किडनी का मुख्य काम है हमारे शरीर में नमक और पानी का संतुलन बनाए रखना। लेकिन अगर ये ख़राब हो जाएं तो व्यक्ति को जीवन भर के लिए डायलीसिस का सहारा लेना पड़ता है। जानिए डॉक्टर संजीत सिंह, यूरोलॉजिस्ट से कि कैसे हम रख सकते हैं अपनी किडनी को स्वस्थ।
- किडनी स्वस्थ है या नहीं, कैसे जानें?
- क्या है किडनी ख़राब होने के कारण?
- कैसे रखें किडनी को स्वस्थ?
- क्या खाएं, क्या ना खाएं?
- स्वस्थ किडनी के लिए कितना पानी पिएं?
किडनी ना सिर्फ़ शरीर से अत्याधिक पानी और नमक को बाहर निकालकर केमिकल बैलेंस को बनाए रखती है बल्कि इसके और भी कई काम हैं। किडनी लाल रक्त कणिकाएं यानि आरबीसी (RBC) के निर्माण मदद करती है, सोडियम तथा पोटाशियम को नियंत्रित करके हमारे बल्ड प्रेशर को कंट्रोल करती है और विटामिन डी बनाने में भी मदद करती है। इसके अलावा किडनी का सबसे महत्वपूर्ण काम है शरीर में जमा ज़हरीले पदार्थ को बाहर निकालना इसलिए किडनी को स्वस्थ बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।
किडनी स्वस्थ है या नहीं, कैसे जानें? (How to understand kidneys are healthy or not in Hindi)
ज्यादातर लोगों को 90 प्रतिशत किडनी ख़राब होने के बाद ही पता चल पाता है क्योंकि शुरूआती स्टेज में इसका पता लगाना मुश्किल होता है। किडनी ख़राब होने पर व्यक्ति में कमज़ोरी, थकान, चिडचिड़ापन, जी मितलाना, उल्टी आना, नींद कम आना और शरीर में सूजन हो जाना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग, शुगर और ब्लड प्रेशर से पीड़ित जैसे हाई रिस्क वाले मरीज़ों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए और समय समय पर जांच कराकर चेक करते रहना चाहिए। किडनी की जांच के लिए ख़ून और पेशाब की जांच की जाती है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड द्वारा किडनी के आकार का पता लगाया जाता है। कुछ मामलों में किडनी की बायोप्सी करके बीमारी का पता लगाया जाता है और उसी अनुसार इलाज किया जाता है।
क्या है किडनी ख़राब होने के कारण? (What are the reasons for kidney failure in Hindi)
किडनी ख़राब होने की तीन मुख्य वजह है जिनमें शुगर, ब्लड प्रेशर और दर्द होने पर बेवजह दवाईयां लेना शामिल हैं। इन मुख्य कारणों के अलावा किडनी में पथरी और ख़ून पहुचांने वाली धमनियों में रुकावट के कारण भी किडनी ख़राब हो जाती है।
कैसे रखें किडनी को स्वस्थ? (How to keep our kidneys healthy in Hindi)
किडनी को सेहतमंद बनाए रखने के लिए शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें। इसके अलावा बहुत ज्यादा पेन किलर्स का इस्तेमाल ना करें। शराब का सेवन ना करें और धूम्रपान से बचें। इसके अलावा नियमित तौर पर व्यायाम करें। खाने में नमक कम लें तो ज्यादा अच्छा है।
क्या खाएं, क्या ना खाएं? (What to eat, what not to eat in Hindi)
स्वस्थ किडनी के लिए मोटे अनाज, फल और सब्ज़ियां खाएं। सब्ज़ियों में फूलगोभी, पत्तागोभी, चुकंदर काफ़ी फ़ायदेमंद हैं। बिना चर्बी वाले मांस और मछली खा सकते हैं। अंडा, दूध, ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें और पानी ज्यादा मात्रा में पिएं। खाने में नमक का इस्तेमाल कम करें क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे हमारी किडनी ख़राब होती है। कोल ड्रिंक और पैकेज्ड फूड का इस्तेमाल ना करें क्योंकि इसमें नमक को प्रिज़र्वेटिव्स की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
स्वस्थ किडनी के लिए कितना पानी पिएं? (How much water to drink for healthy kidney in Hindi)
हमारे शरीर में जो भी ज़हरीले पदार्थ बनते हैं उसे किडनी पेशाब द्वारा फिल्टर करके निकाल देती है इसलिए हर रोज़ कम से कम डेढ़ लीटर पेशाब होना चाहिए। आमतौर पर एक व्यक्ति को हर दिन आठ गिलास पानी ज़रूर पीना चाहिए। पानी का सेवन मौसम, शारीरिक क्रिया और अपने काम के हिसाब से ही करना चाहिए। शरीर में पानी है या नहीं, इसे पेशाब के रंग से पहचाना जा सकता है। अगर पेशाब का रंग ज्यादा पीला हो तो इसका मतलब है कि शरीर में पानी की कमी है जबकि पेशाब का रंग हल्का पीला या रंगहीन हो तो इसका मतलब है कि शरीर में पर्याप्त पानी मौजूद है। हमारे द्वारा पिया गया पानी पेशाब और पसीने के तौर पर बाहर निकलता है इसलिए गर्मियों के मौसम में पानी ज्यादा पिएं। इसके अलावा जिन लोगों को पथरी होती है उन्हें कम से कम साढ़े तीन से लेकर पांच लीटर तक रोज़ाना पानी पीना चाहिए।
डिस्क्लेमर – किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय और बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर संजीत सिंह, यूरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
Note: This information on Healthy Kidney, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Sanjeet Singh (Urologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.