एसिडिटी की समस्या लगभग हर किसी को कभी ना कभी हो जाती है। यह पाचन तंत्र से जुड़ी एक आम परेशानी है। एसिडिटी होने पर व्यक्ति को सीने और पेट में जलन के साथ खट्टी डकारों का सामना भी करना पड़ता है। आइए पेट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित प्रकाश से जानते हैं एसिडिटी के काण, लक्षण औऱ उपचार के बारे में।   

हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे पचाने के लिए हमारे पेट के अंदर कई तरह के रसायनों और एसिड का निर्माण होता है। इन्हीं रसायनों की मदद से भोजन का पाचन होता है। कुछ कारणों से जब इन रसायनों और एसिड का निर्माण सामान्य से ज्यादा होने लगता है, तब शुरू होती है एसिडिटी की समस्या। हम में से कई लोगों ने खाने के बाद कभी ना कभी सीने और पेट में जलन महसूस ज़रूर की होगी। एसिडिटी होने पर लोगों को खाना गले में अटका हुआ महसूस होता है। ऐसा ज्यादातर रात के भोजन करने के बाद होता है।  

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किन कारणों से होती है एसिडिटी? (What causes acidity in Hindi)

एसिडिटी होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें सबसे मुख्य है बाहर का तला-भुना और मसालेदार खाना। आजकल लोग जंक फूड, फास्ट फूड और बाहर का भोजन ज्यादा खाते हैं जिसमें इस्तेमाल किए गए पदार्थ पूरी तरह शुद्ध नहीं होते और इससे एसिडिटी की समस्या पैदा होती है। इसके अलावा जो लोग घर में भी ज्यादा तेल, घी और मसालेदार भोजन का सेवन करते हैं, उन्हें भी एसिडिटी की दिक्कत होती है। सिर्फ़ यही नहीं, जो लोग ज़रूरत से ज्यादा भोजन करते हैं उन्हें भी एसिडिटी का सामना करना पड़ता है क्योंकि ज्यादा भोजन को पचाने के लिए पेट में ज्यादा एसिड का निर्माण होता है और यह एसिड ना केवल भोजन को बल्कि हमारे पेट के अंदर की दीवार को भी नुकसान पहुंचाने लगता है जिससे पेट में छोटे छोटे छाले पड़ जाते हैं। आगे जाकर ये पेट के अल्सर में भी बदल जाते हैं।  

एसिडिटी के लक्षण और इसकी जटिलताएं (Symptoms of acidity and its complications in Hindi)

गले में जलन होना, पेट में जलन होना, गले में खट्टा पानी आ जाना, गले में भोजन अटका हुआ महसूस होना और पेट में भारीपन लगना वगैरह एसिडिटी होने के प्रमुख लक्षण हैं। इससे होने वाली परेशानियों की बात करें तो व्यक्ति अपनी इच्छानुसार कुछ भी खाने से डरता है और उसका दिमाग़ हमेशा इसी तरफ़ लगा होता है कि कुछ भी खाने से उसे दिक्कत हो जाएगी।  

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डॉक्टर के पास कब जाएं? (When to seek doctor in Hindi)

अगर कोई व्यक्ति खाने में पूरी तरह परहेज़ कर रहा हो, तला-भुना और मसालेदार भोजन ना कर रहा हो, समय पर और ज़रूरत के मुताबिक खाना खा रहा हो, बावजूद इसके उसे सीने और पेट में जलन हो रही हो, तो किसी गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए।  

कैसे होती है एसिडिटी की जांच? (How is acidity tested in Hindi)

मरीज़ को एसिडिटी की दिक्कत है या नहीं, ये पता करने के लिए उसकी हिस्ट्री और खाने पीने की आदतों के बारे में जानकारी ली जाती है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है और एक हफ्ते के लिए दवाइयां दी जाती हैं। लेकिन दवाइयों के बाद भी यदि मरीज़ को किसी तरह का आराम ना मिले, तो पेट की एंडोस्कोपी करके एसिडिटी की पुष्टि की जाती है।  

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कैसे करें एसिडिटी से बचाव? (How to prevent acidity in Hindi)

एसिडिटी की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाने में सबसे ज्यादा मददगार है आपकी जीवनशैली और खान-पान में बदलाव। भोजन हमेशा सही समय पर और सही मात्रा में करें। खाने में फाइबर ज्यादा लें और पानी पिएं। इसके अलावा तेल और चिकनाइयुक्त भोजन से परहेज़ करें। रात का भोजन हमेशा सोने से दो घंटे पहले खाएं।  

एसिडिटी का इलाज (Treatment of acidity in Hindi)

एसिडिटी के इलाज के लिए सबसे पहले पेट में किसी तरह के इंफेक्शन या अल्सर का पता लगाया जाता है। इसके अलावा ये भी देखा जाता है कि कहीं एसिड रिफलेक्स तो नहीं हो रहा है। इसके साथ ही कब्ज़ होने की स्थिति में उसका भी इलाज किया जाता है। बीमारी को देखते हुए उसी अनुसार दवाइयां दी जाती हैं और साथ ही जीवनशैली और खान-पान में बदलाव की सलाह भी दी जाती है।  

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एसिडिटी के लिए घरेलू उपचार (Home remedies for acidity in Hindi)

इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए। सुबह और शाम को कम से कम दो गिलास गुनगुना पानी पिएं। भोजन करने से पहले या आधे घंटे बाद पानी पिएं। खाने में फल और फाइबर ज्यादा लें, कम से कम पांच किलो मीटर तक ज़रूर सैर करें। तला-भुना और मसालेदार खाने से दूर रहें। रात को सोने से दो घंटे पहले भोजन करें। भोजन को अच्छी तरह से चबाकर कर खाएं। ऐसा कहा जाता है कि एक निवाले को कम से कम 32 बार चबाकर खाना चाहिए।  

डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)

अगर आप दिनभर बाहर रहते हैं तो भोजन के तौर पर फल और जूस लें, तो बेहतर है। घर में भी सादा भोजन करें और चाहें तो हफ्ते में एक दिन अपना मनपसंद भोजन कर सकते हैं। भोजन करने के बाद फल ज़रूर खाएं और भोजन को पचाने के लिए व्यायाम अवश्य करें। रात का भोजन सोने से दो घंटे पहले करें और खाने के बाद थोड़ी देर ज़रूर टहलें।  

डिस्कलेमर – एसिडिटी होने के लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर अमित प्रकाश, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

Note: This information on Acidity, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Amit Prakash Srivastava(Gastroenterologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.