क्यों और कैसे होती है प्लास्टिक सर्जरी, इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं डॉक्टर वैभव खन्ना, प्लास्टिक सर्जन।
- क्या हो सकता है प्लास्टिक सर्जरी से?
- क्या होती है कॉस्मेटिक सर्जरी?
- जले हुए अंग की प्लास्टिक सर्जरी
- कितना ख़र्च होता है प्लास्टिक सर्जरी में?
- प्लास्टिक सर्जरी के साइड इफेक्ट्स
जब भी हम प्लास्टिक सर्जरी के बारे में सुनते हैं तो हमें लगता है कि इससे किसी का चेहरा पूरी तरह से बदल दिया जाता है। अक्सर फिल्मों में प्लास्टिक सर्जरी के बारे में कई बार दिखाया गया है। लेकिन असल में अभी भी लोग प्लास्टिक सर्जरी के बारे में सही जानकारी नहीं रखते हैं। प्लास्टिक सर्जरी शरीर के किसी अंग को प्लास्टिक के ढांचे की तरह ही मोड़ देने की एक तकनीक है इसलिए इसे प्लास्टिक सर्जरी कहा जाता है। प्लास्टिक सर्जरी के ज़रिए शरीर के किसी भी बिगड़ चुके अंग को ठीक किया जाता है। इसमें चेहरे, हाथ, पैर या किसी दूसरे अंग को ठीक किया जाता है जो पैदाइशी ख़राब होते हैं। इस तकनीक के सहारे बिगड़े हुए अंग को ठीक किया जाता है और साथ ही किसी अंग को और भी अच्छा बनाने की कोशिश की जाती है।
क्या हो सकता है प्लास्टिक सर्जरी से? (What can be done through plastic surgery?)
प्लास्टिक सर्जरी कई तरह से की जाती है जैसे माइक्रो सर्जरी, रीकन्सट्रक्टिव सर्जरी, कॉस्मेटिक सर्जरी, एस्थेटिक सर्जरी वगैरह। आज शरीर में सिर से लेकर पैर तक किसी भी अंग के ख़राब हो जाने पर सर्जरी के ज़रिए ठीक किया जा सकता है। प्लास्टिक सर्जरी के बारे में लोगों को ये भी ग़लतफ़हमी है कि इसमें सिर्फ त्वचा को ही ठीक किया जाता है लेकिन असल में सिर्फ़ त्वचा ही नहीं बल्कि नसों, हड्डियों और मांस को भी ठीक किया जाता है। किसी व्यक्ति के मुंह में कैंसर की वजह से दांतों की हड्डियां गल जाने पर वहां शरीर के किसी दूसरे भाग की हड्डी को निकालकर लगा दिया जाता है। इसी तरह किसी नस के कट जाने पर दूसरी जगह की नस लगा दी जाती है। ये सबकुछ आज संभव हो सका है माइक्रो सर्जरी की वजह से या ये कहें कि माइक्रो सर्जरी मेडिकल साइंस की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है। प्लास्टिक सर्जरी करते समय डॉक्टर इस बात का ध्यान रखते हैं कि शरीर के जिस अंग का वो इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें कोई दिक्कत ना हो। कई बार जुड़वा बच्चे शरीर के किसी अंग से जुड़े होते हैं, ऐसे में उन्हें अलग करने के साथ ही माइक्रो सर्जरी भी की जाती है।
क्या होती है कॉस्मेटिक सर्जरी? (What is cosmetic surgery?)
कॉस्मेटिक सर्जरी एक तरह से कुदरती सुंदरता को और ज्यादा बढ़ाने के लिए की जाती है। इसमें व्यक्ति अपने चेहरे में बदलाव करवा सकता है जैसे नाक को पतला करना, होठों को मोटा करना, चेहरे के मोटापे को ठीक करना वगैरह। साथ ही महिलाएं अपने वक्ष को भी ठीक करवा सकती हैं और उनका आकार सिलिकॉन इंप्लान्ट्स के ज़रिए बढ़ा या घटा सकती हैं। प्लास्टिक सर्जरी करने के लिए डॉक्टर सिलिकॉन इंप्लान्ट्स इस्तेमाल करते हैं। सिलिकॉन इंप्लान्ट्स ना सिर्फ़ स्तन को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है बल्कि शरीर के दूसरे अंगों में जहां भी ज़रूरत हो वहां उपयोग किया जाता है जैसे नाक, कान, चेहरा वगैरह। लेकिन डॉक्टर लोगों को ये सलाह देते हैं कि कॉस्मेटिक सर्जरी सिर्फ़ वही लोग कराएं जिन्हें इसकी ज़रूरत है क्योंकि इसके जोखिम भी हो सकते हैं। बिना किसी वजह के सिर्फ़ शौक के लिए ऐसा करने से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
जले हुए अंग की प्लास्टिक सर्जरी (Plastic surgery of burned body part)
जले हुए अंग के लिए डॉक्टर स्किन की ड्राफ्टिंग करके आर्टीफिशियल स्किन लगाते हैं। कई बार डॉक्टर कॉस्मेटिक एस्थेटिक रीस्टोरेशन के ज़रिए अंग को ठीक करते हैं। साथ ही माइक्रो सर्जरी करते हैं जिसमें मरीज़ के शरीर के किसी दूसरे अंग से मांस लेकर प्रभावित अंग में लगा देते हैं। लोगों को लगता है कि इससे पूरी तरह चेहरा बदल जाता है लेकिन ऐसा सही नहीं है । प्लास्टिक सर्जरी से किसी अंग को और भी अच्छा बनाने की कोशिश की जाती है।
कितना ख़र्च होता है प्लास्टिक सर्जरी में? (What cost for plastic surgery?)
इसमें होने वाले ख़र्च की बात करें तो यह व्यक्ति की मांग पर निर्भर करता है कि वह किस अंग की सर्जरी कराना चाहता है। प्लास्टिक सर्जरी में दस हज़ार से लेकर लाखों रूपए ख़र्च हो सकते हैं। जिन अंगों में सिलिकॉन के बने इंप्लान्ट्स लगते हैं वो भी काफ़ी महंगे होते हैं इसलिए इसका खर्च सर्जरी के हिसाब से तय होता है। हां, लेकिन भारत में प्लास्टिक सर्जरी का ख़र्च दूसरे देशों के मुक़ाबले में कम है।
प्लास्टिक सर्जरी के साइड इफेक्ट्स (Side Effects of plastic surgery)
प्लास्टिक सर्जरी तभी कराएं जब उसकी ज़रूरत हो। बिना वजह बार बार सर्जरी कराने से त्वचा खराब हो सकती है। सर्जरी के दौरान अंगों में जो इंप्लान्ट्स डाले जाते हैं उनके भी साइड इफेक्ट होते हैं क्योंकि वक्त के साथ उनमें रियेक्शन भी होता है जिससे अंदर संक्रमण का ख़तरा होता है। कई लोग और ख़ासकर महिलाएं अपनी खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए बार बार प्लास्टिक सर्जरी कराती हैं जिससे उनके शरीर और त्वचा पर बुरा असर पड़ता है।
डिस्कलेमर – प्लास्टिक सर्जरी की तकनीक, ख़र्च, फ़ायदे और नुकसान पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर वैभव खन्ना, प्लास्टिक सर्जन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
This information on Plastic Surgery, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Vaibhav Khanna (Plastic Surgeon) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.