Swasthya Plus Hindi

कोविड १९ – सावधानी के साथ कराएं स्तनपान।

breast feeding

कोरोना काल के दौरान  महिलाओं में ये आशंका बनी हुई है कि वे जन्म देने के बाद अपने बच्चे को  स्तनपान कराएं या नहीं। अगर माँ कोविड से पीड़ित हो या रह चुकी हो तो उसे बच्चे को दूध पिलाना चाहिए या नहीं, इस तरह के बहुत से सवाल उठ रहे हैं। इस लेख के ज़रिए जानिए अपने हर सवाल का जवाब। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि माँ के दूध में हर तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बच्चे के लिए बेहद फ़ायदेमंद हैं इसलिए जन्म के 1 घंटे के अंदर ही बच्चे को दूध पिलाना शुरू कर देना चाहिए और कम से कम छह महीने तक सिर्फ़ और सिर्फ़ माँ का दूध ही शिशु को मिलना चाहिए। लेकिन कोविड के दौरान कई गर्भवती महिलाएं कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गईं जिसके कारण उन्हें इस बात की चिंता है कि कहीं उनके स्तनपान कराने से बच्चों में भी संक्रमण न फैल जाए। हालांकि, अच्छी बात ये है कि अभी तक माँ के दूध से किसी तरह का संक्रमण बच्चे तक जाते हुए नहीं पाया गया है। इसलिए कोविड से संक्रमित महिला भी पूरी सावधानी और सुरक्षा मानदंडों को अपनाते हुए अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। स्तनपान के समय उन्हें कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि 

माँ का दूध बच्चे के लिए इतना ज़रूरी है कि कोविड से पीड़ित होने के बावजूद भी डॉक्टर सावधानीपूर्वक शिशु को स्तनपान कराने की सलाह दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि कोरोना काल में स्तनपान कराना और भी ज़्यादा ज़रूरी क्यों है। 

यही नहीं, वैज्ञानिकों के मुताबिक भारत में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत होने में से लगभग 62% कुपोषण को ही एक प्रमुख कारण माना गया है। साल 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सुझाव दिया है कि हर साल 5 साल से कम उम्र के लगभग 8,20,000 से ज़्यादा बच्चों की जान बचाई जा सकती है बशर्ते कि 0-23 महीने तक के सभी बच्चों को बेहतर तरीक़े से स्तनपान कराया जाए। 

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