गर्दन की हड्डी के इस दर्द को सर्वाइकल कहते हैं। सर्वाइकल पेन से कैसे पाएं छुटकारा, जानिए डॉक्टर अनुराग अग्रवाल, (पेन स्पाइन फ़िज़िशियन) से।
- क्या है सर्वाइकल पेन यानि गर्दन का दर्द?
- क्या हैं सर्वाइकल पेन के कारण?
- क्या हैं शुरुआती लक्षण?
- क्या है इसका इलाज?
- सर्वाइकल पेन से कैसे बचें?
आजकल लोगों की ज़िंदगी में काम-काज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। लगातार काम करने से शरीर में कई तरह की परेशानी होने लगती है। काम के साथ-साथ हमारे शरीर को आराम की भी ज़रुरत होती है। लेकिन अगर व्यक्ति लगातार ज्यादा वक्त तक काम करे तो शरीर में दर्द हो सकता है। ख़ासकर 8-9 घंटे तक बैठ कर काम करने वाले लोगों को गर्दन में दर्द की शिकायत हो जाती है जिसे सर्वाइकलजिया (Cervicalgia) कहते हैं। सर्वाइकल पेन के मरीज़ों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर अनुराग अग्रवाल, (पेन स्पाइन फ़िज़िशियन)
क्या है सर्वाइकल पेन यानि गर्दन का दर्द? (What is Cervical pain?)
आज तकनीक और इंटरनेट जैसी सुविधाओं ने जहां एक तरफ़ हमारा काम आसान किया है वहीं दूसरी तरफ हमारे स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं भी सामने आने लगी हैं। आज लोग लंबे समय तक ना सिर्फ काम करते हैं बल्कि बैठकर ही शॉपिंग, पढ़ाई और मनोरंजन भी करने लगे हैं जिसकी वजह से शरीर एक ही पोज़िशन में काफ़ी देर तक रहता है और इस कारण लोगों को गर्दन में दर्द होना शुरु हो जाता है। गर्दन के इस दर्द को सर्वाइकलजिया या आम भाषा में सर्वाइकल पेन कहते हैं।
करोना की वजह से ये बीमारी और भी ज्यादा देखने को मिल रही है क्योंकि लोग घर से ही सारे काम कर रहे हैं। इस बीमारी में मरीज़ को गर्दन में भारीपन, दर्द और खिंचाव महसूस होता है, साथ ही गर्दन हिलाने में दिक्कत महसूस होती है। यह दर्द गर्दन से शुरु होकर दोनों हाथों तक भी पहुंच जाता है। कभी-कभी रोगी को सुन्न होने जैसा लगता है और कभी अंदर चुभन महसूस होती है।
क्या हैं सर्वाइकल पेन के कारण? (Causes of Cervical Pain)
इस दर्द के तीन कारण हो सकते हैं जिनमें मस्क्यूलर स्पास्म (Muscular Spasm) यानि मांसपेशियों में ऐंठन, गर्दन की अर्थाराइटिस तथा गर्दन की हड्डी में स्लिप डिस्क होना शामिल है। मस्क्यूलर स्पास्म बैठने के ग़लत तरीके (Posture) की वजह से होता है। ज्यादातर लोग ख़ासकर युवा पीढ़ी लंबे वक्त तक मोबाइल या कंप्यूटर का इस्तेमाल करती है और इस दौरान वे अपने बैठने के तरीके का ध्यान नहीं रखते। कई लोग लेटकर, टेढ़े होकर या फिर झुककर टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर देखते या उसपर काम करते हैं।
दर्द की दूसरी वजह है गर्दन में अर्थाराइटिस होना। गर्दन की रीढ़ की हड्डी में उम्र के साथ ही अर्थाराइटिस के लक्षण आ जाते हैं जिसे ऑर्थो अर्थाराइटिस (Ortho Arthritis) कहते हैं और इससे गर्दन में दर्द होना शुरु हो जाता है। इस तरह का दर्द 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में होता है। तीसरा कारण है सर्वाइकल डिस्क प्रोलैप्स (Cervical Disc Prolapse) जिसमें गर्दन के रीढ़ की हड्डी खिसक जाती है और आसपास की नसों को दबाने लगती है। इसमें सिर्फ़ गर्दन ही नहीं बल्कि हाथों में भी दर्द होता है और झनझनाहट या सुन्न जैसा महसूस होता है।
क्या हैं शुरुआती लक्षण? (Early Symptoms of Cervical Pain)
ज़रुरी नहीं कि शुरुआत में गर्दन की हड्डी में दर्द हो। गर्दन और इसके आसपास के हिस्सों में लगातार तनाव या भारीपन महसूस होना, खिंचाव रहना इसके कुछ लक्षण हैं। साथ ही कंधों में जकड़न महसूस होना और हाथों में दर्द और झनझनाहट या सुन्न होना भी सर्वाइकल की पहचान है। इन सबकी वजह से व्यकित अपने काम में ध्यान नहीं लगा पाता है। कभी-कभी दर्द इतना बढ़ जाता है कि मरीज़ अपनी गर्दन को हिला तक नहीं पाता।
क्या है इसका इलाज? (Treatment of Cervical Pain)
अगर दर्द कई महीनों तक बना रहे और खासकर सुबह उठने के बाद गर्दन में जकड़न महसूस हो तो डॉक्टर से जांच ज़रुरी कराएं क्योंकि ये इन्फलामेट्री आर्थराइटिस (Inflammatory Arthritis) भी हो सकता है। डॉक्टर शुरुआत में दवाइयां, फिज़ियोथेरेपी और मसाज के द्वारा इलाज करते हैं। लेकिन अगर आराम ना मिले तो डॉक्टर इसकी सघन जांच करके कारण का पता लगाते हैं। अर्थाराइटिस या स्लिप डिस्क की वजह से दर्द होने पर मरीज़ों को रेडियो फ्रीक्वैएंसी ट्रीटमेंट (Radio Frequency Treatment) दिया जाता है लेकिन अगर इनसे भी स्थिति ना सुधरे तो सर्जरी की जाती है।
सर्वाइकल पेन से कैसे बचें? (Prevention of Cervical Pain in Hindi)
थोड़ी सावधानी बरतने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। सबसे पहले काम करने के दौरान अपने शरीर की स्थिति (Posture) को ठीक रखना चाहिए। पढ़ने, टीवी देखने या कंप्यूटर पर काम करते वक्त पोज़िशन सही होना ज़रुरी है। कंप्यूटर पर काम करते वक्त यह ध्यान देना चाहिए कि स्क्रीन आंखों की सीध में हो यानि ठीक सामने। टाइपिंग करते समय अपने हाथों को कुर्सी या किसी और चीज़ से स्पोर्ट देना चाहिए। इसके अलावा हर आधे घंटे में अपने काम से ब्रेक लेना बहुत ज़रुरी है। साथ ही अपने गर्दन को धीरे-धीरे हर तरफ़ घुमाएं और लंबी सांस लें। शराब का सेवन या धूम्रपान करने से बचना चाहिए। इन सभी उपायों को अपनाने से सर्वाइकल के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
डिस्क्लेमर – सर्वाइकल पेन यानि गर्दन के दर्द की बीमारी, इसके लक्षण, कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर अनुराग अग्रवाल (पेन स्पाइन फ़िज़िशियन) द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।
Note: This information on Cervical Pain, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Anurag Agarwal (Pain Spine Physician) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.