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कोविड-19 के ख़तरे से बच्चों को कैसे रखें सुरक्षित?

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कोरोना- बच्चों को सुरक्षित कैसे रखें? | Dr Bilal Khan on How to Keep Safe Child from Corona in Hindi
कोविड-19 वायरस ना सिर्फ़ बड़े और बुज़ुर्गों को अपनी चपेट में ले रहा है बल्कि बच्चे भी इससे संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे माता-पिता सबसे अधिक परेशान हैं जिनके घरों में छोटे बच्चें हैं क्योंकि उन्हें कोरोना के ख़तरे से बचाने की लिए ज्यादा देखभाल की ज़रूरत है। कोरोना से बचाव के लिए किस तरह बच्चों का रखे ख़्याल और कैसे कराएं इलाज, इस पर अधिक जानकारी दे रहे हैं डॉ बिलाल ख़ान, बाल रोग विशेषज्ञ।    

कोरोना वायरस के ख़तरे से बचने के लिए देशभर में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है लेकिन अभी ये टीके सिर्फ़ 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए ही उपलब्ध है। छोटे बच्चों के लिए अभी तक किसी तरह की वैक्सीन नहीं बनाई गई है, हां लेकिन दुनियाभर में बच्चों के लिए टीके बनाने का ट्रायल जारी है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बच्चों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। हालांकि, बच्चों के लिए वैक्सीन आने में अभी कितना वक्त लगेगा ये कहना मुश्किल है।  

कोरोना वायरस से कैसे रखें बच्चों को सुरक्षित? (How to keep children safe from coronavirus in Hindi) 

सभी माता पिता के मन में ये सवाल है कि बच्चों की वैक्सीन ना बनने तक किस तरह से उन्हें सुरक्षित रखा जाए। इस सवाल का जवाब बिल्कुल आसान है कि जब तक बच्चों के लिए टीके ना बन जाएं तब तक उनके साथ रहने वाले सभी लोग अपना वैक्सीनेशन करवां लें ताकि बच्चों को संक्रमण का ख़तरा ना रहे। बच्चों की देखभाल करने वाले लोग या फिर घरों में साथ रहने वाले लोग वैक्सीन लगवाकर ना सिर्फ़ ख़ुद को बल्कि बच्चों को भी सुरक्षित कर सकते हैं। इसके अलावा अगर घर के किसी भी सदस्य में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तो उसे बिना देर किए अपने आप को आइसोलेट कर लेना चाहिए। इसके साथ ही बाकी सदस्यों और बच्चों को घर पर भी मास्क पहनना शुरू कर देना चाहिए। इस दौरान घर के सदस्यों को बच्चों को मॉनिटर करते रहना चाहिए।    

बच्चों में रेस्पिरेटरी हाइजीन की डालें आदत (Add habit of respiratory hygiene in children in Hindi)

बच्चों के साथ घर में रह रहे लोगों को बाहर जाते समय मास्क का उपयोग करना चाहिए। बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य का ख़्याल रखना बेहद ज़रूरी है। शारीरिक स्वास्थ की बात करें तो दो साल से बड़े बच्चों में मास्क पहनने और सोशल डिस्टैनसिंग की आदत डालनी चाहिए। बच्चों को सही तरह से मास्क पहनना सिखाएं जिसमें नाक से लेकर नीचे तक का हिस्सा अच्छी तरह ढका हुआ हो। इसके अलावा रेस्पिरेटरी हाइजीन (Respiratory hygiene) के बारे में भी बच्चों को जानकारी दें जैसे कि किस तरह से छींकना और खांसना चाहिए। बच्चों को कम से कम बीस सेकेंड तक हाथ धोने की आदत भी सिखानी चाहिए।     

क्या कोरोना पॉज़िटिव मां से जन्म लेने वाला बच्चा स्वस्थ होता है? (Is a child born to a corona positive mother healthy in Hindi)

हांलाकि, डॉक्टर के मुताबिक अभी इस तरह के आंकड़ें बहुत कम हैं लेकिन ऐसा देखा गया है कि कोरोना संक्रमित मां से प्लेसेंटा (Placenta) के ज़रिए बच्चा गर्भ में ही संक्रमित हो सकता है। अच्छी बात ये है कि संक्रमित मां से जन्म लेने वाले बच्चे जल्दी ही इस बामारी से रिकवर कर रहे हैं। हालांकि, डॉक्टर बताते हैं कि मां से बच्चे को संक्रमण का ख़तरा डिलीवरी के समय और उसके बाद ही ज्यादा होता है क्योंकि उस दौरान बच्चा अपनी मां के संपर्क में आता है।  

क्या संक्रमित मां के दूध से बच्चे को नुकसान होता है? (Does an infected mother’s milk harm baby in Hindi)

मां का दूध बच्चे के लिए इम्यून बूस्टर की तरह काम करता है। मां के दूध में वो सभी तत्व होते हैं जो बच्चों को कई तरह के रोगों से लड़ने की ताक़त देता है। साथ ही ये बच्चे के लिए संपूर्ण भोजन भी होता है। दूध पिलाने के दौरान मां और बच्चे का शारीरिक और भावनात्मक रूप से जुड़ाव भी होता है जो बच्चे के लिए बेहद ज़रूरी है इसलिए मां अपने बच्चे को दूध ज़रूर पिलाएं। अगर मां संक्रमित है तो डबल मास्क अवश्य पहनें और बच्चे को छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह से सैनिटाइज़ कर लें।  

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें (Also pay attention to the mental health of children in Hindi)

बड़ों के साथ साथ बच्चों को भी को इस दौरान काफ़ी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनके स्कूल, कॉलेज, दोस्त, पढ़ाई, खेल-कूद, घूमना-फिरना और दूसरी कई तरह की मनोरंजक गतिविधियां ख़त्म हो गई हैं। सभी माता–पिता को अपने बच्चों के इस मेंटल प्रेशर को कम करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि उनके इतने लंबे समय तक घर पर रहना मुश्किल होता है। माता-पिता को स्वंय भी अपनी परेशानी और दिक्कतों को बच्चों के सामने नहीं दिखाना चाहिए। माता-पिता को बच्चों के लिए टाइम टेबल बनाकर उन्हें पढ़ाई के साथ साथ घर के कामों में भी शामिल करना चाहिए ताकि वो व्यस्त रहें।  

डॉक्टर की सलाह (Doctor’s Advice in Hindi)

इस मुश्किल घड़ी में सभी अपना हौसला बनाएं रखें। कभी भी अपने अंदर दिखने वाले लक्षणों को अनदेखा ना करें और लक्षण के शुरूआत से ही अपना इलाज शुरू कर दें। जो लोग वैक्सीन के लिए योग्य हैं वो जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करवा लें।  

डिस्कलेमर – बच्चों को कोविड-19 के संक्रमण से कैसे रखें सुरक्षित, किस तरह की सावधानियां बरतें, इस पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर बिलाल ख़ान, बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

This information on How to keep children safe from coronavirus, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Bilal Khan (Paediatrician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.

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