हर साल देशभर से सांप के काटने की कई ख़बरें आती हैं जिनमें से कुछ लोगों की मौत हो जाती है। सांप द्वारा काटे जाने पर क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं डॉक्टर एन बी सिंह, सीनियर मेडिसीन स्पेश्लिस्ट से। 

भारत एक ऐसा देश है जहां कहीं कहीं घने जंगल पाए जाते हैं और इनमें सांप रहते हैं। आंकड़ों की बात करें तो साल 2019-2020 में करीब 60 हज़ार लोगों की सांप के काटने से मौत हो गयी थी इसलिए सभी को इसके बारे में जानकारी होना ज़रूरी है कि सांप के काटने के बाद क्या किया जाना चाहिए ताकि इससे होने वाली मौतों को रोका जा सके।  

snakebite

सांप के काटने के लक्षण (Symptoms of snakebite in Hindi)

सबसे पहले तो ये पता करना होता है कि सांप ने काटा है या फिर किसी दूसरे जीव जन्तु ने। यदि सांप ने काटा है तो व्यक्ति के शरीर में काटे गए स्थान पर सांप के दांतों के दो निशान मौजूद होते हैं। इसके अलावा उस जगह से ख़ून निकल सकता है और साथ ही खरोंच के निशान पड़ सकते हैं।  

कैसे पता चलेगा कि सांप ज़हरीला है या नहीं? (How to identify if snake is poisonous or not in Hindi)

सांप ज़हरीला है या नहीं, ये पता करने के लिए पीड़ित व्यक्ति के ख़ून की जांच की जाती है। पीड़ित व्यक्ति का ख़ून लेकर उसे कम से कम 20 मिनट तक के लिए रख दिया जाता है। अगर रखा गए ख़ून में थक्का पड़ जाता है तो इसका मतलब है कि सांप ज़हरीला नहीं है। लेकिन यदि ख़ून में किसी तरह का थक्का ना जमे, तो इससे सांप के ज़हरीले होने की पुष्टि होती है जिसमें वाइपर या करैत पाया जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि कुछ मामलों में ख़ून का थक्का तो जमता है, लेकिन साथ ही मरीज़ को बेहोशी और कमज़ोरी महसूस होती है और इससे भी सांप के ज़हरीले होने का पता चलता है।  

band aid

सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार (First aid in case of snakebite in Hindi)

सांप के काटने पर सबसे पहले काटे गए जगह से लगभग छह इंच उपर किसी तरह के कपड़े, बैंडेज या रस्सी से कसकर बांध देना चाहिए। इसके अलावा और किसी तरह का घरेलू उपचार नहीं करना चाहिए बल्कि मरीज़ को फ़ौरन नज़दीकी अस्पताल ले जाना चाहिए। सांप के काटने पर मरीज़ के साथ साथ घरवालों को घबराना नहीं चाहिए और बताए गए स्थान के उपर पट्टी बांधकर डॉक्टर के पास जाना चाहिए।   

सांप के काटने का इलाज (Treatment of snakebite in Hindi)

आजकल ज़हरीले सांप के काटने पर मरीज़ को एंटी स्नेक वीनम (Anti snake venom) दिया जाता है जो कि उसके ब्लड क्लॉट टेस्ट (Blood clot test) के अनुसार होता है। अगर मरीज़ का ब्लड क्लॉट टेस्ट पॉज़िटिव आता है तो मरीज़ को 100 मिली लीटर सामान्य स्लाइन में एंटी स्नेक वीनम 45 मिनट तक दिया जाता है। ये प्रक्रिया हर छह घंटों के अंतराल पर तब तक की जाती है जब तक मरीज़ का ब्लड क्लॉट टेस्ट नेगेटिव ना हो जाए।      

snakebite treatment

अंधविश्वास से बचें (Stay away from superstitions in Hindi)

सांप द्वारा काटे जाने पर कई लोग झाड़-फ़ूक या दूसरी अंधविश्वास से भरी चीजें करने लग जाते हैं जिससे किसी तरह का फ़ायदा तो नहीं होता बल्कि मरीज़ के इलाज में देरी होने से हालत ख़राब हो जाती है और इसकी वजह से मौत भी हो जाती है। भारत के हर सरकारी अस्पताल में एंटी स्नेक वीनम उपलब्ध होता है इसलिए बिना देर किए मरीज़ को अस्पताल ले जाकर उचित इलाज कराना चाहिए।  

डिस्कलेमर – सांप द्वारा काटे जाने पर क्या करना चाहिए, इसके लक्षण और इलाज पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर एन बी सिंह, सीनियर मेडिसीन स्पेश्लिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

Note: This information on Snakebite, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr NB Singh (Senior Medicine Specialist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.