क्या कुत्ते के काटने पर चौदह इंजेक्शन लेने पड़ते हैं या फिर इसके और भी इलाज हैं? कुत्ते द्वारा काटे जाने पर क्या करना चाहिए, बता रहे हैं डॉक्टर सचिन सिंह, जेनरल फिज़िशियन। 

कुत्ते के काटने को डॉग बाइट्स कहा जाता है। ये डॉग बाइट्स तीन तरह के होते हैं जिनमें से पहले क्लास को लिक ऑन इन्टेक्ट स्किन कहते हैं। इसमें काटने की बजाय कुत्ता सिर्फ त्वचा को चाटता है और किसी तरह का घाव नहीं होता। क्लास 2 का मतलब है कि पहले से किसी तरह के घाव पर कुत्ते का चाटना। वहीं क्लास 3 की बात करें तो इसमें कुत्ता व्यक्ति को काटता है जिससे घाव हो जाते हैं और इसमें रेबीज़ (Rabies) होने का सबसे ज्यादा ख़तरा होता है। जबकि क्लास 1 और 2 में रेबीज़ होने का ख़तरा बहुत ही कम होता है। रेबीज़ दो तरह के होते हैं जिसमें से फ्यूशियस स्ट्रीट डॉग्स यानि आवारा कुत्तों में पाया जाता है। रेबीज़ के वायरस की दिमाग़ में पहुंचने की गति 3 मिली मीटर प्रति घंटे की होती है। अगर रेबीज़ के वायरस दिमाग़ में पहुंच जाएं तो इसका इलाज असंभव हो जाता है और मरीज़ की मौत हो जाती है इसलिए कुत्ते के काटने को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 

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कुत्ते द्वारा काटे जाने पर क्या होते हैं लक्षण? (What are the symptoms of dog bites in Hindi)

कुत्ते के काटने पर व्यक्ति में मुख्य रूप से दो तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें मरीज़ हाइड्रोफोबिया का शिकार हो जाता है यानि उसे पानी से डर लगने लगता है। इसके अलावा मरीज़ को एयरोफोबिया भी हो जाता है जिसमें उसे आवाज़ों से तकलीफ़ होने लगती है और वह आक्रामक हो जाता है।  

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कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार (First aid in case of dog bites in Hindi)  

क्लास 1 और 2 डॉग बाइट्स होने पर त्वचा को अच्छी तरह से लगभग 15 से 20 मिनट तक धोने पर रेबीज़ का ख़तरा ख़त्म हो जाता है। लेकिन अगर क्लास 3 डॉग बाइट्स हों तो उसे भी 15 से 20 मिनट तक रनिंग वॉटर से धोने के बाद मरीज़ को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। रेबीज़ के वायरस से बचने के लिए डॉक्टर इंटरमसक्यूलर इंजेक्शन लगाते हैं जिसे पहले, तीसरे, सातवें और चौदहवें दिन लगाया जाता है। कुत्ते के काटने के बाद की सावधानियों की बात करें तो जहां कुत्ते ने काटा है, उसपर किसी तरह की पट्टी ना बांधे। ये भी ध्यान देने की ज़रूरत है कि जिस कुत्ते ने काटा है कहीं उसकी मौत तो नहीं हो गई। अगर काटने वाले कुत्ते की अगले दस दिनों में मौत हो जाती है तो ये बहुत ही ख़तरनाक वायरस होता है।  

कैसे होता है इसका इलाज? (How is it treated in Hindi)  

इसके इलाज के लिए पहले डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करते हैं और साथ ही ये भी पता लगाते हैं कि डॉग बाइट्स किस क्लास का है। इसके बाद मरीज़ की प्रोफाइलिक्सिस की जाती है और उन्हें पहले, तीसरे, सातवें, चौदहवें और अट्ठाइसवें दिन टीके लगाये जाते हैं। अगर काटने वाले कुत्ते की अगले दस दिनों में मौत हो जाती है तो अट्ठाइसवें दिन का बूस्टर डोज़ लेना बहुत ज़रूरी हो जाता है। जो लोग कुत्तों को पालते हैं उन्हें पहले से ही अपने कुत्तों के साथ साथ ख़ुद को भी इंजेक्शन लगवा लेने चाहिए।  

कितना ख़तरनाक है कुत्ते का काटना? (How dangerous is dog bite in Hindi)   

कुत्ते के काटने पर रेबीज़ वायरस नीचे से उपर दिमाग़ की तरफ़ बढ़ते हैं और हमारी दिमाग़ के न्यूरॉन कोशिकाओं को नष्ट करने लगते हैं। ऐसा होने पर इलाज करना असंभव हो जाता है और मरीज़ की मौत हो जाती है।  

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डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)   

हमारे देश में कुत्ते के काटने पर कई तरह के अंधविश्वास भरे काम किए जाते हैं जैसे कि प्लेट पीठ पर चिपकाना, नदी-नालों में नहाना, झाड़-फूंक कराना वगैरह जो कि पूरी तरह से ग़लत है और जानलेवा साबित हो सकता है। कुत्ते के काटने पर मरीज़ को डॉक्टर के पास ले जाएं और पूरे टीके लगवाएं। इसके अलावा पालतू कुतों का भी वैक्सीनेशन कराएं।   

डिस्क्लेमर – कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए, इसके लक्षण और इलाज पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर सचिन सिंह, जेनरल फिज़िशियन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।   

Note: This information on Dog Bite, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Sachin Singh (General Physician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.