Swasthya Plus Hindi

क्या है स्तनपान कराने का सही तरीक़ा?

breast feeding

पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं के मन में शिशु की देखभाल से जुड़ें कई तरह के सवाल और चिंताए होती हैं जिसमें से एक है स्तनपान का तरीक़ा इसलिए उन्हें बच्चों को किस तरह से दूध पिलाना चाहिए इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। स्तनपान कराते समय किन किन ज़रूरी बातों का रखना चाहिए ध्यान, आइए जानते हैं इस लेख में। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि माँ के दूध में वो सभी ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं जो शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए आवश्यक हैं इसलिए बच्चों को अलग से कुछ भी देने की ज़रूरत नहीं पड़ती, यहाँ तक कि छह महीने तक पानी भी देने की जरूरत नहीं होती। 

इस तरह कराएं अपने शिशु को स्तनपान:

शिशु को स्तनपान कराने से पहले अपने निपल को अच्छी तरह साफ़ कर लेना चाहिए। निपल को साफ़ करने के लिए एक साफ़ कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर पोंछ लें। ऐसा करने से निपल पर जमे कीटाणु हट जाते हैं और बच्चे को इन्फेक्शन का ख़तरा नहीं होता। 

स्तनपान कराते समय हमेशा बच्चे का सिर कम से कम 45 डिग्री के कोण तक ऊपर उठाकर रखें ताकि बच्चे को दूध पीने में कोई परेशानी ना हो। 

शिशु को हमेशा 2-4 घंटे के अंतराल पर स्तनपान कराते रहें क्योंकि कम से कम छह महीने तक यही उनकी पूरी खुराक़ होती है। केवल तरल पदार्थ पर निर्भर होने की वजह से शिशु को जल्दी जल्दी पेशाब होता रहता है और इसलिए उन्हें हर दो से चार घंटे पर दूध पिलाना ज़रूरी है। 

क्योंकि छोटे बच्चे काफ़ी देर तक सोते रहते हैं इसलिए आप ये बिल्कुल भी ना समझे कि उसे भूख नहीं लगी है। अगर आपका बच्चा सो भी रहा हो, तो भी हर दो से चार घंटे के अंतराल पर स्तनपान अवश्य कराएं। 

बच्चे को कम से कम 15 से 20 मिनट तक स्तनपान कराना चाहिए ताकि उसका पेट पूरी तरह भर सके। 

स्तनपान कराने के बाद बच्चे को उठाकर डकार आने तक पीठ को सहलाना चाहिए। अगर बच्चे को डकार न दिलाई जाए तो वे उल्टी कर देते हैं जिसका मतलब है कि बच्चा दूध को सही तरह से ग्रहण नहीं कर पा रहा और कभी कभी ये एक ख़तरनाक परिस्थिति में भी बदल जाता है। 

स्तनपान कराने के बाद शिशु के होंठों को साफ़ कपड़े से पोंछ देना चाहिए ताकि उनके होंठ काले ना पड़े। 

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