आजकल सोशल मीडिया और यूट्यूब पर ऐसे कई वीडियो और पोस्ट डाले जा रहे हैं जिनमें कोविड-19 की रोकथाम के लिए स्टीम यानि भाप लेने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन इसके फैक्ट चेक के दौरान ये पाया गया है कि ऐसी किसी भी तरह की बात डॉक्टरों या किसी भी मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा आधिकारिक तौर पर अब तक नहीं कही गई है।
आमतौर पर लोग सांस से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों से राहत पाने के लिए स्टीम इनहेलेशन यानि भाप लेते हैं। डॉक्टर भी गले और नाक से जुड़ी समस्याएं जैसे कि सिरदर्द, भरी हुई नाक, गले की ख़राश, बंद नाक और खांसी वगैरह के लिए भाप लेने की सलाह देते हैं जिससे लोगों को काफ़ी हद तक राहत मिलती है।
लेकिन कोरोना वायरस के बचाव के लिए भाप असरदार है, ये बात साबित नहीं है। यूएस की सेंटर्स फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोनोवायरस के लिए उपचार के रूप में भाप की सिफ़ारिश बिल्कुल नहीं की जाती है। सीडीसी के एक प्रतिनिधि के मुताबिक ऐसा कोई भी वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है जो कि कोरोनो वायरस के ख़ात्मे के लिए स्टीम थेरेपी लेने की बात कहता है।
स्टीम इनहेलिंग का उपयोग जुकाम और ऊपरी सांस नली में हुए किसी तरह के संक्रमण के लिए घरेलू उपचार के रूप में किया जाता है लेकिन कोरोना वायरस से बचाव के लिए ये प्रभावी नहीं है बल्कि इसके ज्यादा इस्तेमाल से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
ज्यादा स्टीम इनहेलिंग के कारण नाक और गले के अंदरूनी मुलायम हिस्सों को नुकसान पहुंच सकता है। हमारे नाक के अंदर की तरफ़ एक खाली ट्यूब की तरह दिखने वाला हिस्सा होता है जिसे गलकोष यानि फैरिंक्स (Pharynx) कहा जाता है। यह फैरिंक्स गले के अंदर हवा की नली यानि ट्रैकिया (Trachea) और भोजन की नली (Esophagus) के उपरी भाग से मिल जाती है। ज्यादा भाप लेने के कारण फैरिंक्स और ट्रैकिया दोनों को ही नुकसान पहुंचता है। इनमें जलन पैदा हो सकती है और ये छिल सकते हैं। ऐसी स्थिति में, कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए किसी भी अप्रमाणिक दावों पर नहीं बल्कि सिर्फ़ डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह पर ही अमल करें।