मस्सा हमारे शरीर में अधिकतर चेहरे, गले और निजी अंगों के आसपास पाया जाने वाला एक प्रकार का उभार है जो मृत कोशिकाओं का बना होता है। कभी कभी ये मस्सा हमारे शरीर में ऐसी जगहों पर होता है जिसे लोग पसंद नहीं करते। मस्से से कैसे पाएं हमेशा के लिए छुटकारा, बता रही हैं डॉक्टर प्रभा सिंह, कॉस्मेटोलॉजिस्ट।
- मस्से के प्रकार
- क्या मस्सा संक्रामक है?
- मस्से का इलाज
- क्या मस्सों को रोका जा सकता है?
- इलाज का ख़र्च
- डॉक्टर की सलाह
मस्सा हमारी त्वचा पर एक उभार है जो मरी हुई कोशिकाओं से बना होता है इसलिए इन्हें छूने पर दर्द महसूस नहीं होता। दरअसल ये एक वायरस के इंफेक्शन के कारण बनता है। मस्से छूने में खुरदरे से लगते हैं और इनकी सतह चिकनी नहीं होती। ये बहुत जल्दी बाकी जगहों पर नहीं फैलता है लेकिन जिन लोगों की इम्यूनिटी कमज़ोर होती है अगर वे मस्से वाले व्यक्ति के लगातार संपर्क में रहें तो उन्हें भी मस्सा हो सकता है। मस्से को हटाने के लिए कई लोग घरेलू उपचार का सहारा लेते हैं जैसे मस्से पर चूना लगाकर या फिर घोड़े के बाल से बांधकर इसे सुखाना। घरेलू उपचार हमेशा कारगर साबित नहीं होते लेकिन आज के समय आधुनिक एस्थेटिक मेडीसिन में इसका पक्का इलाज मौजूद है।
मस्से के प्रकार (Types of warts in Hindi)
दिखने में भले ही ये मस्से एक जैसे दिखें लेकिन वायरस के आधार पर इसे अलग अलग कैटेगरी में बांटा जा सकता है। हालांकि इनके इलाज का तरीका एक ही है। मस्से को हटाने के लिए डॉक्टर को दिखाना चाहिए और ये एक जगह से दूसरी जगह ना फैले इसलिए निजी साफ़ सफ़ाई रखनी ज़रूरी होती है।
क्या मस्सा संक्रामक है? (Are warts contagious in Hindi)
मस्सा संक्रामक है क्योंकि ये वायरस की वजह से होता है लेकिन बावजूद इसके ये बहुत ही धीरे धीरे फैलता है। ये उन लोगों को हो सकता है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसके अलावा जो लोग बहुत ही नज़दीक रहते हैं और अपने तौलिए, कपड़े शेयर करते हैं, उन्हें भी ये हो सकता है। परिवार के किसी सदस्य को मस्सा होने पर घर के बाकी लोगों को भी ये हो सकता है। लेकिन इसका मतलब ये कतई नहीं है कि एक साथ ऑफिस में काम करने से, खाने-पीने से या बात करने से ये फैलता है।
मस्से का इलाज (Treatment of warts in Hindi)
मस्से का आकार अगर छोटा हो तो, ऑर्गेनिक एसिड से बने लोशन को रात में सोने से पहले मस्से पर लगाया जाता है। कम से कम पांच से सात दिनों तक लगातार लोशन लगाने से मस्सा ख़त्म हो जाता है। अगर मस्सा बहुत बड़ा हो तो उसे लेजर ट्रीटमेंट की मदद से निकाला जाता है जिसे करने में कुछ ही मिनटों का वक्त लगता है। मस्सा निकलने के बाद वहां की त्वचा बिल्कुल नई होती है जिसे इंफेक्शन से बचाना ज़रूरी होता है इसलिए इसपर एंटी बायोटिक क्रीम लगाया जाता है। अगर किसी के नाखूनों में मस्से हों तो इसपर लिक्विड नाइट्रोजन का छिड़काव किया जाता है जिससे वहां के टिश्यू मर जाते हैं हालांकि इसमें थोड़ा दर्द होता है। जो लोग लेज़र ट्रीटमेंट नहीं कराना चाहते उनके लिए रेडियो फ्रीक्वैंसी कॉटरी (Radio Frequency Cautery) उपलब्ध है जिसमें एक छोटी सी मशीन का प्रयोग किया जाता है। इसमें गर्मी बढ़ाकर मस्से को जड़ से हटा दिया जाता है। वैसे तो मस्से हटने के बाद दोबारा नहीं आते लेकिन अगर कहीं पर बहुत सारे मस्से हों और उनमें से कुछ छूट जाएं तो दोबारा इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए मस्से के ट्रीटमेंट के बाद डॉक्टर मरीज़ को एक महीने बाद फॉलोअप के लिए बुलाते हैं।
क्या मस्सों को रोका जा सकता है? (Can warts be stopped in Hindi)
मस्सों को रोकने के लिए ज़िंक के टैबलेट और सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल लगातार तीन से छह महीने तक के लिए करना चाहिए। इसके अलावा किसी व्यक्ति के इलाज के दौरान दूसरे लोग उसके बिल्कुल नज़दीक ना रहें। अगर कहीं भी मस्सा हो चुका हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से इलाज कराएं ताकि ये आगे ना फैले और साथ ही अपनी इम्यूनिटी का ख़्याल रखें।
इलाज का ख़र्च (Cost of treatment in Hindi)
मस्से का इलाज बहुत ही सस्ता और आसान है। इसपर लगाए जाने वाला लोशन सिर्फ सौ से दो सौ रूपए में आता है। इसके अलावा कॉटरी के ज़रिए एक मस्से को हटाने में पांच सौ से एक हज़ार रूपए लगते हैं। लेज़र ट्रीटमेंट की बात करें तो इसमें भी दो हज़ार से लेकर पांच हज़ार तक का ख़र्च हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)
मस्से के इलाज के लिए कई लोग घरेलू उपचार करते हैं जैसे अगरबत्ती से जलाना, बाल से गलाना वगैरह। इन उपचारों से कभी कभी मस्से तो चले जाते हैं लेकिन वहां की त्वचा पर हमेशा के लिए एक दाग़ बन जाता है इसलिए उचित यही है कि किसी त्वचा विशेषज्ञ के पास जाकर मस्से का इलाज कराएं। इसके अलावा अपने खानपान का ख़ास ख़्याल रखें और भोजन ऐसा होना चाहिए जिससे हमें ताकत भी मिले और इम्यूनिटी भी मज़बूत हो। सुबह की शुरूआत फलों और सब्ज़ियों से करें तो बहुत ही अच्छा है।
डिस्कलेमर – मस्सा होने के कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर प्रभा सिंह, कॉस्मेटोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
Note: This information on Warts, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Prabha Singh (Cosmetologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.