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किस तरह का रोग है फिस्टुला, जानिए इसका उपचार

Dr Arshad Ahmad on Fistula in Hindi
भगंदर (Fistula) कारण | लक्षण | बचाव | Dr Arshad Ahmad on Fistula in Hindi

एनल कनाल यानि मल त्यागने के रास्ते में किसी तरह का फोड़ा बहुत ही ख़तरनाक और पीड़ादायक होता है, इसे गंभीरता से लेने की ज़रुरत है। फिस्टुला बीमारी के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर अरशद अहमद, कोलोरेक्टल सर्जन 

फिस्टुला जिसे आम भाषा में भगंदर कहते हैं, एक गंभीर बीमारी है जो हमारे गुदा द्वार यानि एनल कनाल के आसपास फोड़े हो जाने की वजह से होती है। दरअसल मल त्यागने के रास्ते के आसपास की मांसपेशियों में कुछ ग्रंथियां होती हैं जिनसे एन्ज़ाइम निकलते हैं और ये मल त्यागने में मदद करते हैं। इन्हीं ग्रंथियों में किसी तरह का इन्फेक्शन होने पर वहां फोड़े हो जाते हैं। जब ये फोड़े बढ़कर फूट जाते हैं, तो इनका एक सिरा एनल कनाल के अंदर रह जाता है जिसे फिस्टुला (भगंदर) कहा जाता है। ये रोग ना सिर्फ ख़तरनाक है बल्कि काफ़ी पीड़ादायक भी होता है। इस बीमारी से पीड़ित मरीज़ खुलकर अपनी तकलीफ़ बताने में भी झिझकते हैं।   

 

क्या है एनल फिस्टुला होने का कारण? (What causes anal fistula?) 

इस बीमारी की शुरूआत इंफेक्शन की वजह से होती है। जब गुदा के आसपास मौजूद ग्रंथियों की नलियां किसी वजह से बंद हो जाएं, तो ऐसे में इंफेक्शन हो जाता है। यही इंफेक्शन आगे जाकर फोड़ा बन जाता है और फोड़े के फटने पर ये फिस्टुला बन जाता है। जिन लोगों को फिशर (Fissure) की परेशानी रहती है, उन लोगों में भी फिस्टुला की बीमारी होने का ख़तरा बढ़ जाता है। कब्ज़, डाइबीटीज़, टीबी के मरीज़ों के साथ-साथ फिस्टुला उन लोगों को भी हो सकता है जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है। लेकिन सबसे ज्यादा ये बीमारी एनल कनाल की ग्रंथियों में फोड़े होने से ही होती है।  

क्या है लक्षण? (What are the symptoms?) 

शुरूआत में गुदा के आसपास फोड़ा होने की वजह से सूजन और दर्द रहता है। हालांकि फोड़े के फूटने के बाद ये दर्द और सूजन तो ख़त्म हो जाता है लेकिन उस जगह पर एक छेद बन जाता है जिससे हमेशा पस निकलता रहता है। धीरे-धीरे ये काफ़ी क्रोनिक हो जाता है। साथ ही आसपास की त्वचा में भी इंफेक्शन हो सकता है। फिस्टुला की वजह से गुदा के आसपास की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती है और वहां से पेशाब और गैस का रिसाव होता रहता है।  

कितने तरह का होता है एनल फिस्टुला? (What are the types of anal fistula?) 

फिस्टुला कई तरह का होता है लेकिन इसे सिंपल और कॉम्पलेक्स फिस्टुला में बांटा जा सकता है। सिंपल फिस्टुला उसे कहते हैं जिसमें गुदा की मांसपेशियां कट जाने पर भी मल-मूत्र त्यागने में परेशानी ना हो। इसमें एक साधारण ऑपरेशन किया जाता है जिसके बाद फिस्टुला ठीक हो जाता है और मल-मूत्र त्यागने में भी कोई दिक्कत नहीं होती। वहीं बात करें कॉमप्लेक्स फिस्टुला की, तो इसमें गुदा की मांसपेशियों का उपरी हिस्सा कट जाता है। इस वजह से वो मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं और वहां से ना चाहते हुए भी मल-मूत्र और गैस निकलते रहते हैं। इसका इलाज मुश्किल होता है क्योंकि इसमें फिस्टुला को ठीक करने के साथ ही मांसपेशियों को भी बचाना होता है।  

क्या है इलाज? (What is the treatment?) 

इसका इलाज सिर्फ सर्जरी के ज़रिए ही किया जा सकता है। सर्जरी के बहुत से आधुनिक तरीके आज मौजूद हैं। सिंपल फिस्टुला में पुराने तरीके से ही सर्जरी करके उसे पूरा निकाल दिया जाता है जो काफ़ी सफल होता आ रहा है। लेकिन कॉमप्लेक्स फिस्टुला में पुराने तरीके से सर्जरी नहीं की जा सकती क्योंकि इससे एनल के आसपास की मांसपेशियां ठीक नहीं होती और उनसे मल, मूत्र तथा गैस ना चाहते हुए भी निकलता रहता है। इसलिए कॉमप्लेक्स फिस्टुला में दूरबीन डालकर, लेजर से या फिर लिफ्ट तकनीक से एक छेद बनाकर सर्जरी की जाती है। इन आधुनिक तकनीकों में मांसपेशियों को बिना नुकसान पहुंचाए सर्जरी की जाती है।  

कैसे करें बचाव? (How to prevent Fistula?) 

एनल फिशर और कब्ज़ के मरीज़ों को फिस्टुला होने का ख़तरा बना रहता है। फिस्टुला से बचाव के लिए पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं। साथ ही मल त्यागने वाले रास्ते को साफ़ रखें। साफ़ अंडर गार्मेन्ट्स पहनें और साफ़ टायलट इस्तेमाल करें। डाइबीटीज़ के मरीज़ शुगर को कंट्रोल करें। अगर फिर भी बीमारी हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि शुरूआत में किसी को भी सिंपल फिस्टुला बनता है जिसकी सर्जरी आसानी से हो जाती है।  

डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice) 

एनल कनाल और उसके आसपास अगर सूजन और दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए जिससे इलाज करने में आसानी होती है। आजकल नई तकनीक के ज़रिए सर्जरी करने पर मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं होता इसलिए लोगों को सर्जरी से नहीं डरना चाहिए। किसी दूसरे तरीके या अप्रशिक्षित लोगों से इलाज ना कराएं क्योंकि ये बहुत ही घातक हो सकता है।   

डिस्क्लेमर – फिस्टुला की बीमारी, इसके लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर अरशद अहमद (कोलोरेक्टल सर्जन) द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।  

Note: This information on Fistula, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr. Arshad Ahmed (Colorectal Surgeon) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.

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