गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बीमारियों के संक्रमण का ख़तरा ज्यादा होता है जो कि गर्भावस्था को और भी जटिल बना सकता है और इसकी वजह से माँ के साथ साथ होने वाले बच्चे पर भी इसका असर पड़ सकता है। कैसे करें अपनी और होने वाले शिशु की देखभाल, किस तरह की बरते सावधानियां बता रही हैं डॉक्टर आंचल केसरी।
- गर्भावस्था के दौरान कोविड और दूसरी बीमारियों का ख़तरा
- क्या प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे को माँ से कोविड का संक्रमण हो सकता है?
- कोविड के समय कैसे कराएं गर्भावस्था की जांच?
- कोविड के दौरान किस तरह की बरतें सावधानियां?
- कोविड के समय अस्पतालों में प्रसव की सुविधा
- क्या कोविड संक्रमित होने पर सिजेरियन कराना अधिक सुरक्षित है?
- बच्चे को ऐहतियात के साथ कराएं स्तनपान
- डॉक्टर की सलाह
गर्भावस्था के दौरान कोविड और दूसरी बीमारियों का ख़तरा (Risk of COVID and other diseases during pregnancy in Hindi)
वैसे तो किसी भी बीमारी के संक्रमण का ख़तरा सभी तरह के लोगों को एक जैसा ही होता है लेकिन क्योंकि गर्भावस्था एक जटिल अवस्था होती है इसलिए गर्भावस्था के दौरान बीमारियों के संक्रमण का ख़तरा और भी ज्यादा हो जाता है।
क्या प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे को माँ से कोविड का संक्रमण हो सकता है? (Can COVID be transmitted from mother to child during pregnancy in Hindi)
गर्भावस्था के दौरान अगर किसी तरह की बीमारी माँ से बच्चे तक जाती है तो इसे वर्टिकल ट्रांसमिशन कहा जाता है। कई तरह की वायरल बीमारियां जैसे कि हेपेटाइटिस बी और एचआइवी एड्स जैसी बीमारियां माँ से बच्चे में वर्टिकल ट्रांसमिशन के ज़रिए जाते हुए देखी गई हैं। लेकिन क्योंकि कोविड 19 एक नई बीमारी के रूप में हमारे सामने आई है इसलिए गर्भावस्था के दौरान कोविड संक्रमण होने पर बच्चे में ये बीमारी गई है या नहीं, इसके बारे में कहना मुश्किल है। हालांकि, कुछ मामलों में ये देखा गया है कि संक्रमित माँ से बच्चे को भी ये बीमारी हुई है।
कोविड के समय कैसे कराएं गर्भावस्था की जांच? (How to get a pregnancy test done during COVID in Hindi)
आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी होता है जिसमें 12वें, 24वें 32वें और 36वें हफ्ते में चेकअप कराना आवश्यक है लेकिन क्योंकि अभी कोरोना महामारी का समय है इसलिए महिलाओं के बार बार बाहर जाने पर भी ख़तरा है इसलिए, ज़रूरी है कि गर्भवती महिलाएं अस्पताल जाने से पहले पूरी तरह से सावधानी बरतें ताकि उन्हें किसी भी तरह का इन्फेक्शन ना हो। कोरोना के ख़तरे को देखते हुए अस्पतालों और डॉक्टरों ने भी अपने नियम बदले हैं और ज़्यादातर महिलाओं को फ़ोन और व्हाट्सएप के ज़रिए जानकारी दी जा रही है। गर्भवती महिलाओं को यह सलाह दी जा रही है कि जब तक बहुत ज़रूरी न हो, अस्पतालों का विजिट न करें।
कोविड के दौरान किस तरह की बरतें सावधानियां? (What precautions should pregnant women take during COVID in Hindi)
बाकी लोगों की तरह ही गर्भवती महिलाओं को भी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेव्यर को अपनाना चाहिए। ज़रूरत पड़ने पर ही बाहर जाएं, हाथों को बार बार सैनिटाइज करें या धोते रहें, मास्क लगाएं और दो गज की दूरी मेंटेन करके रखें। अगर किसी वजह से बाहर जाना भी पड़े तो वापस आकर अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें और अपने कपड़े बदल लें। बाहरी लोगों से कम मिलें और फ़ोन पर ही एक दूसरे से हालचाल लेते रहें।
कोविड के समय अस्पतालों में प्रसव की सुविधा (Facility of delivery in hospitals during the time of COVID in Hindi)
क्योंकि डिलीवरी एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है इसलिए इसे हमेशा ही डॉक्टरों की देखरेख में अस्पताल में करवाना चाहिए। कोरोना को देखते हुए अस्पतालों ने भी कई तरह के बदलाव किए हैं और कोविड से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए अलग से डिलीवरी की सुविधा की गई है। इसके अलावा जो महिलाएं संक्रमित नहीं है उनके लिए भी सावधानीपूर्वक प्रसव का इंतज़ाम किया गया है।
क्या कोविड संक्रमित होने पर सिजेरियन कराना अधिक सुरक्षित है? (Is it safe to have a cesarean in case of COVID in Hindi)
ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिसमें कोविड से पीड़ित गर्भवती महिला को समय से पहले दर्द होना, शिशु का कमज़ोर होना, पानी की कमी हो जाना जैसी समस्याएं हो रही हैं, जिसके कारण सिजेरियन होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा, संक्रमित महिला को डिलीवरी के दौरान सांस लेने में दिक्कत होती है जिससे नॉर्मल डिलीवरी के दौरान माँ के साथ साथ बच्चे को भी परेशानी हो सकती है लेकिन इन सभी के बावजूद ऐसा नहीं है कि कोरोना संक्रमित महिला के लिए सिजेरियन कराना ज़रूरी है क्योंकि सिजेरियन या नॉर्मल डिलीवरी, दोनों की ही अपनी जटिलताएं हैं।
बच्चे को ऐहतियात के साथ कराएं स्तनपान (Breastfeed your baby with care in Hindi)
नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि अगर माँ को कोरोना वायरस का संक्रमण है वह तो मास्क पहनकर और हाथों को अच्छी तरह सैनिटाइज करके ही दूध पिलाएं। इसके अलावा बच्चे की त्वचा और उसकी आंख, नाक वगैरह को ना छुएं। बच्चे को दूध पिलाने के अलावा बाकी की देखरेख के लिए किसी और की सहायता लें लेकिन किसी भी हाल में स्तनपान कराना न छोड़े क्योंकि कई सारे केस में माँ के दूध में किसी तरह का वायरस नहीं पाया गया है।
डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)
कोरोना को लेकर जो सभी के लिए गाइडलाइंस बनाई गई हैं, उसी के अनुसार गर्भवती महिलाओं को भी अपना ध्यान रखना चाहिए। बेवजह घर से बाहर न निकलें, बहुत ज़रूरी होने पर ही बाहर जाएं और वापस आकर अच्छी तरह से सैनिटाइज कर लें और कपड़े बदलें, गर्भवती महिलाओं के साथ साथ घर के दूसरे सदस्य भी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेव्यर का पालन करें। गर्भवती महिलाएं इस दौरान केवल घर का बना भोजन करें जो कि पौष्टिकता से भरपूर हो। गर्भवती महिलाओं का आहार ऐसा होना चाहिए जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी भरपूर हो।
डिस्क्लेमर- कोविड के दौरान प्रसव से पहले गर्भवती महिलाएं किस तरह रखें अपना ध्यान, इस बारे में लिखा गया ये लेख पूर्णतः डॉक्टर आंचल केसरी द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
Note: This information on Antenatal care during COVID, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Anchal Kesari (Gynaecologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.