हर एक व्यक्ति को दिनभर में लगभग तीन से चार लीटर पानी पीना आवश्यक है क्योंकि इससे पाचन सही प्रकार होता है और साथ ही ज़हरीले पदार्थ पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान सही मात्रा में पानी पीना और भी ज़रूरी हो जाता है, आइए जानते हैं क्यों?
प्रेगनेंसी में महिला के साथ होने वाले शिशु के लिए भी अतिरक्त पानी की आवश्यकता पड़ती है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में मौजूद ख़ून करीब 45 प्रतिशत तक गाढ़ा हो जाता है जिससे उसके प्रवाह करने की गति में कमी आती है लेकिन यदि पानी की सही मात्रा शरीर में रहे तो ख़ून की आवाजाही भी नियंत्रित रहती है।
गर्भावस्था के समय अगर सही मात्रा में शरीर को पानी ना मिले तो इसके दुष्प्रभाव भी दिखने लगते हैं जैसे कि सिर में दर्द रहना, थकावट महसूस होना, घबराहट और चिंता होना, मूड ख़राब रहना और यहां तक कि याददाश्त में भी कमी होने लगती है। आमतौर पर एक गर्भवती महिला को इस दौरान कब्ज़ की समस्या के साथ ही यूरीन में इंफेक्शन की दिक्कतें भी होती हैं लेकिन अगर हर रोज़ सही मात्रा में पानी पिया जाए तो इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। पानी पीने से भोजन को अच्छी तरह पचाने में मदद मिलती है, इसके अलावा पेशाब के रास्ते में जलन, खुजली और दूसरी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।
अब बात आती है कि एक गर्भवती महिला को कितना पानी पीने की आवश्यकता है। एक गाइडलाइन के मुताबिक प्रेगनेंट महिला को दिनभर में औसतन 2.5 लीटर पानी ज़रूर पीना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि हर महिला की स्थिति और ज़रूरत अलग अलग होती है और उन्हें उसके मुताबिक कितना पानी पीना चाहिए ये उनकी स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए बेहतर ये है कि जब भी अपने डॉक्टर के पास जाएं तो उनसे पानी की मात्रा के बारे में ज़रूर पता करें।
याद रखें कि फल, सब्ज़ियों, जूस और दूसरी खाने पीने की चीज़ों से भी शरीर को पानी मिलता है इसलिए गर्भावस्था में फलों और सब्ज़ियों का रस, दूध, लस्सी, नारियल पानी, छाछ, दाल वगैरह को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं।