आज के समय में उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या लोगों में आम तौर पर देखी जा रही है जिसे हाइपरटेंशन कहा जाता है। शरीर में ख़ून की गति सामान्य से ज्यादा होने पर कई तरह की दिक्कतें होती हैं। क्या है हाइपरटेंशन का कारण और क्या है इससे बचने के उपाय, आइए जानते हैं डॉक्टर पूनम तिवारी से। 

क्या होता है हाइपरटेंशन? (What is hypertension in Hindi)

हमारे शरीर में ख़ून के दौड़ने की एक रफ़्तार होती है लेकिन यही रफ़्तार जब सामान्य से ज्यादा बढ़ जाए तो उसे हाइपरटेंशन यानि हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से कई दूसरी बीमारियां शरीर को घेर लेती हैं। जीवनशैली, खानपान, और मोटापा मुख्य तौर पर इसके कारण बनते हैं। 

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हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (Symptoms of high blood pressure in Hindi)

शरीर में झनझनाहट होना, सिर दर्द होना, सीने में दर्द, भारीपन महसूस करना, मुंह सूखना वगैरह इसके लक्षणों में गिने जाते हैं। सिर में दर्द रहना और बायीं ओर सीने में दर्द होना ये बताते हैं कि आपका ब्लड प्रेशर धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है।    

क्या हैं उच्च रक्तचाप होने के कारण? (Causes of high blood pressure in Hindi)

खानपान में बहुत ज्यादा नमक का इस्तेमाल हाइपरटेंशन के मुख्य कारणों में से एक हैं। कई लोग सफ़ेद नमक के ज्यादा प्रयोग से परहेज़ तो करते हैं लेकिन इसके बदले वे रॉक सॉल्ट, पिंक सॉल्ट या लोना सॉल्ट इस्तेमाल करने लगते हैं जो कि सरासर ग़लत है क्योंकि चाहे किसी भी तरह का नमक क्यों ना हो, जब तक उसकी मात्रा को कम ना किए जाए, इससे होने वाले नुकसान से नहीं बचा जा सकता। कच्चे नमक का सेवन कम करना चाहिए। इसके अलावा बहुत ज्यादा तेल और चिकनाई से भरा भोजन करने पर धमनियों में ख़ून की आवाजाही में रूकावट पैदा होने लगती है। साथ ही लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना, मोटापा और सुस्त जीवनशैली की वजह से उच्च रक्तचाप की दिक्कत हो जाती है।    

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हाइपरटेंशन के कारण होने वाली बीमारियां (Other diseases caused due to Hypertension in Hindi)

हाई ब्लड प्रेशर की वजह से डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर आपकी किडनियों को ख़राब करता है और दिल से जुड़ी बीमारियों को भी जन्म देता है।  

क्या खाएं, क्या ना खाएं? (What to eat, what not in Hindi)

कम नमक खाने की आदत डालें, कच्चा नमक या भोजन में उपर से नमक लेकर खाने से बचना चाहिए। नमकीन, चटनी, अचार, पापड़, सॉस, बेकिंग पाउडर वगैरह के ज्यादा इस्तेमाल से परहेज़ करें। खाने में सलाद, फाइबर, सब्ज़ियों और फलों को अपनी डाइट में शामिल करें। मोटे अनाज के छिलकों, आटे के चोकर, दाल और अंकुरित चने में भरपूर फाइबर मौजूद होता है। जिन चीज़ों में नमक को प्रिज़र्वेटिव की तरह इस्तेमाल किया जाता है, उनका कम उपयोग करें जैसे कि अचार, पापड़ और चटनी वगैरह। साथ ही कोला, मेयोनीज़, बटर, तेल, जंक फूड को भी कम करें। इसके साथ ही पानी भरपूर पिएं।  

जीवनशैली में बदलाव की ज़रूरत (Need to change lifestyle in Hindi)

सभी के जीवन तनाव ज़रूर होता है इसलिए तनाव को कम करने की कोशिश करें। योगा, ध्यान और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। सोने और उठने के समय का ध्यान रखें।  

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डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi) 

अपने आपको किसी भी तरह के तनाव से बचाने की कोशिश करें। चालीस साल की उम्र के बाद अपना रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए। अगर आप बी पी के लिए कोई दवाई लेते आ रहे हैं तो उसे जारी रखें। सुबह उठने के ठीक बाद अपना बीपी चेक करें जिससे की ब्लड प्रेशर का ठीक ठीक पता चल सके क्योंकि सुबह के समय व्यक्ति आमतौर पर नींद लेने के बाद तनाव से मुक्त रहता है। खानापान ठीक रखें, अलसी के बीज और मेथी के बीज पानी के साथ लें या फिर पानी में फुला कर खाएं, तो इससे काफ़ी फ़ायदा होता है।  

डिस्कलेमर – हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) के कारण, लक्षण और इससे बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर पूनम तिवारी द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

This information on Hypertension, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Poonam Tiwari (Dietician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.