफ्लाइटिस हो सकता है इसलिए इसे नजरअंदाज न करें। इंसेफ्लाइटिस के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

डिस्क्लेमर – इंसेफ्लाइटिस यानि चमकी बुखार के लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉक्टर विजय सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on Encephalitis, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Vijay Singh (Paediatrician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor. 

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