एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर बीमारी है और महिलाओं में होने वाली ये समस्या आजकल बढ़ती ही जा रही है इसलिए इसके बारे में सभी को जागरूक होना ज़रूरी है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में बता रहीं हैं डॉ मालविका मिश्रा।
- एंडोमेट्रियोसिस बीमारी में क्या होता है?
- चार स्टेज में विभाजित है ये रोग
- किस कारण से होता है एंडोमेट्रियोसिस?
- किन लक्षणों से बीमारी को पहचानें?
- डोमेट्रियोसिस की वजह से होने वाली परेशानियां
- कैसे होती है एंडोमेट्रियोसिस की जांच?
- कैसे किया जाता है इलाज?
- डॉक्टर की सलाह
एंडोमेट्रियोसिस बीमारी में क्या होता है? (What happens in Endometriosis in Hindi)
महिलाओं के गर्भाशय के अंदर एंडोमेट्रियम की लाइनिंग होती है जो हर महीने होने वाली माहवारी के साथ ही गिर जाती है। कभी कभी ये एंडोमेट्रियम गर्भाशय के अलावा दूसरी जगहों पर भी जाकर जमा हो जाते हैं जैसे कि अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब में। एंडोमेट्रियम के इन जगहों पर जमा होने से ये महामारी के दौरान अंदर के अंगों में ही ब्लीड कर जाते हैं और गांठे बना देते है जिसके कारण दर्द होता है।
चार स्टेज में विभाजित है ये रोग (This disease is divided into four stages in Hindi)
एंडोमेट्रियोसिस की गंभीरता को चार स्टेज में बांट कर देखा जा सकता है। पहले स्टेज में ये काफ़ी हल्का होता है और मरीज़ को किसी तरह के लक्षण नहीं होते हैं। दूसरे स्टेज की बात करें तो इसमें एंडोमेट्रियम यूट्रस के अलावा ओवरी, फैलोपियन ट्यूब और डगलस पाउच में जमा हो जाते हैं। स्टेज थ्री में ये अंगों में बड़े बड़े सिस्ट बना देते है और आंतों को भी प्रभावित करते हैं जबकि चौथे स्टेज की बात करें तो ये कई सारे अंगों जैसे कि आंत, रेक्टम वगैरह को अपनी चपेट में ले लेते हैं।
किस कारण से होता है एंडोमेट्रियोसिस? (Causes of Endometriosis in Hindi)
यूट्रस की दो नलियां होती है जिसके द्वारा एंडोमेट्रियम अन्दर जाकर जमा हो जाते हैं। इसके अलावा, जेनेटिक कारण भी हैं लेकिन नालियों के द्वारा इनका अंदर चले जाना ही इसका प्रमुख कारण होता है।
किन लक्षणों से बीमारी को पहचानें? (Symptoms to recognize the disease in Hindi)
पेट के निचले हिस्से में भयंकर दर्द होना इसका सबसे प्रमुख लक्षण हैं। माहवारी के दौरान या माहवारी न होने पर भी महिला को तेज़ दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, शादीशुदा महिलाओं को संबंध बनाने के दौरान दर्द होता है। जैसे जैसे गंभीरता बढ़ती है मरीज़ को पेशाब और मल त्यागने में भी दिक्कत आती है। कुछ मामलों में महिलाओं में किसी तरह के लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन उन्हें गर्भधारण नहीं हो पाता। एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भ धारण करने में मुश्किल आती है।
एंडोमेट्रियोसिस की वजह से होने वाली परेशानियां (Problems caused by Endometriosis in Hindi)
एंडोमेट्रियोसिस में भयंकर दर्द होने के कारण महिलाएं अपने रोज़मर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पातीं और इससे उनकी लाइफ स्टाइल पर असर पड़ता है। आज के समय छोटी बच्चियों में एंडोमेट्रियोसिस की समस्या काफ़ी देखी जा रही है। इसके अलावा, महिलाओं को गर्भधारण करने में भी मुश्किल आती है। बहुत कम मामलों में ये कैंसर में भी बदल सकते हैं।
कैसे होती है एंडोमेट्रियोसिस की जांच? (How is Endometriosis diagnosed in Hindi)
ट्रांस वजाइनल सोनोग्राफी के ज़रिए इसकी गांठों का पता साफ़ साफ़ लग जाता है। कई बार इन ट्यूमर्स का आकार 10 सेंटीमीटर तक हो जाता है जिसके कारण ओवरी के टिशू भी डैमेज हो जाते हैं। दूरबीन द्वारा जांच से डॉ जमा हुए एंडोमेट्रियम का पता लगाते हैं और फिर उसकी बायोप्सी की जाती है।
कैसे किया जाता है इलाज? (Treatment of Endometriosis in Hindi)
एंडोमेट्रियोमा का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि उस महिला की उम्र और ज़रूरत क्या है। अगर ये रोग किसी छोटी बच्ची को हुआ हो और उसका आकार दो से तीन सेंटीमीटर हो तो ऐसे में दवाइयों से ही इलाज किया जाता है जब तक कि वह आगे जाकर गर्भधारण न कर लें। लेकिन अगर ट्यूमर का आकार छह-सात सेंटीमीटर हो तो ऐसे में सर्जरी की ज़रूरत पड़ती है। अगर महिला शादीशुदा है और उसे गर्भ धारण करने में दिक्कत हो रही हो तो ऐसे में दवाइयों द्वारा बीमारी को कम करके गर्भधारण कराने की कोशिश की जाती है। लेकिन यदि अंडाशय खुले होने के बावजूद बीमारी एडवांस स्टेज की हो तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे मामले जिनमें मरीज़ की फैमिली पूरी हो चुकी हो और वो बहुत ज्यादा ब्लीडिंग और दर्द से परेशान हो तो ऐसे में दवाइयां देकर माहवारी को रोक दिया जाता है जिससे कि अंदर की तरफ़ भी ब्लीडिंग रुक जाए। यदि कोई महिला रिप्रोडक्टिव एज से बाहर निकल चुकी हो और भयंकर दर्द का सामना करना पड़ रहा है तो आख़िरकार बच्चेदानी को निकालना सबसे अच्छा उपाय होता है।
डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)
अगर किसी महिला को माहवारी या उसके बाद भी लगातार पेट के निचले हिस्से में दर्द बना रहता है, ब्लीडिंग ज्यादा होती है या फिर गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही हो तो बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि एंडोमेट्रियोसिस एक प्रोग्रेसिव यानि आगे बढ़ने वाली बीमारी है। इसे रोकने के लिए जल्द इलाज शुरू कर देना चाहिए क्योंकि ना सिर्फ़ इसकी कई जटिलताएं हैं बल्कि ये मरीज के रोज़मर्रा के काम को भी प्रभावित करती है।
डिस्क्लेमर -एंडोमेट्रियोसिसस होने के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉ मालविका मिश्रा द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
Note: This information on Endometriosis, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Malvika Mishra (Obstetrician/Gynecologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.