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ख़तरनाक हो सकता है ओरल कैंसर

Anurag Deewan_Card
ओरल कैंसर – लक्षण, कारण, रोकथाम | Dr Anurag Dewan on Oral Cancer in Hindi | Symptoms & Treatment

ओरल कैंसर को अनदेखा ना करें क्योंकि ये बहुत ही घातक हो सकता है। ओरल कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर अनुराग दीवान, (ईएनटी सर्जन) 

कैंसर जैसी घातक बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है जिसमें से एक है हमारा मुंह। मुंह में होने वाले कैंसर को ओरल कैंसर (Oral Cancer) कहा जाता है जिसमें उपर और नीचे के होठ, मसूढ़ों के किनारे, जीभ और गाल के अंदरुनी हिस्सों में कैंसर हो सकता है। आजकल बड़ी संख्या में ओरल कैंसर से पीड़ित मरीज़ सामने आ रहे हैं। ओरल कैंसर के इलाज में कभी-कभी सर्जरी तक की नौबत आ जाती है इसलिए सही वक्त पर इसका इलाज किया जाना बहुत ज़रुरी है।  

क्या हैं ओरल कैंसर के लक्षण? (What are the symptoms of Oral Cancer?) 

मुंह के अंदर किसी भी तरह का दाना या फुंसी अगर दो हफ्तों से ज्यादा वक्त तक ठीक ना हो तो जांच करा लेनी चाहिए। साथ ही अगर मुंह में लाल या सफेद रंग के धब्बे या चकत्ते पड़ जाएं तो ये भी मुंह के कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा अगर खाना खाते वक्त या निगलने के दौरान मुंह में दर्द हो या फिर जलन, तो सावधान हो जाना चाहिए। साथ ही अगर दांत समय से पहले ही गिरने लगें या मसूढ़ों में सूजन रहे, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाने की ज़रुरत है। कुछ मामूली लक्षण भी हो सकते हैं जैसे भूख ना लगना, वजन कम हो जाना या फिर मुंह के आसापास कान और गले में दर्द होना।  

क्या हैं ओरल कैंसर के कारण? (What causes Oral Cancer?) 

ये एक अफ़सोस करने वाली बात है कि हमारे देश में ओरल कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज़ पाए जाते हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है तंबाकू का किसी भी रुप में इस्तेमाल करना। कई लोग तंबाकू को मुंह के एक हिस्से में देर तक दबाए रखते हैं या चबाते हैं। बहुत से लोग गुल से मंजन करते हैं जिसमें तंबाकू होता है, इन सभी के कारण मुंह का कैंसर हो जाता है। कई लोग पान खाते हैं जिसमें पान का पत्ता और सुपारी दोनों ही कार्सिनोजेनिक (Carcinogenic) होते हैं यानि इन दोनों में कैंसर पैदा करने की संभावना होती है। सिगरेट, बीड़ी, सिगार से तंबाकू का सेवन करने पर कैंसर का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता है। शराब का सेवन भी ओरल कैंसर की एक बड़ी वजह है। इसके अलावा किसी इंफेक्शन या अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी मुंह का कैंसर हो जाता है। हांलाकि भारत में ओरल कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण है तंबाकू का सेवन।  

ओरल कैंसर की जांच (Diagnosis of Oral Cancer) 

ओरल कैंसर का पता लगाना काफ़ी आसान है क्योंकि इसमें होने वाली दिक्कतें मुंह में नज़र आ जाती हैं जैसे मुंह में छाले, फुंसी, धब्बे, किसी तरह की सूजन, खून का रिसाव वगैरह। इसकी जांच जल्दी हो जाती है और फिर बायोप्सी (Biopsy) करने के बाद कैंसर का इलाज शुरु किया जाता है। अगर कोई छोटी ग्रोथ है तो उसे पूरी तरह निकाल कर बायोप्सी की जाती है जबकि ग्रोथ बड़ा होने पर थोड़ा हिस्सा निकाला जाता है। बायोप्सी में कैंसर की पुष्टि होने पर मरीज़ का इलाज शुरु कर दिया जाता है। लेकिन इलाज से पहले ये देखा जाता है कि कैंसर कितना फैल चुका है। यदि कैंसर दूसरे हिस्सों जैसे गले या हड्डियों में फैल चुका है तो सीटी स्कैन करके उन जगहों की भी जांच की जाती है। जबकि बायोप्सी में कैंसर नहीं निकलने पर भी बीमारी ख़त्म हो जाती है क्योंकि बायोप्सी के लिए टिश्यू को सैंपल के तौर पर पहले ही निकाल लिया जाता है।

 

ओरल कैंसर का इलाज (Treatment of Oral Cancer) 

ओरल कैंसर में तीन तरह से इलाज किया जाता है जिसमें सर्जरी, कीमो थेरेपी और रेडियो थेरेपी शामिल है। अगर कोई छोटी फुंसी या फोड़ा है तो उसे सर्जरी के ज़रिए निकाल दिया जाता है। कई मामलों में कमांडो सर्जरी की जाती है जिसमें कैंसर से प्रभावित कोशिकाएं जहां तक फैल चुकी हैं, वहां तक उसे पूरी तरह से निकाला जाता है। कमांडो सर्जरी में मेनडीबल (Mandible) और गले के लिम्फनोड्स (Lymph nodes) तक सर्जरी की जाती है। ओरल कैंसर के इलाज का दूसरा तरीका है रेडियो थेरेपी। रेडियो थेरेपी तब की जाती है जब ग्रोथ बहुत छोटी होने की वजह से उसकी सर्जरी करना मुश्किल हो। इन दोनों के अलावा कीमो थेरेपी भी की जाती है। कीमो थेरेपी एक तरह का स्पोर्टिव इलाज है जो रेडियो थेरेपी और सर्जरी के साथ की जाती है। कीमो इसलिए किया जाता है ताकि ग्रोथ को कम किया जा सके जिससे इलाज में आसानी से हो।

   

ओरल कैंसर की रोकथाम (Prevention of Oral Cancer) 

तबांकू और पान का सेवन न करें या इस आदत को धीरे-धीरे कम करें। शराब और सिगरेट की लत ना लगाएं। अगर किसी को शराब या सिगरेट की आदत है तो उसे सीमित तरीके से इस्तेमाल करें। साथ ही मुंह में अगर किसी तरह के छाले, दाने या दर्द वगैरह है तो उसे अनदेखा ना करें। कैंसर के जल्द पता चलने से उसका इलाज आसान हो जाता है।  

डिस्क्लेमर – ओरल कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर अनुराग दीवान, (ईएनटी सर्जन) द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on Oral Cancer, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Anurag Dewan (ENT Surgeon) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.

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