वर्ल्ड लिवर डे यानि विश्व यकृत दिवस हर साल 19 अप्रैल को मनाया जाता है जिसका उद्देश्य है लिवर से जुड़ी बीमारियों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना। दुनिया भर में लाखों लोग लिवर से जुड़ी बीमारियों से ग्रसित पाए जाते हैं। वर्ल्ड लिवर डे पर लिवर से जुड़ी बीमारियों, उनके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बता रहे हैं डॉ शक्ति प्रसाद चौधरी, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट।  

भारत में लगभग एक तिहाई लोग लिवर में फैट्स यानि फैटी लिवर के रोग से पीड़ित हैं। भारत में कैंसर से होने वाली मौतों में लिवर कैंसर दूसरे स्थान पर है इसलिए इसके बारे में सभी को जागरूक करना ज़रूरी है।

लिवर की बीमारी के प्रकार (Types of liver disease in Hindi)

लिवर की बीमारी अधिकतर वायरल हेपेटाइटिस जिसमें हेपेटाइटिस A, B, C, D, और E के कारण होती है जो कि किसी तरह के इंफेक्शन से पैदा होती है। हालांकि, भारत में हेपेटाइटिस D नहीं पाया जाता है। इसके अलावा किसी भी दूसरे तरह के इंफेक्शन जैसे कि मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया भी हेपेटाइटिस होने के कारण हैं जिनसे लिवर से जुड़े रोग हो सकते हैं। इन सभी को नॉन हेपोटोट्रोपिक कहा जाता है। इनके अलावा शराब के सेवन से, मोटापा, थायरॉइड, डायबिटीज़ और जेनेटिक कारणों से भी लिवर की बीमारियां जन्म लेती हैं।

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लिवर के रोगों के लक्षण (Symptoms of liver disease in Hindi)

मां के गर्भ में पल रहे बच्चे में रक्त का निर्माण लिवर ही करता है। वहीं, जन्म के बाद से शरीर में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित और खाए गए भोजन का अवशोषण भी लिवर द्वारा ही होता है। इन सभी के अलावा कॉलेस्ट्रॉल, शुगर, मिनरल्स वगैरह को लिवर ही नियंत्रित करता है इसलिए लिवर की बीमारी के रोगों के लक्षण भी इससे जुड़े ही देखने को मिलते हैं। भूख ना लगना, भोजन का पाचन सही से नहीं होना, थकावट होना, शुगर नियंत्रित ना रहना वगैरह इसके लक्षण हो सकते हैं। यही नहीं, इनके अलावा ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, किडनी की बीमारियां होना भी लिवर की ख़राबी से ही जुड़े हैं।

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लिवर के रोगों के कारण (Causes of liver diseases in Hindi)

आज के समय में लिवर ख़राब होने का सबसे मुख्य कारण है शराब का सेवन लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि साल 2030 तक शराब के बिना भी लिवर ख़राब होने के प्रमुख कारण डायबिटीज़, मोटापा और थायरॉइड जैसी बीमारियां हो सकती हैं। दूसरा कारण है हेपेटाइटिस बी और सी जबकि तीसरा प्रमुख कारण है ऑटो इम्यून डीज़ीज़ यानि इम्यूनिटी की गड़बड़ी के कारण लिवर से जुड़े रोग होना। इनके अलावा कुछ जेनेटिक कारणों से भी लिवर ख़राब हो जाता है।

लिवर को कैसे रखें स्वस्थ? (How to keep liver healthy in Hindi)

लिवर में अगर दस प्रतिशत से ज्यादा फैट्स जमा हो जाए, तो इसे फैटी लिवर की श्रेणी में रखा जाता है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित भोजन लेना चाहिए और नियमित तौर पर व्यायाम करना ज़रूरी है। लिवर की बीमारी होने पर भी सभी तरह का आहार लिया जा सकता है लेकिन ये ध्यान रहे कि इनमें कैलोरी की मात्रा कम होनी चाहिए। हफ्ते में पांच दिन कम से कम आधे घंटे तक का व्यायाम ज़रूर करना चाहिए जिसमें कि शरीर से पसीना निकले। इसके अलावा आपको अपने वज़न को भी कंट्रोल में रखना बेहद ज़रूरी है। एक व्यक्ति का वज़न कितना होना चाहिए, ये उसकी शरीर की लंबाई से तय होता है।

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अगर किसी व्यक्ति की लंबाई 160 सेंटीमीटर है, तो उसमें से 100 घटा दें, इसका मतलब है कि उसका वज़न 60 किलो होना चाहिए। एक व्यक्ति की सेंटीमीटर में जो भी लंबाई है, उसमें से 100 घटाकर, उसका आदर्श वज़न निकाला जाता है। इसके अलावा अगर व्यक्ति को डायबिटीज़, थायरॉइड या लीवर से जुड़ी कोई बीमारी है तो निकाले गए वज़न में से दस प्रतिशत और घटा दें। वहीं हेपेटाइटिस बी के कारण होने वाले लिवर के रोगों से बचाव के लिए टीके लगवाने चाहिए। हेपेटाइटिस सी होने पर डॉक्टर से उचित इलाज कराएं और छह महीने के दवाई के कोर्स को पूरा करें जिससे हेपेटाइटिस सी ठीक हो जाता है। शराब का सेवन बिल्कुल बंद करें और धूम्रपान से भी बचें क्योंकि इससे लिवर के ख़राब होने की आशंका ज्यादा रहती है।

डॉक्टर की सलाह (Doctor’s advice in Hindi)

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए लोगों को जागरूक करना बहुत आवश्यक है। लिवर को ख़राब होने से बचाने के लिए वज़न को कंट्रोल करे, मोटापे से बचें, संतुलित आहार लें, नियमित तौर पर व्यायाम करें और ज़रूरी टीके लगवाएं। इन सभी उपायों को करने पर हम लिवर से जुड़े रोग और लिवर कैंसर से होने वाली मौतों को कम कर सकते हैं।

डिस्कलेमर – विश्व लिवर दिवस पर लिवर से जुड़े रोग, उनके लक्षण, कारण और बचाव के बारे में लिखा गया यह लेख पूर्णत: डॉक्टर शक्ति प्रसाद चौधरी, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट द्वारा दिए गए साक्षात्कार पर आधारित है।

Note: This article, written on World Liver Day about Liver Diseases, their symptoms, causes and prevention, is based entirely on an interview given by Dr Shakti Prasad Chaudhary, a gastroenterologist, and is aimed at creating awareness. For medical advice, please consult your doctor.