आमतौर पर लोगों को लगता है कि खांसी और कफ़ दोनों अलग अलग चीज़ें होती हैं जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि मेडिकल भाषा में कफ़ का मतलब खांसी होती है। खांसी के साथ ही गले से म्यूकस का भी प्रोडक्शन होता है। हमारे श्वसन तंत्र (Respiratory system) में जब किसी भी तरह की दिक्कत होती है तो वह खांसी के तौर पर सामने आती है। कैसे और क्यों बनता है बलगम और कैसे पा सकते हैं इससे छुटकारा, बता रहे हैं डॉक्टर आशीष जैसवाल, छाती रोग विशेषज्ञ। 

हमारे श्वसन तंत्र में किसी भी तरह के इंफेक्शन जैसे कि बैक्टीरियल, वायरल या फिर फंगल होने पर हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम एक्टिव हो जाता है और उन कोशिकाओं तक पहुंचता है जो कि इम्यूनिटी का हिस्सा होते हैं जैसे कि लिम्फोसाइट्स, मोनोसाइट्स आदि। ये सभी इंफेक्शन करने वाले कारणों से लड़ते हैं और इस वजह से वहां म्यूकस का प्रोडक्शन बढ़ जाता है जो कि बलगम के तौर पर बाहर आता है।  

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क्या है बलगम बनने का कारण? (What are the causes of mucus production in Hindi)

बलगम बनना हमारे शरीर के लिए एक रोग प्रतिरोधक एक्टिविटी है। सांस लेने के दौरान हवा हमारे नाक और मुंह से अंदर जाती है। ये हवा आगे जाकर विंड पाइप यानि ट्रैकिया के ज़रिए फेफड़ों तक पहुंचती है। इस ट्रैकिया में बहुत सारे सीलियरी मसल्स होते हैं और यहीं पर म्यूकस का निर्माण होता है। म्यूकस का निर्माण होना बहुत ज़रूरी है ताकि हमारी श्वसन नली में नमी बरक़रार रहे और सांस लेने के दौरान इसमें सूखापन ना हो जाए। इसके अलावा हवा के साथ शरीर के अंदर पहुंच रहे कीटाणु भी बलगम के ज़रिए ही बाहर निकलते हैं। बलगम का निर्माण होना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन जब ये सामान्य से ज्यादा बढ़ जाए तो ये किसी इंफेक्शन होने की तरफ़ इशारा करते हैं। 

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बलगम बनने की वजह से क्या लक्षण दिखते हैं? (What symptoms can be seen due to mucus production in Hindi)

अगर किसी को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी हो और साथ ही बहुत ज्यादा बलगम भी बन रहा हो तो ऐसे में सबसे पहले व्यक्ति की टीबी की जांच करानी चाहिए। इसके अलावा क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा में भी मरीज़ को बहुत ज्यादा खांसी आती है। श्वांस नली में किसी चीज़ के फंस जाने पर भी खांसी और बलगम की समस्या होती है। बड़ी उम्र के लोगों में सांस की नली में किसी तरह की गांठ होने पर या कैंसर होने पर भी इस तरह की दिक्कत हो सकती है।  

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बलगम से बचाव के लिए घरेलू उपाय (Home remedies to prevent mucus in Hindi)

सामान्य तौर पर बन रहे बलगम से घबराने की ज़रूरत नहीं है लेकिन अगर म्यूकस का निर्माण बहुत ज्यादा हो रहा हो तो इसका मतलब है कि शरीर में कोई समस्या है। जिन लोगों को बहुत ज्यादा एसिडिटी की समस्या रहती है उनके ईसोफेगस (Esophagus) में सूजन के कारण बलगम बनता है इसलिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि ये एक सांस की दिकक्त है या फिर पेट से जुड़ी समस्या। थोड़ी बहुत दिक्कत को दूर करने के लिए स्टीम लेना चाहिए। इसके अलावा खाने पीने में हल्दी और अदरक का सेवन बढ़ा दें।  

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कैसे होता है बलगम का इलाज? (How is mucus treated in Hindi)

सबसे पहले मरीज़ के बलगम की जांच की जाती है और उसमें अगर टीबी के बैक्टीरिया पाए जाते हैं तो उसका इलाज किया जाता है। इसके अलावा शरीर में इसायनोफिल (Eosinophill) नाम की कोशिकाएं पायी जाती हैं जो कि एलर्जी होने पर बढ़ जाती हैं। इसायनोफिल अगर बढ़ा हुआ हो तो इसका इलाज अलग तरह से किया जाता है। टीबी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का पता करके उसी अनुसार इलाज किया जाता है।   

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डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)

अपनी दिनचर्या को ठीक रखना बहुत ज़रूरी है। रात का भोजन सोने से दो घंटे पहले करें, सुबह जल्दी उठें, सुबह के समय हल्के फुल्के व्यायाम या योग करें, सुबह की ताज़ी हवा में टहलें, खाने में तेल मसाले का इस्तेमाल कम करें, धूम्रपान बिल्कुल ना करें। बहुत ज्यादा खांसी और बलगम आने पर किसी छाती रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।  

डिस्कलेमर – क्यों बनता है बलगम, कैसे पाएं बलगम से छुटकारा, इस पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर आशीष जैसवाल, छाती रोग विशेषज्ञ द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

This information on Cough in Hindi is based on an extensive interview with Dr Ashish Jaiswal (Pulmonologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.