कोरोना से लड़कर ठीक हो चुके कई मरीज़ों में इसके बाद भी अलग अलग लक्षण देखे जा रहे हैं जिसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। पोस्ट कोविड सिंड्रोम के लक्षण और इलाज के बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं डॉ एन‌ बी सिंह।

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पोस्ट कोविड सिंड्रोम किसे कहते हैं? (What is Post-COVID Syndrome in Hindi)

आमतौर पर कोविड मरीज़ों को ठीक होने में दो हफ्ते का समय लगता है और इसके बाद उनका आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव भी आ जाता है। आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव आने का मतलब है कि उनके अंदर से वायरस का लोड कम हो चुका है। लेकिन कोविड 19 से ठीक होने के बाद भी कई मरीज़ों में पोस्ट कोविद सिंड्रोम का असर देखा जा रहा है और ऐसे हालात ठीक होने के बाद ३ से लेकर ६ महीने तक रह सकते हैं।

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मरीज़ में किस तरह के दिखते हैं लक्षण? (What are the symptoms seen in the patient in Hindi)

पोस्ट कोविड सिंड्रोम में व्यक्ति में सबसे ज़्यादा कमज़ोरी, थकान‌, बदन दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, हल्का बुखार देखा जा रहा है। इसके अलावा चिड़चिड़ापन, तनाव, गले में खराश, खाँसी, नींद ना आना, भूख न लगना, सांस फूलना जैसे लक्षण पाए जा सकते हैं।

पोस्ट कोविड सिंड्रोम का इलाज (Treatment of post COVID syndrome in Hindi)

ऐसे मरीज़ों का ब्लड टेस्ट किया जाता है जिसमें हीमोग्लोबिन, शुगर लेवल, एलएफटी, केएफटी समेत तमाम तरह की चीज़ों का पता लगाया जाता है। इसके साथ ही सिटी स्कैन, छाती का एक्स रे वगैरह भी किया जाता है। मरीज़ के लक्षणों के अनुसार ही उसका इलाज होता है। मरीज़ों को दिन में दो से तीन बार सादे पानी का भाप लेना चाहिए। इसके अलावा, दिनभर में ३ से ४ लीटर गुनगुना पानी पीने की भी सलाह दी जाती है।

जारी रखें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेव्यर (Follow COVID Appropriate Behavior in Hindi)

कोविड के मरीज़ ठीक होने के बाद भी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेव्यर का पालन करते रहे जिसमें हैंड सैनिटाइजेशन, मास्किंग, दो गज़ की दूरी और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना शामिल है। इसके अलावा, अगर ब्लड टेस्ट में किसी तरह की गड़बड़ी निकलकर सामने आती है तो उसका इलाज भी करवाना चाहिए।

कोरोना नेगेटिव होने के ३ माह बाद ही लें टीका (Take the vaccine only after 3 months of being COVID negative in Hindi)

आईसीएमआर के अब तक के आकलन के मुताबिक अगर कोविड के मरीज़ ठीक होने के बाद कोविड एप्रोप्रियेट बिहेव्यर का पालन नहीं करते हैं तो ऐसे में लगभग 4.5% लोगों को दोबारा कोविड हो सकता है। कोविड के मरीज़ों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनका आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव आने के तीन महीने बाद ही वो वैक्सीन का पहला यह दूसरा डोज़ लें।

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समय रहते कराएं वैक्सीनेशन (Get vaccinated on time in Hindi)

भारत में इस वक्त तीन तरह की वैक्सीन उपलब्ध है जिसमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रूस द्वारा निर्मित स्पूतनिक शामिल है। ये सभी वैक्सीन बेहद सुरक्षित हैं और समय रहते ही सभी लोगों को अपना टीकाकरण करा लेना चाहिए।

बचाव के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र विकल्प (Vaccination is the only option for protection in Hindi)

फिलहाल कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन ही इकलौता उपाय है। वैक्सीनेशन के साथ ही सभी लोग कोविड एप्रोप्रियेट बिहेव्यर का भी पालन करते रहें।

डिस्क्लेमर – पोस्ट कोविड सिंड्रोम के लक्षण और इलाज के बारे में लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉ एन बी सिंह, सीनियर मेडिसिन स्पेशलिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on post COVID syndrome, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr NB Singh (Medicine Specialist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.