कोरोना वायरस शरीर में हमारे फेफड़ों को प्रभावित करते हैं और इसी वजह से मरीज़ को सांस लेने में दिकक्त होती है। शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए लोग कई तरह के व्यायाम कर रहे है। इसी कड़ी में डॉक्टरों द्वारा लोगों को सेल्फ प्रोनिंग करने की सलाह दी जा रही है। हालांकि, सेल्फ प्रोनिंग के फ़ायदे ही फ़ायदे हैं लेकिन कुछ लोगों को इसे नहीं करना चाहिए।   

आज के समय सभी लोग सांस लेने के सही तरीके सीख कर आज़मा रहे हैं फिर चाहे वो किसी तरह की ब्रीदिंग एक्सर्साइज़ हो, लंग्स टेस्टर जैसे उपकरण का इस्तेमाल हो या फिर शरीर में ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए सेल्फ प्रोनिंग की पोज़िशन हो।  

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क्या है सेल्फ प्रोनिंग? 

सेल्फ प्रोनिंग दरअसल शरीर की एक ऐसी अवस्था यानि पोज़िशन है जिसमें व्यक्ति को छाती के बल लेटना होता है। छाती के बल पर लेटने से फेफड़े थोड़े फैल जाते हैं जिससे उनके ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ जाती है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा पहले से लगभग 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। 

क्या सेल्फ प्रोनिंग वैज्ञानिक तौर पर मान्य है? 

जी हां, दुनिया भर के डॉक्टरों के मुताबिक सेल्फ प्रोनिंग साइंटिफिकली प्रूव्ड एक उपाय है जिसका अक्सर आईसीयू और वेंटिलेटर पर रह रहे मरीज़ों पर इस्तेमाल किया जाता है। कई तरह के रिसर्च के मुताबिक लगभग तीन-चौथाई मरीज़ों में इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।   

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क्या सेल्फ प्रोनिंग करने से ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की ज़रूरत नहीं पड़ती? 

डॉक्टर इस बात की चेतावनी देते हैं कि सेल्फ प्रोनिंग किसी भी तरह से आईसीयू और वेंटिलेटर का विकल्प नहीं है। यानि, अगर मरीज़ का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो, तो उसे अस्पताल ले जाना ज़रूरी है। सेल्फ प्रोनिंग घर पर आसानी से किये जाने वाले एक व्यायाम की तरह है जिससे ऑक्सीजन सैचुरेशन पहले से बढ़ जाता है और लोग अपने शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा को मेंटेन कर सकते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि गंभीर मरीज़ों को भी केवल सेल्फ प्रोनिंग कराया जाते रहना चाहिए।  

क्या सभी लोग कर सकते हैं सेल्फ प्रोनिंग? 

सेल्फ प्रोनिंग कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है लेकिन कुछ लोग इसे बिल्कुल भी ना करें क्योंकि इसकी अवस्था उनके लिए घातक हो सकती है। गर्भवती महिलाएं, हार्ट के मरीज़, ज्यादा मोटापे के शिकार लोग, रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानी वाले लोग इसे कतई ना करें। इसके अलावा कूल्हे या पैर की हड्डी में अगर किसी तरह फ्रैकचर हो या फिर इनकी सर्जरी हुई हो, तो भी सेल्फ प्रोनिंग नहीं करने की सलाह दी जाती है। साथ ही साथ खाना खाने के तुरंत बाद भी सेल्फ प्रोनिंग नहीं करना चाहिए।