आज के समय में गुर्दे यानि किडनी में पथरी होने की समस्या एक आम बात हो गई है। किडनी में होने वाली पथरी से कैसे किया जा सकता है बचाव और क्या है इसका इलाज, बता रहे हैं डॉक्टर राजेश अरोड़ा, यूरोलॉजिस्ट। 

किडनी हमारे शरीर से पेशाब के ज़रिए ज़हरीले पदार्थों को निकलने का काम करती है इसलिए एक व्यक्ति को सही मात्रा में पानी पीना चाहिए। किडनी में पथरी किसी भी उम्र में हो सकती है। आज के समय 20-25 साल के नौजवान लोगों से लेकर बड़ी उम्र के लोगों को पथरी की समस्या होते देखी जा रही है। 

Kidney Stone

गुर्दे की पथरी के लक्षण (Symptoms of stones in kidney in Hindi)

हमारे शरीर में दायीं और बायीं, दोनों तरफ़ किडनी होती है और इनमें पथरी होने पर मरीज़ को दायें या फिर बायें तरफ़ से दर्द शुरू होता है। ये दर्द धीरे धीरे सामने की ओर बढ़ता है और पेशाब के रास्ते तक चला जाता है। कभी कभी पेशाब में ख़ून भी आ जाता है। इसके अलावा मरीज़ को बुखार आ सकता है और पेशाब के रास्ते में जलन हो सकती है।  

Kidney Stone cause

गुर्दे की पथरी का कारण (Causes of stones in kidney in Hindi)

हमारे शरीर से कैल्शियम ऑक्सीलेट और यूरिक एसिड सामान्य तौर पर पेशाब के साथ बाहर निकलते रहते हैं। लेकिन जब शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है, तब यही कैल्शियम ऑक्सीलेट (Calcium Oxalate) क्रिस्टल के रूप में जमा होकर पथरी का रूप ले लेते हैं। कुछ मामलों में ये जेनेटिक कारणों से भी होता है। इसके अलावा जंक फूड, फास्ट फूड, पैकेज्ड फूड जिनमें नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, उसके सेवन से भी पथरी की परेशानी होती है। कुछ और कारणों की बात करें तो किडनी की बनावट में गड़बड़ी होने पर या फिर कैल्शियम ऑक्सीलेट और यूरिक एसिड के सामान्य से ज्यादा निकलने पर भी पथरी होने की संभावना रहती है।  

कैसे होता है पथरी का परीक्षण? (How is kidney stones tested in Hindi)

इसकी जांच के लिए सबसे पहले हर रोगी का अल्ट्रा साउंड किया जाता है जिससे पथरी होने का पता लगाया जाता है। साथ ही पथरी के आकार और उसकी जगह के बारे में भी मालूम किया जाता है। कभी कभी पथरी किडनी के अलावा ट्यूब यानि यूरेटर में भी जाकर फंस जाती है। यदि अल्ट्रा साउंड से पथरी के आकार का सही पता नहीं लग पाता है तो सी टी स्कैन किया जाता है।  

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क्या पथरी का ऑपरेशन ज़रूरी है? (Is operation necessary for kidney stone in Hindi)

पथरी का आकार 8 मिली मीटर से छोटा हो तो उसे दवाईयों के ज़रिए निकालने की कोशिश की जाती है। यदि पथरी यूरेटर में फंसी हो तो पहले मरीज़ को पेन किलर देकर दर्द कम किया जाता है और इसके बाद ऐसी दवाईयां दी जाती हैं जिससे यूरेटर चौड़ा हो जाता है और पथरी निकलने में आसानी होती है। ये भी इस बात पर निर्भर करता है कि यूरेटर में कितनी बड़ी पथरी मौजूद है। यदि यूरेटर में 6 मिली मीटर से छोटी पथरी हो, तो 80 प्रतिशत मामलों में दवाई के ज़रिए ये पेशाब के रास्ते निकल जाते हैं। पथरी का आकार बड़ा होने पर ऑपरेशन ज़रूरी हो जाता है क्योंकि ऐसा ना करने पर किडनी ख़राब हो सकती है।  

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गुर्दे की पथरी का इलाज (Treatment of stones in kidney in Hindi)

पथरी होने पर किडनी में सूजन हो जाती है और मरीज़ को बुखार रहता है, साथ ही किडनी के ख़राब होने का डर भी होता है इसलिए ऑपरेशन द्वारा इसे निकाल दिया जाता है। आज कई तरह की आधुनिक तकनीक के ज़रिए बड़ी आसानी से पथरी को निकाल दिया जाता है। लेज़र तकनीक के ज़रिए पथरी को तोड़कर निकाल दिया जाता है, पथरी बड़ी होने पर लीथोट्रिप्सी (Lithotripsy) के ज़रिए पथरी निकाली जाती है। ये एक ऐसी तकनीक है जिसमें बिना ऑपरेशन किए किरणों द्वारा 15 मिली मीटर तक की पथरी को तोड़ा जाता है। लेकिन जब पथरी 15 मिली मीटर से बड़ी हो जाए तो दूरबीन विधि से इसे निकाला जाता है जिसमें एक छोटा सा छेद करके दूरबीन को अंदर डालकर लेज़र द्वारा पाउडर बनाकर बाहर निकाल लिया जाता है। यदि पथरी यूरेटर में फंसी हो तो पेशाब के रास्ते दूरबीन डालकर उसे निकाल लिया जाता है और इसमें किसी तरह का छेद नहीं करना पड़ता है।  

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गुर्दे की पथरी से बचाव (Prevention of stones in kidney in Hindi)

दिनभर में कम से कम चार लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए, खाने में नमक का सेवन कम करना चाहिए, नींबू पानी पीना चाहिए क्योंकि नींबू में साइट्रेट होता है जो पथरी के टुकड़ों को घुला देता है। इसके अलावा किसी तरह के जंक फूड खाने से बचें, कोल ड्रिंक ना पिएं, मीट का सेवन कम करें ख़ासकर रेड मीट क्योंकि इसमें यूरिक एसिड ज्यादा होता है। ड्राइ फ्रूट्स और चाय-कॉफ़ी कम लें। कई लोगों को भ्रांति है कि पथरी होने पर दूध नहीं पीना चाहिए लेकिन ये ग़लत है। कम मात्रा में दूध, दही, पनीर आदि का सेवन किया जा सकता है।  

डिस्कलेमर – गुर्दे की पथरी के लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर राजेश अरोड़ा, यूरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on Kidney Stone, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Rajesh Arora (Urologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.