फंगल इंफेक्शन कई तरह का होता है। इससे कैसे बचाव किया जा सकता है और कैसे होता है इसका इलाज बता रही हैं डॉक्टर कंचन श्रीवास्तव, त्वचारोग विशेषज्ञ

सिर में होना वाला टीनिया कैपीटिस (Tinea Capitis) भी एक फंगल इंफेक्शन है। इसमें सिर पर गोल चकत्ते हो जाते हैं और पस वाले दाने भी भर जाते हैं। इस तरह का इंफेक्शन ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलता है। कुछ इंफेक्शन नाखुनों में होता है जिसमें नाखून मोटे और पीले पड़ जाते हैं, इनमें सफेद पस जम जाता है और नाखुन कमज़ोर होकर टूटने लगते हैं। मुंह में होने वाले इंफेक्शन (Candidiasis) में सफ़ेद परत जमा हो जाती है।  

क्या है सेहुँआ इंफेक्शन? (What is Tinea versicolor in Hindi?) 

कई बार शरीर पर खासकर पीठ और सीने में सफ़ेद या काले रंग के चकत्ते हो जाते हैं जो एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जिसे सेहुँआ कहा जाता है। आमतौर पर इस तरह के संक्रमण को ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है। इसमें लंबे समय तक दवाईयां खानी पड़ सकती हैं। 

क्या हैं इसके लक्षण? (Symptoms of Tinea versicolor in Hindi) 

अगर शरीर के किसी भी हिस्से में लाल चकत्ते पड़ते हैं और बहुत ज्यादा खुजली होती है तो यह फंगल इंफेक्शन हो सकता है। ये चकत्ते गोल दिखायी देते हैं और इनके किनारे उभरे हुए होते हैं इसलिए इन्हें रिंगवार्म इंफेक्शन भी कहते हैं। इसमें पस के दाने भी हो जाते हैं। ये संक्रमण बच्चों में ज्यादा होता है और अगर वक्त पर इलाज ना कराया जाए तो ये शरीर पर हमेशा के लिए निशान छोड़ सकते हैं और गंभीर स्थिति में घाव भी बन सकते हैं।  

क्या है फंगल इंफेक्शन का इलाज? (Treatment for Fungal Infection) 

फंगल इंफेक्शन होने पर किसी भी तरह की क्रीम या बाज़ार में मिलने वाली दवाई का खुद से उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें एस्टॉराइड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे आराम तो तुरंत मिलता है लेकिन ये क्रीम फंगल जीवाणु को पूरी तरह से ख़त्म नहीं कर पाते। शुरुआत में इंफेक्शन को एंटी फंगल क्रीम से ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर इंफेक्शन काफ़ी बढ़ जाए तो ऐसे में एंटी फंगल टैबलेट लेनी चाहिए। सिर में इंफेक्शन होने पर एंटी फंगल शैंपू और लोशन दिया जाता है। वहीं मुंह और जनांनघों के लिए स्पेशल क्रीम और लोशन दिया जाता है। नाखुनों के लिए नेल पॉलिश की तरह दवाइयां और एंटी फंगल पाउडर दिया जाता है। कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर इंजेक्शन भी देते हैं।  

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कैसे करें बचाव? (How to take care ourselves?)

सबसे ज्यादा ज़रुरी है त्वचा को सूखा और साफ़ रखना। अगर पसीने आएं या नमी रहे तो पाउडर लगाते रहना चाहिए। अगर घर में किसी को इंफेक्शन है तो उस व्यक्ति के तौलिये, चादर, कपड़े, मोज़े वग़ैरह का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। टाइट और बहुत ज्यादा समय तक जूते पहनने से बचना चाहिए। कॉटन के कपड़े और मोज़े पहनने चाहिए। गर्म पानी में कपड़े धोकर अच्छी तरह उन्हें सुखाएं। अंडर गारमेंट्स का ख़ास ध्यान रखें। त्वचा में खुजली या लाल चकत्ते पड़ने पर तुरंत डॉक्टर को दिखांए। कम इंफेक्शन होने पर 2-4 हफ्ते और इंफेक्शन गंभीर होने पर 6-8 हफ्तों तक दवाईयां खानी चाहिए। रोगी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाई को बीच में ना छोड़ें। ये सभी उपाय करने से फंगल इंफेक्शन से आसानी से बचा जा सकता है। 

डिस्क्लेमर – फंगल इंफेक्शन की बीमारी, इसके लक्षण, कारण तथा इलाज पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर कंचन श्रीवास्तव, त्वचा रोग विशेषज्ञ (डर्मोटॉलॉजिस्ट) द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on  Fungal Infection, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Kanchan Srivastava (Dermatologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.