मुँह में छाले यानि माउथ अल्सर वैसे तो बहुत ही आम बात है लेकिन इससे व्यक्ति बहुत परेशान भी हो जाता है क्योंकि मुँह में छाले होने पर बहुत अधिक दर्द होता है और खाने-पीने में दिक्कत होती है। किस तरह के पदार्थ का सेवन करने से मुँह के छाले हो सकते हैं और कैसे इससे बचें, बता रहे हैं डॉ एच पी सिंह।

मुँह के छाले (माउथ अल्सर) किसे कहते हैं? (What are mouth ulcers in Hindi)

हमारे शरीर में सामान्य खाल के अंदर भी एक खाल होती है जिसे म्यूकोसा कहा जाता है। जब भी हम कुछ गर्म, मसालेदार या फिर किसी ऐसे पदार्थ का सेवन करते हैं जिससे म्यूकोसा ख़राब हो जाए और म्यूकोसा दिखने लगे तो इसे माउथ अल्सर कहते हैं।

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मुँह के छाले होने के क्या कारण हैं? (Causes of mouth ulcers in Hindi)

जो लोग सिगरेट, तम्बाकू गुटखा, पान मसाला वगैरह का अधिक सेवन करते हैं तो उनमे मुँह के छाले होने की अधिक संभावना रहती है। इसके अलावा, ऑटो इम्यून डिजीज़ और पाचन क्रिया में गड़बड़ी होने पर भी माउथ अल्सर होता है। कुछ नॉन हीलिंग अल्सर कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। बहुत से ऐसे रोग हैं जिसके कारण बार-बार मुँह में छाले पड़ने की समस्या होती है जिनमें से एक है एप्थेस अल्सर। ऐप्थस अल्सर होने का वैसे तो सटीक कारण पता नहीं लग पाता लेकिन ऐसा माना जाता है कि ये पेट की गड़बड़ी और शरीर में विटामिन,  मिनरल्स की कमी से ही होता है। इसके अलावा, जो लोग तम्बाकू, गुटखा, पान मसाला का सेवन करते हैं उनमें ओरल सबम्यूकोसा फाइब्रोसिस हो जाता है जिससे उनकी खाल में खिंचाव पैदा होता है और अल्सर बनते हैं। इन पदार्थों के बहुत अधिक सेवन से आगे जाकर ये अल्सर कैंसर में भी बदल सकते हैं।

छाले होने पर क्या-क्या हो सकता है? (What can happen if there is a blister in Hindi)

छाले होने पर सबसे अधिक परेशानी जो होती है वो है किसी भी चीज़ के खाने पर दर्द होना। इसके अलावा, व्यक्ति को मुँह खोलने में भी दिक्कत होती है। छालों से ख़ून भी आ सकता है और ये आगे जाकर कैंसर में भी बदल सकते हैं।

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अल्सर कितने तरह का होता है? (How many types of ulcers are there in Hindi)

मुँह के छालों को माइनर एप्थेस अल्सर और मेजर एप्थेस अल्सर में बांटकर देखा जा सकता है। माइनर अल्सर में दर्द होता है लेकिन ये कुछ दिनों में दवाइयों से ठीक भी हो जाते हैं। जबकि मेजर अल्सर अगर मुहँ के उस भाग में हो जो खाने-पीने में अधिक इस्तेमाल हो रहा हो तो ऐसे में इसे ठीक होने में काफ़ी समय लगता है। इसके अलावा, कुछ ऐसे अल्सर भी होते हैं जो ठीक नहीं होते और धीरे-धीरे फैलते हैं। इस तरह के अल्सर को कैंसर का लक्षण मानकर डॉक्टर आगे की जांच करके इलाज करते हैं।

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कौन से घरेलू उपचार किए जा सकते हैं? (What home remedies can be done in Hindi)

वैसे तो मुँह के छालों के लिए डॉक्टर से ही संपर्क करना चाहिए लेकिन यदि मरीज़ डॉक्टर के पास जाने में असमर्थ है तो ऐसे में घर पर शहद या मुलेठी जैसी चीज़ों को मुँह में रखना चाहिए जिससे दर्द में थोड़ी राहत मिलती है। आजकल कई तरह की दवाइयां भी आ गई हैं जिसे घर पर इस्तेमाल करते हैं और इसमें हल्दी का सत्व होता है। किसी का जूठा खाने से मुँह के छाले नहीं होते लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए क्योंकि मरीज़ के मुँह में मौजूद किसी तरह का इंफेक्शन दूसरे में जा सकता है।

क्या मुँह के छाले कैंसर के लक्षण हैं? (Are ulcers a symptom of cancer in Hindi)

आमतौर पर छाले कैंसर नहीं होते हैं लेकिन कुछ छाले कैंसर में बदल सकते हैं और इसके लिए लक्षणों को समझना ज़रूरी है। कैंसर के छालों में बहुत अधिक दर्द होता है, ये जल्दी ठीक नहीं होते, इनसे ख़ून भी आता है और ये धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। साथ ही मुंह में घाव भी हो जाता है।

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छाले होने पर क्या नहीं खाएं? (What not to eat if you have ulcers in Hindi)

मुँह के छाले होने पर बहुत ज़्यादा गर्म, ठंडा या ऐसे पदार्थ नहीं खाने चाहिए जो जलन पैदा करें जैसे कि मसालेदार भोजन, गुटखा, तंबाकू, पान मसाला वगैरह।

मुँह के छाले ठीक करने का इलाज (Treatment to cure mouth ulcers in Hindi)

अगर छाले सामान्य हैं तो ऐसे में दर्द कम करने के लिए पेन किलर दिया जाता है और साथ ही मुँह के अंदर लगाने के लिए भी दवाई दी जाती है जिससे अल्सर 10 से 15 दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं। साथ ही मुँह के छाले होने के कारणों का पता लगाकर उसे भी ठीक किया जाता है। इसके अलावा, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा के सेवन से मुँह के छाले हो रहे हैं तो ऐसे लोगों को इन पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए। वहीं कैंसर के रूप में होने वाले छालों के लिए आगे की जांच करके इलाज किया जाता।

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माउथ अल्सर से कैसे बचें? (How to prevent mouth ulcers in Hindi)

मुँह के छाले अधिकतर खाने-पीने की गलत आदतों के कारण ही होते हैं इसलिए बहुत अधिक तला-भुना, गर्म, ठंडा, मसालेदार या फिर तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा का सेवन करने से बचें। इसके बाद भी अगर मुँह के छाले ठीक न हों तो डॉक्टर से सलाह लें।

डिसक्लेमर- मुँह के छाले यानि माउथ अल्सर के कारण, इलाज तथा बचाव पर लिखा गया यह लेख पूर्णतः डॉक्टर एच पी सिंह, ईएनटी सर्जन द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This information on Mouth Ulcers, in Hindi, is based on an extensive interview with Dr Hp Singh (ENT Surgeon) and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.