कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने बहुत जल्द ही लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। लाखों की तादाद में लोग इससे संक्रमित हुए हैं और पहले से कहीं अधिक संख्या में लोगों की मौत भी हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह और इससे बचाव के बारे में बता रहे हैं डॉक्टर अंशुमन पांडे।  

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क्या है कोरोना मामलों में बढ़ोतरी का कारण? (What is the reason for rise in COVID cases in Hindi)

कोरोना की पहली लहर के बाद लोगों को जो ज़रूरी सावधानियां बरतनी चाहिए थीं, वो नहीं बरती गईं। लोगों का बड़े बड़े समूहों में इकट्ठा होना जारी रहा, सामाजिक दूरी नहीं बनायी गई और साथ ही वैक्सीनेशन को भी अपनाने में देरी की गई। कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का अच्छी तरह से पालन नहीं किया गया। 

   

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कोविड के नए लक्षणों को कैसे पहचानें? (How to identify new symptoms of COVID in Hindi)

कोविड के लक्षण अब बहुत साफ़ तौर पर पहचाने जा सकते हैं। कोरोना वायरस हमारे गले से अंदर दाखिल होकर कोशिकाओं में तेज़ी से अपनी तादाद बढ़ा लेता है और इस फेज़ को इन्फेक्टिंग फेज़ कहा जाता है। इसके शुरूआती लक्षण चौथे या पांचवें दिन में गले की ख़राश, खांसी, तेज़ बुखार के रूप में सामने आते हैं। कुछ लोगों में खासकर बच्चों को पेट से जुड़ी दिक्कतें भी होती हैं जैसे कि लूज़ मोशन होना। कुछ लोगों को मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन हो सकता है। इस तरह की स्थिति आठ दिनों तक बनी रह सकती है और धीरे धीरे ठीक हो जाती है लेकिन दिक्कत तब बढ़ जाती है जब ये लक्षण पांचवें दिन से लेकर आंठवें दिन तक के बीच घटने की बजाय और भी ज्यादा हो जाते हैं। ऐसे में मरीज़ की सांस तेज़ चलने लगती है, ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, भूख कम हो जाती है, कमज़ोरी महसूस होती है। ज्यादातर लोगों में कोविड एक सेल्फ लिमिटिंग डीज़ीज़ होता है जिसके लिए शुरूआत में बहुत ज्यादा दवाईयां लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती। अधिकतर लोगों में बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल लेने से और गले की ख़राश दूर करने के लिए ग़रारे करने से ही फ़ायदा मिल जाता है। यहां इस बात का ध्यान ज़रूर रखना चाहिए कि मरीज़ को शुरूआती लक्षण किस दिन आएं हैं, उस दिन से लेकर अगर आने वाले तीन चार दिनों के अंदर सुधार होने लगे तो ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर मरीज़ के लक्षण समय के साथ बढ़ते ही जाते हैं, सांस लेने में तक़लीफ़ होती है, बुख़ार बढ़ता जाता है, ऑक्सीजन की कमी होने लगती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।    

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कोविड से बचाव के लिए क्या करें? (Prevention of COVID in Hindi) 

कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर को अपनाना बेहद ज़रूरी है जिसमें सबसे पहले मास्क लगाने की आदत डालें जिससे कोविड इंफेक्शन का ख़तरा काफ़ी कम हो जाता है, सामाजिक दूरी बनाएं रखें और हाथों को बार बार धोते रहें या सैनिटाइज़ करते रहें। हाथों को बचाने के लिए दास्ताने भी पहन सकते हैं।  

कोविड के इलाज में क्या हैं नए तरीक़े? (Treatment in COVID in Hindi)  

आज के समय कोविड के लिए दो तरह के इलाज को सबसे ज्यादा कारगर पाया गया है जिनमें एक है ऑक्सीजन थेरेपी और दूसरा है एंटी कॉग्यूलेशन और स्टीरॉइड्स का इस्तेमाल। एंटी कॉग्यूलेशन में शरीर की एंटी बॉडीज़ फेफड़ों में चिपक कर थोड़ी ब्लीडिंग और क्लॉटिंग करता है, इसके साथ में मरीज़ को ऑक्सीजन थेरेपी और स्टीरॉइड्स दी जाती है। आज के समय में सभी अस्पतालों में इलाज के यही दो तरीक़े अपनाए जा रहे हैं। इसके अलावा किसी तरह के सुपर इंफेक्शन जैसे ब्लैक फंगस से बचाने के लिए मरीज़ों को दवाइयां दी जाती हैं। साथ ही मल्टी विटामिन सी और ज़िंक के टैबलेट दिए जाते हैं जिससे इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है। आने वाले समय में डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई 2 डीऑक्सी डी ग्लूकोज़ एंटी कोविड ड्रग का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा जो वायरस को नष्ट करने में सक्षम है। इसके अलावा ज़ायडस कैडीला की सिंगल शॉट इंटरफेरॉन इंजेक्शन भी बाज़ार में उपलब्ध हो गई है।      

Remdesivir Treatment in COVID

इलाज में कितना कारगर है रेमडिसिवियर? (How effective is Remdesivir in treatment in Hindi)

रेमडिसिवियर को लेकर अमेरिका में कुछ अध्ययन हुए थे जिसमें ये पाया गया था कि रेमडिसिवियर मरीज़ों की ऑक्सीजन पर निर्भरता और अस्पताल में भर्ती होने की संभावनाओं को कम करता है। हालांकि इसने कभी भी मृत्यु दर को कम नहीं किया है। इसी तरह की और भी दवाइयां हैं जिससे मृत्यु दर कम नहीं हुई हैं। इसी तरह स्टीरॉइड्स के कई फ़ायदे तो हैं लेकिन साथ में ये शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ा देता है और इम्यूनिटी को कम कर देता है जिससे दूसरी बीमारियों के लगने का डर रहता है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवाइयां ख़ुद से ना लें। किसी भी तरह के लक्षणों को अनदेखा ना करें, लक्षण दिखने पर ख़ुद को आइसोलेट कर लें और डॉक्टर से संपर्क करके दवाइयां लेना शुरू करें।  

डिस्कलेमर – कोविड के इलाज के लिए क्या है नए तरीक़े और क्या है भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह, इस पर लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर अंशुमन पांडे, सर्जिकल गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on New Symptoms & Treatments of COVID, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Anshuman Pandey (Surgical Gastroenterologist) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.