लीवर फेल होने के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर के बी जैन, लैप्रोस्कोपिक सर्जन। 

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लीवर हमारे शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है जो कई तरह के एन्ज़ाइम बनाती है। लीवर का वज़न लगभग 1.5 किलो ग्राम होता है। हम जो कुछ खाते हैं उसे पचाने में लीवर मदद करता है या ये कहें कि यह हमारी पाचन शक्ति को ठीक रखता है। इसके अंदर से पित्त रस यानि बाइल जूस निकलता है जो खाने को हज़म करने में मदद करता है। लीवर इस पित्त रस को बनाता ज़रूर है लेकिन ये पित्त लीवर के नीचे मौजूद पित्त की थैली यानि गॉल ब्लेडर में जमा होता रहता है। जब भी हम कुछ खाते हैं तो उसे पचाने के लिए ये पित्त गॉल ब्लेडर से निकलकर आंतों में चला जाता है इसलिए लीवर का ठीक से काम करना बहुत ज़रूरी है। लेकिन जब लीवर में किसी तरह की परेशानी हो जाए, तो व्यक्ति बीमार हो जाता है। लीवर की बीमारी का अगर वक्त पर इलाज नहीं किया जाए, तो मरीज़ के बचने की संभावना कम हो जाती है।  

लीवर की बीमारियां (Liver Diseases) 

कई मामलों में लीवर की बीमारी सामान्य होती है जैसे लीवर का आकार बड़ा होना। शरीर में ज्यादा फैट्स होने से या ख़ून कम होने से लीवर का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है जिसे फैटी लीवर कहते हैं। ऐसे में मरीज़ को शरीर से वसा यानि फैट्स कम करने की ज़रूरत होती है। इसके अलावा किसी इंफेक्शन की वजह से लीवर में फोड़ा हो जाता है जिससे मरीज़ को दर्द के साथ ही बुखार भी होता है। ऐसे हालात में समय पर इलाज कराना बहुत ज़रुरी होता है।  

क्या होता है लीवर सिरोसिस? (What is Liver Cirrhosis?) 

बीमारी की वजह से जब लीवर सिकुड़ने लगता है या उसका आकार छोटा हो जाता है तो इसे लीवर सिरोसिस कहते हैं। लीवर सिरोसिस होने की सबसे बड़ी वजह है शराब का सेवन। शराब के सेवन से धीरे धीरे लीवर ख़राब होने लगता है और फिर सिकुड़ना शुरू हो जाता है। इसके अलावा भी दूसरी कई वजह है जैसे शरीर में ज्यादा चर्बी होने पर फैटी लीवर हो जाता है। फैटी लीवर  अगर ज्यादा दिनों तक ठीक ना हो तो लीवर सिरोसिस हो सकता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति लंबे वक्त तक वायरल इंफेक्शन से पीड़ित रहे जैसे हेपेटाइटिस बी और सी, तो ऐसे में भी लीवर ख़राब हो जाता है।  

क्यों होता है लीवर फेल? (Why does Liver failure occur?) 

अगर किसी वजह से लीवर 80 प्रतिशत से ज्यादा ख़राब हो जाए, तो लीवर फेल होने के लक्षण दिखने लगते हैं। लीवर फेल होने पर व्यक्ति को पीलिया हो जाता है, पेट में पानी जमा हो जाता है, भूख बिल्कुल ख़त्म हो जाती है और उल्टियां होने लगती हैं। लीवर हमारे शरीर से यूरिया को भी बाहर निकालता है इसलिए लीवर फेल होने पर ख़ून में यूरिया की मात्रा बढ़ जाती है जिससे शरीर में झनझनाहट होती है और व्यक्ति का दिमाग स्थिर नहीं रहता। 

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कैसे होता है लीवर ट्रांसप्लांट? (How is Liver Transplant done?) 

लीवर के पूरी तरह ख़राब हो जाने पर लीवर ट्रांसप्लांट किया जाता है। लीवर सिरोसिस या फिर लीवर फेल्योर होने की स्थिति में मरीज़ के ख़राब लीवर को निकालकर किसी दूसरे व्यक्ति का लीवर उस जगह लगा दिया जाता है। यहां ग़ौर करने वाली बात ये है कि इसमें किसी व्यक्ति का पूरा लीवर नहीं लिया जाता बल्कि सिर्फ़ थोड़ा हिस्सा निकालकर लगा दिया जाता है क्योंकि लीवर के सेल यानि कोशिकाओं में खुद को धीरे धीरे बढ़ाने की क्षमता होती है। इसलिए कोई जीवित व्यक्ति भी अपने लीवर का थोड़ा हिस्सा डोनेट कर सकते हैं। एक और चौंकाने वाली बात ये है कि लीवर ट्रांसप्लांट से पहले मरीज़ की इम्यून सिस्टम को दवाईयों के ज़रिए थोड़ा कमज़ोर किया जाता है ताकि उसका शरीर दूसरे के अंग को स्वीकार कर सके। लेकिन इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने पर बहुत सारी सावधानियां भी बरतनी पड़ती है क्योंकि इससे बाहरी इंफेक्शन के शरीर में घुसने की संभावना होती है।  

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कैसे रखें लीवर को स्वस्थ? (How to keep liver healthy?) 

पित्ताशय में अगर पथरी है तो उसका इलाज कराएं क्योंकि लीवर पित्ताशय में ही पित्त को छोड़ता है। पित्ताशय में किसी तरह की दिक्कत होने पर इसका असर लीवर पर भी पड़ता है। लीवर को स्वस्थ रखने के लिए भी वही सारी चीज़ें करनी चाहिए जो आमतौर पर शरीर को स्वस्थ रखने के लिए की जाती हैं जैसे अच्छा और पौष्टिक भोजन लेना, पानी ज्यादा पीना, फल-सब्ज़ियां अच्छी मात्रा में लेना, फैट्स युक्त चीजें संतुलित मात्रा में खाना। साथ ही शरीर का वज़न उम्र और लंबाई के हिसाब से संतुलित रखें औऱ रोज़ाना कसरत करें या पैदल चलें।  

डिस्क्लेमर – लीवर फेल्योर के लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर के बी जैन, लैप्रोस्कोपिक सर्जन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।    

Note: This information on  Liver Failure, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr K B Jain (Laparoscopic Surgeon) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.