कोरोना की पिछली दो लहर के पैटर्न को देखते हुए डॉक्टर्स और वैज्ञानिक तीसरी लहर आने की संभावना जता रहे हैं भारत में अब डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले भी सामने आने शुरू हो चुके हैं। कब तक आ सकती है तीसरी लहर और कौन हो सकते हैं अधिक प्रभावित, जानकारी दे रहे हैं डॉ पंकज कुमार गुप्ता।

भारत में कब तक आ सकती है तीसरी लहर? (How long the third wave can be seen in India in Hindi)

भारत में पिछले साल कोरोना के लिए डेल्टा वेरिएंट को ज़िम्मेदार माना गया था जबकि वायरस अपने अंदर बदलाव करके नए म्यूटेंट के तौर पर सामने आता है और इसलिए दूसरी लहर के बाद अब देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले भी सामने आने लगे हैं। भारत में तीसरी लहर कब तक आएगी इसके बारे में सटीक तौर पर तो कुछ भी नहीं कहा जा सकता लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो ये चार बातों पर निर्भर करती है। पहला ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का वैक्सीनेशन कोरोना के प्रसार को रोक सकता है। दूसरा यह कि जितने भी लोग कोविड से संक्रमित हो चुके हैं उनमें तीन महीने तक के लिए एंटीबॉडी डेवलप हो जाती है और वो उतने दिनों के लिए कोविड से सुरक्षित हो जाते हैं। तीसरी बात, लोगों के कोविड एप्रोप्रियेट बिहेव्यर को जारी रखने पर निर्भर करती है यानि अगर लोग नियमों का पालन करते रहें तो तीसरी लहर को रोका जा सकता है। इसके अलावा, चौथी बात यह है कि अगर वायरस का नया म्यूटेंट शक्तिशाली न हो तो भी तीसरी लहर से बचा जा सकता है। हालांकि, पिछले दो पैटर्न को देखते हुए अक्टूबर और नवंबर तक कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है। 

coronavirus

किस उम्र के लोग हो सकते हैं अधिक प्रभावित? (Who are at higher risk of COVID-19 in Hindi)

कोरोना की पहली लहर में ६० साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को संक्रमित होते देखा गया था जबकि दूसरी लहर में २० से लेकर ५० साल के लोग इससे ज़्यादा संक्रमित हुए है। दूसरी लहर ने ख़ासकर युवाओं को अपनी चपेट में लिया था। पिछली दोनों ही लहरों में ये देखा गया है कि वायरस ने फेफड़ों को बहुत ही कम समय में संक्रमित कर दिया था। अपने अंदर बदलाव करके वायरस और भी ज़्यादा ताकतवर हो सकता है जिससे ये पहले से भी कम वक्त में फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। क्योंकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अब तक किसी भी तरह का टीका उपलब्ध नहीं हो सका है इसलिए तीसरी लहर में बच्चों पर इसका असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अगर 60-70 प्रतिशत तक लोग वैक्सीनेट हो जाते हैं तो ऐसे में हर्ड इम्युनिटी डेवलप हो जाती है जिससे इस वायरस के फैलाव को रोका जा सकता है।  

छोटे बच्चों को संक्रमण से कैसे बचाएँ? (How to protect children from infection in Hindi)

छोटे बच्चों को संक्रमण से बचाने का सबसे कारगर उपाय यही है कि समय रहते 18 साल से ज़्यादा उम्र के सभी लोग वैक्सीनेट हो जाएं। ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का टीकाकरण होने से संक्रमण के विस्तार की संभावना कम हो जाएगी। 

covid vaccine

दूसरी लहर क्यों साबित हुई घातक? (Why did the second wave prove fatal in Hindi)

कोरोना वायरस की पहली लहर में काफ़ी कम तादाद में लोग संक्रमित हुए थे और धीरे धीरे संक्रमित लोगों की संख्या भी घटना शुरू हो गई थी। ऐसे में लोगों ने इसे नज़रंदाज़ करते हुए कोविड प्रोटोकोल का पालन ठीक ढंग से नहीं किया और भीड़ भाड़ का हिस्सा बने रहे। लेकिन इसी बीच वायरस का डेल्टा वेरिएंट आ चुका था और इसने ज़्यादा लोगों को एक साथ संक्रमित कर दिया जिससे मरीज़ों को अस्पतालों में एडमिट करने की नौबत आ गई। 

तीसरी लहर की चपेट में आने से कैसे बचें? (How to prevent the spread of COVID-19 in Hindi)

डॉक्टरों के मुताबिक पहली, दूसरी और तीसरी लहर में ज़्यादा फर्क नहीं है और तीसरी लहर से बचाव के लिए सिर्फ़ दो ही उपाय मौजूद हैं जिनमें पहला है वैक्सीनेशन और दूसरा है कोविड एप्रोप्रिएट बिहेव्यर का पालन करना। कोविड से बचने के लिए बताए गए नियमों जैसे कि मास्किंग, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और सैनिटाइजेशन का लगातार पालन करते रहें। 

कोरोना से लड़ाई में वैक्सीनेशन है ज़रूरी (Vaccination is necessary to fight against COVID-19 in Hindi) 

देश में फिलहाल तीन तरह की वैक्सीन मौजूद हैं और समय रहते सभी लोगों को वैक्सीनेशन करा लेना चाहिए क्योंकि वैक्सीनेशन वायरस की गंभीरता को कम करने में कारगर है। ऐसा नहीं है कि वैक्सीनेशन के बाद व्यक्ति संक्रमित नहीं हो सकता। टीकाकरण के बाद भी कोविड नियमों का पालन नहीं करने से व्यक्ति संक्रमित हो सकता है लेकिन वैक्सीनेशन हो जाने पर वायरस  द्वारा फेफड़ों को प्रभावित करने की क्षमता कम हो जाती है इसलिए वैक्सीनेशन कोरोना से लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार है। 

डिस्क्लेमर – कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना, इससे प्रभावित होने वाले लोग और बचाव के बारे में लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉ पंकज कुमार गुप्ता, जनरल फिजिशियन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है। 

Note: This information on the Third wave of COVID, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Pankaj Kumar Gupta (General Physician) and aims to create awareness. For medical advice, please consult your doctor.