गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाएं अपने खाने और पीने को लेकर परेशान रहती हैं। वैसे तो घर का बना शुद्ध खाना, फल, सब्ज़ियां और सूखे मेवे सभी गर्भवती महिलाओं के लिए फ़ायदेमंद होते हैं लेकिन दूध को लेकर कई महिलाओं को आज भी भ्रांति है कि गर्भावस्था में दूध पीना चाहिए या नहीं। तो आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी में दूध का सेवन करना चाहिए या नहीं।   

pregnancy

मां बनना हर एक महिला के लिए बहुत ही सुखद अनुभव है लेकिन इसके साथ आती हैं कई तरह शारीरिक और मानसिक परेशानियां। गर्भावस्था के दौरान कई लोग और बूढ़े बुज़ुर्ग तरह तरह की सलाह देते हैं लोकिन हर महिला का शरीर और उसकी ज़रूरतें अलग होती हैं इसलिए गर्भवती महिला को चाहिए कि वह अपनी इच्छा और ज़रूरत के मुताबिक अपने खान-पान का चयन करे।   

गर्भावस्था के दौरान एक महिला जो भी खाती है वो ना सिर्फ़ उसके लिए बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु का भी आहार होता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को अच्छा और संतुलित भोजन करने के साथ साथ अच्छी मात्रा में पानी पीने की सलाह भी दी जाती है। दूध की बात करें तो लंबे समय से इसे पोषक तत्वों से भरपूर और ख़ासकर बच्चों के पोषण के लिए एक प्राथमिक स्रोत के तौर पर जाना जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को हर दिन कम से कम तीन कप दूध या दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने की सलाह देती है। कुछ रिसर्च के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान दूध पीने को बेहतर IQ वाले स्वस्थ बच्चों से भी जोड़कर देखा गया है। 

milk

दूध एक ऐसा प्राकृतिक पेय पदार्थ है जिसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन डी मौजूद होता है जो हड्डियों की मज़बूती के लिए बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा दूध में प्रोटीन, विटामिन ए और बी भी पाया जाता है। आइए जानते हैं कि किस तरह से दूध पीने के अनेक फ़ायदे हैं।  

  • गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम ज़रूरी है क्योंकि यह आपके और आपके बच्चे की हड्डियों और दांतों, दोनों को स्वस्थ और मज़बूत बनाए रखता है। बच्चे को जीवन में हड्डियों के नुकसान से रोकने के लिए आपको इस पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। 
  • दूध और इससे बने प्रोडक्ट्स आपको कई तरह के विटामिन जैसे कि विटामिन बी, डी और ए प्रदान करते हैं, ख़ासकर विटामिन डी क्योंकि विटामिन डी ही वो पोषक तत्व है जो आपके शरीर को दूध में मौजूद कैल्शियम का इस्तेमाल करने देता है। विटामिन डी आपकी गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।    
  • गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन जिसे हार्ट बर्न कहा जाता है, एक बहुत ही सामान्य बात है जिससे बचने के लिए डॉक्टर दवाइयां देते हैं। हालांकि, आपको गर्भावस्था के दौरान अपने डॉक्टर की सलाह के बिना बहुत अधिक दवा लेने से बचना चाहिए। ऐसे में ठंडा दूध और दही जैसे डेयरी उत्पाद आपको बेहतर महसूस कराने में मदद कर सकते हैं। दूध और दही क्षारीय पदार्थ हैं जो पेट के अंदर बन रहे एसिड को बेअसर कर सकते हैं। इसके अलावा दही आपकी आंतों के स्वास्थ्य के लिए भी बढ़िया है क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं। 
  • गर्भावस्था के दौरान बच्चे का शारीरिक विकास के साथ साथ सही तरह से मानसिक विकास होना भी बहुत ज़रूरी और इसके लिए आपके शरीर में सही मात्रा में आयोडीन होना चाहिए। दिमाग़ के तंत्रिका तंत्र को विकसित करने के लिए आयोडीन ज़रूरी है जो कई तरह की खाने पीने की चीज़ों में पाया जाता है जिसमें दूध भी शामिल है इसलिए दूध को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें।  

आपके मन में ये सवाल ज़रूर पैदा हो रहा होगा कि अगर दूध के इतने सारे फ़ायदे हैं तो इसे गर्भावस्था के दौरान पीने को लेकर कुछ भ्रांतियां क्यों है। दरअसल कुछ महिलाओं को पेट में गैस की समस्या होती है और कुछ को दूध हज़म नहीं हो पाता। ऐसे में महिलाएं अपनी स्थिति को देखकर और डॉक्टर की सलाह लेकर दूध का सेवन करें। इसके अलावा कुछ नए रिसर्च के ज़रिए ये भी पता लगा है कि जो महिलाएं बहुत ज्यादा मात्रा में दूध पीती हैं, उनके होने वाले बच्चों में विकास के एक ख़ास स्टेज पर आयरन की कमी हो सकती है। 

आयरन दिमाग़ के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है इसलिए इसकी कमी से दिमाग़ के विकास और इसके काम करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। दूध पीने से पेट भी भरा हुआ लगता है और गर्भवती महिलाओं में दूसरी चीज़ें खाने की इच्छा कम हो सकती है। जहां दूध कैल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत है वहीं इसमें काफ़ी कम मात्रा में आयरन पाया जाता है इसलिए आयरन की पूर्ति के लिए दूसरी चीज़ें भी खानी चाहिए। ऐसे में ज़रूरी ये है कि बाकी चीज़ों की तरह ही दूध का सेवन भी उतना ही करें जितना आवश्यक है। वैसे कुछ बातों को छोड़ दें, तो गर्भावस्था में दूध पीने के बहुत से फ़ायदे हैं।